September 23, 2024

भारत की दो जोड़ियां स्क्वाश मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में

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हांगझोउ
 दीपिका पल्लीकल और हरिंदर पाल सिंह संधू की भारतीय जोड़ी एशियाई खेलों के स्क्वाश मिश्रित युगल मुकाबले में मंगलवार को यहां प्रभावशाली जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रही।

पूल ए के इस मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने जापान की रिसा सुगिमोटो और तोमोताका इंडो को 2-0 (11-5, 11-5) से हराया। अनाहत सिंह और अभय सिंह की एक अन्य भारतीय जोड़ी ने हांगकांग की तसजा विंग तोंग और मिंग होंग जांग की जोड़ी को पूल डी के मैच में 2-0 (11-10, 11-8) से हराया।

दीपिका और हरिंदर के सामने आज शाम में अंतिम आठ मुकाबले में फिलीपींस के जेमिका अरीबाडो और एंड्रयू गारिका की जोड़ी होगी जबकि अनाहत और अभय की जोड़ी कोरिया के यांग योनसू और ली डोंगजुन का सामना करेगी। सौरव घोषाल और तन्वी खन्ना की आज शाम एकल वर्ग के क्वार्टर फाइनल में उतरेंगे।

 

एशियाई खेलों में भारतीय गोताखोरों का निराशाजनक प्रदर्शन जारी

हांगझोउ
 भारतीय गोताखोर सिद्धार्थ बजरंग परदेशी और लंदन सिंह हेमाम मंगलवार को यहां एशियाई खेलों में पुरुषों की तीन मीटर स्प्रिंगबोर्ड स्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में असफल रहे।

सिद्धार्थ प्रारंभिक चरण में 236.35 अंकों के साथ 17वें स्थान पर रहे, जबकि लंदन 207 अंकों के साथ अंतिम स्थान पर रहे, जिससे इस खेल में भारतीय गोताखोरों निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा। स्पर्धा में शीर्ष 12 गोताखोरों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

लंदन इससे पहले सोमवार को पुरुष एक मीटर स्प्रिंगबोर्ड गोताखोरी स्पर्धा में 207.80 अंक के साथ निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए 12वें स्थान पर रहे।

 

लवलीना को पेरिस ओलंपिक का कोटा, प्रीति ने कांस्य जीता

हांगझोउ
 विश्व चैम्पियन लवलीना बोरगोहेन (75 किलो) ने एशियाई खेलों में फाइनल में पहुंचकर ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया जबकि युवा मुक्केबाज प्रीति पंवार को 54 किलो सेमीफाइनल मुकाबले में हारने के बाद कांस्य से संतोष करना पड़ा।

तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना ने सेमीफाइनल में एशियाई चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता थाईलैंड की बेसन मानिकोन को सर्वसम्मति से लिये गए फैसले में हराया।

दूसरी ओर ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी प्रीति को मौजूदा फ्लायवेट चैम्पियन चीन की चांग युआन ने 5.0 से हराया।

पहले तीन मिनट में प्रीति ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए घूंसे बरसाये लेकिन बाद में लय कायम नहीं रख सकी। चीनी खिलाड़ी ने जबर्दस्त आक्रामकता दिखाते हुए उसे कोई मौका नहीं दिया।

पहले दौर में पांच में से चार जज ने चीनी खिलाड़ी के पक्ष में फैसला दिया। दूसरे दौर में प्रीति ने उसका डिफेंस तोड़ने की कोशिश की। प्रीति को सिर के पीछे से मारने पर युआन को चेतावनी भी मिली।

उसने आखिरी तीन मिनट में रक्षात्मक खेल दिखाते हुए जीत दर्ज की।

 

प्रीति को मुक्केबाजी में कांस्य

हांगझोउ
 भारतीय मुक्केबाज प्रीति पंवार को एशियाई खेलों में 54 किलो सेमीफाइनल मुकाबले में मौजूदा फ्लायवेट चैम्पियन चीन की चांग युआन से हारने के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी प्रीति को चांग ने 5.0 से हराया।

पहले तीन मिनट में प्रीति ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए घूंसे बरसाये लेकिन बाद में लय कायम नहीं रख सकी। चीनी खिलाड़ी ने जबर्दस्त आक्रामकता दिखाते हुए उसे कोई मौका नहीं दिया।

पहले दौर में पांच में से चार जज ने चीनी खिलाड़ी के पक्ष में फैसला दिया। दूसरे दौर में प्रीति ने उसका डिफेंस तोड़ने की कोशिश की। प्रीति को सिर के पीछे से मारने पर युआन को चेतावनी भी मिली।

उसने आखिरी तीन मिनट में रक्षात्मक खेल दिखाते हुए जीत दर्ज की।

 

वर्मा और देवताले फाइनल में, तीरंदाजी में भारत के तीन पदक पक्के

हांगझोउ
 मौजूदा विश्व चैम्पियन ओजस देवताले ने परफेक्ट 150 स्कोर करके एशियाई खेलों में पुरूषों की व्यक्तिगत कंपाउंड तीरंदाजी स्पर्धा के फाइनल में पहुंच गए जहां उनका सामना हमवतन अभिषेक वर्मा से होगा जिससे भारत का स्वर्ण और रजत पदक पक्का हो गया।

वहीं ज्योति सुरेखा वेन्नम ने अपने सारे अनुभव का इस्तेमाल करके हमवतन अदिति स्वामी को हराकर महिला कंपाउंड व्यक्तिगत फाइनल में प्रवेश कर लिया।

भारत के तीरंदाजी में तीन पदक पक्के हो गए हैं और सात अन्य स्पर्धाओं में भारतीय पदक की दौड़ में हैं।

बर्लिन में दो महीने पहले सीनियर विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतने वाले देवताले ने दक्षिण कोरिया के सातवीं वरीयता प्राप्त यांग जाएवोन को 150.146 से हराया। उन्होंने 15 तीर पर परफेक्ट 150 स्कोर किया।

 

 

 

वहीं वर्मा ने दक्षिण कोरिया के शीर्ष वरीयता प्राप्त जू जाएहून को 147.145 से मात दी।

महिला वर्ग में चार दौर के बाद एक अंक से आगे चल रही सीनियर विश्व चैम्पियन 17 वर्ष की अदिति की लय टूटी और ज्योति ने 149.146 से जीत दर्ज की। ज्योति को अपना आदर्श मानने वाली अदिति ने अगस्त में बर्लिन में सीनियर विश्व चैम्पियनशिप में उसे 149.145 से हराया था।

पहले छह तीर पर दोनों ने 60.60 स्कोर किया लेकिन तीसरे दौर में ज्योति की लय टूटी। अदिति दस का स्कोर बनाती रही लेकिन आखिरी दौर में चूकने का उसे खामियाजा भुगतना पड़ा।

अब वह कांस्य पदक के लिये खेलेगी जबकि तीसरी बार एशियाई खेलों में उतरी ज्योति की नजरें पहले स्वर्ण पर लगी होंगी।

ज्योति ने 2018 में रजत और 2014 में कांस्य पदक जीता था।

इससे पहले चौथी वरीयता प्राप्त अदिति ने 15 तीरों में से सिर्फ एक अंक गंवाकर फिलीपींस की अमाया अम्पारो कोजुआंको को 149.146 से हराया।

वहीं विश्व कप पदक विजेता ज्योति ने नौवीं वरीयता प्राप्त कजाखस्तान की एडेल जेशेन्बिनोवा को 147.144 से मात दी।

पुरूष वर्ग के क्वार्टर फाइनल में 2014 के रजत पदक विजेता वर्मा ने कजाखस्तान के आंद्रे टी को हराया। स्कोर 147.147 से बराबर रहने के बाद इनर 10 अधिक लगाने के कारण वर्मा को विजयी घोषित किया गया।

वहीं देवताले ने 150 में से 150 स्कोर करके कजाखस्तान के अकबरअली कारबायेव को हराया।

भारत को पुरूषों की केनोए युगल 1000 मीटर में ऐतिहासिक कांस्य

हांगझोउ
भारत के अर्जुन सिंह और सुनील सिंह सालाम ने एशियाई खेलों में मंगलवार को पुरूषों की केनोए 1000 मीटर युगल स्पर्धा में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता।

भारतीय जोड़ी ने 3 : 53 .329 सेकंड का समय निकालकर तीसरा स्थान हासिल किया।

एशियाई खेलों के इतिहास में केनोए में भारत का यह दूसरा ही पदक है। भारत के सिजि सदानंदन और जॉनी रोमेल ने इससे पहले 1994 में हिरोशिमा खेलों में इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।

उजबेकिस्तान के शोखमुरोद खोलमुरादोव और नूरिस्लोम तुखतासिन ने स्वर्ण पदक जीता जबकि कजाखस्तान के तिमोफे येमेलयानोव और सर्जेइ येमेलियानोव को रजत पदक मिला।

 

मणिपुर के बिष्णुपुर के रहने वाले 24 वर्ष के सुनील दूसरी बार एशियाई खेलों में उतरे हैं। वहीं 16 वर्ष के अर्जुन उत्तर प्रदेश के बागपत के रहने वाले हैं लेकिन अब उत्तराखंड के रूड़की में रहते हैं।

सुनील ने कहा,'' हम पिछली बार भी इस स्पर्धा में पदक जीत सकते थे लेकिन प्रतिस्पर्धा के दिन मेरे जोड़ीदार के बीमार हो जाने से यह नहीं हो सका।''

अर्जुन ने कहा,'' अपने पहले एशियाई खेलों में पदक जीतना सपना सच होने जैसा है। मेरी मां बहुत खुश होगी।''

 

 

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