केंद्रीय मंत्री शेखावत की राजस्थानी राह नहीं आसान
जयपुर.
राजस्थान में बीजेपी एमपी वाला फार्मूला अपना सकती है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत करीब एक दर्जन सांसदों को चुनाव लड़ाने की चर्चा सियासी गलियारों में है। चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को सीएम गहलोत के खिलाफ जोधपुर की सरदारपुरा से विधानसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि, शेखावत ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। शेखावत बार-बार कह रहे है कि विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। मु्ख्यमंत्री पद का फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा। सियासी जानकारों का कहना है कि शेखावत भले ही चुनाव लड़ने से इंकार कर रहे हो, लेकिन सीएम फेस की रेस में बराबर बने हुए है। लेकिन राजस्थान बीजेपी में उनके कई सियासी विरोधी है। ऐसे में उनकी राह आसान नहीं होगी।
गहलोत और वसुंधरा राजे मिला सकते हैं हाथ
सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी शेखावत को विधानसभा चुनाव लड़वाती है तो इसका मतलब साफ है कि वह सीएम फेस की रेस में शामिल होंगे। ऐसे शेखावत को सियासी नुकसान पहुंचाने के लिए वसुंधरा राजे और सीएम गहलोत हाथ मिला सकते है। दूसरा बड़ी वजह यह है बीजेपी में शेखावत के कई धुर विरोधी है। जो कभी नहीं चाहेंगे की शेखावत सीएम बने। तीसरी वजह यह है कि बीजेपी शेखावत पर दांव खेलती है तो जातिया समीकऱण गड़बड़ाने का खतरा है। अन्य जातिया बीजेपी से नाराज हो सकती है। शेखावत को वसुंधरा राजे जैसा बड़ा कद नहीं है। हालांकि, सियासी जानकारों कागहलोत कहना है कि वसुंधरा राजे जब सीएम बनी थी तो उनका कद भी भैरोंसिह शेखावत जैसा नहीं है। पांचवा कारण यह हो सकता है कि किरोड़ी लाल मीना समेत कई बड़े नेता है जो अपनी अनदेखी से नाराज हो सकते हैं।
लिस्ट जारी होने पर ही होगी तस्वीर साफ
सियासी जानाकारों का कहना है कि सीएम गहलोत को चुनाव में हराना बेहद मुश्किल है। गहलोत की छवि का उनको हमेशा लाभ मिलता रहा है। चुनाव पूर्व जितने भी सर्वे सामने आए है। उनमें सीएम गहलोत राजस्थान के सबसे लोकप्रिय नेता है। गहलोत के मुकाबला सिर्फ वसुंधरा राजे सिंधिया ही कर सकती है। ऐसे में पार्टी शेखावत को राजस्थान की राजनीति में सक्रिय करती है तो सियासी तौर पर शेखावत को सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है। शेखावत को वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता है। राजे कैंप के नेता शेखावत के लिए मुश्किलें खड़े कर सकते है। सियासी जानकारों का कहना है कि पार्टी ने फिलहाल पूरी तरह से तस्वीर साफ नहीं कि है कि शेखावत चुनाव लड़ेंगे या नहीं है। माना जा रहा है कि पहली लिस्ट जारी होने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।
शेखावत की राह नहीं है आसान
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजस्थान में बीजेपी में शेखावत की राह आसान नहीं होने जा रही है। विश्लेषकों के मुताबिक अब तक शेखावत की कई विरोधी है। ऐसे में केंद्र सरकार में मंत्री पद अच्छा विकल्प है। उनके समर्थकों को बीजेपी के सत्ता में आने पर मंत्री बनाया जा सकता है। बता दें शेखावत ने जोधपुर से सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को हराया था। शेखावत की जीत काफी बड़ी मानी गई। शायद यही वजह है कि पीएम मोदी ने कैबिनेट मंत्री बना दिया। हालांकि, सीएम गहलोत शेखावत पर जोधपुर की उपेक्षा करने के आरोप लगाते रहे हैं।