राजस्थान में अब आसानी से वक्फ होंगी सम्पत्तियाँ
जयपुर.
राज्य मंत्रिमंडल ने राजस्थान वक्फ नियम-2023 का अनुमोदन कर दिया है। इन नियमों के लागू होने से राज्य में वक्फ कार्य अधिक सुगमता, स्पष्टता और पारदर्शिता के साथ हो सकेंगे। केंद्रीय वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 109 में वक्फ के संचालन के लिए नियम बनाने की शक्ति राज्य सरकार को दी गई है।
राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए नियम लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। राजस्थान वक्फ नियम-2023 में वक्फ सम्पत्तियों के मुतवल्ली, प्रबंध कमेटी और प्रबंध योजना के साथ ही मुतवल्ली की शैक्षणिक योग्यता का उल्लेख किया गया है। साथ ही वक्फ सर्वे आयुक्त की नियुक्ति, सर्वे आयुक्त को जांच की शक्तियां और वक्फ सम्पदाओं की सूची के प्रकाशन से सम्बन्धित प्रावधान किए गए हैं।
इसी प्रकार, नियमों में वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति, पदावधि और सेवा सम्बन्धी प्रावधानों के साथ ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी को किसी भी लोक कार्यालय में किसी वक्फ सम्पत्ति से सम्बन्धित अभिलेख, रजिस्टर या दस्तावेजों के निरीक्षण का अधिकार दिया गया है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी बोर्ड की कार्यवाहियों या अभिरक्षा में रखे अभिलेखों के निरीक्षण की आज्ञा निर्धारित फीस और शर्तों के अधीन रहते हुए दे सकेंगे। वहीं, अस्तित्व में नहीं रहीं वक्फ सम्पत्तियों (ओकाफ) की जांच के लिए नियम बनाया गया है। वक्फ सम्पत्ति के प्रशासन से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर बोर्ड द्वारा जांच कराए जाने का प्रावधान भी किया गया है।
राजस्थान वक्फ नियम-2023 में वक्फ जायदादों के लेखों के अंकेक्षण, वक्फ संपत्ति के बिना बोर्ड की अनुमति अंतरित की गई सम्पत्ति को वापस लेने, सम्पत्तियों से अतिक्रमण हटवाने, बोर्ड के विरुद्ध किसी भी वाद में पैरवी के लिए वक्फ बोर्ड अध्यक्ष या मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्राधिकृत करने और बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट संबंधी प्रावधान भी किए गए हैं।