पति को पहले टांगी से काटा फिर खुद कुएं के अंदर 10 घंटे तक बैठी रही
धनबाद.
तेलीपाड़ा के दामोदरपुर के आदिवासी टोले के टांडीडीह में 28 वर्षीय अजीत हांसदा का लहूलुहान शव घर में मिला। बुधवार की सुबह शव मिलने की खबर से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। धनबाद के तेलीपाड़ा के दामोदरपुर के आदिवासी टोले के टांडीडीह में 28 वर्षीय अजीत हांसदा का लहूलुहान शव घर में मिला। बुधवार की सुबह शव मिलने की खबर से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। अजीत हांसदा को किसी और ने नहीं बल्कि उसकी पत्नी ने ही टांगी से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। पति दूसरी लड़की से फोन पर बात करता था यही पत्नी को नागवार गुजरा। पति को मौत की नींद सुलाने के बाद सरस्वती हांसदा ने कुएं में कूद कर जान देने की कोशिश की। कम पानी होने से जान बच गई। पुलिस डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर अरविंद कुमार बिन्हा और धनबाद थाना प्रभारी संतोष कुमार गुप्ता की अगुवाई में पुलिस ने कुएं से सरस्वती को बाहर निकाली। सरस्वती के कृत से अजीत के परिजन व आसपास के ग्रामीण खासे आक्रोशित थे। भीड़ ने सरस्वती पर हमले का भी प्रयास किया। वे लोग खुद सरस्वती को सजा देना चाहते थे। पुलिस ने सरस्वती को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा। दोनों की जनवरी-2014 में शादी हुई थी। अजीत और सरस्वती के दो बेटे हैं।
मेरे साथ नहीं तो किसी और के साथ भी नहीं
पुलिस के समक्ष सरस्वती ने पति की हत्या की बात कबूल ली। बताया कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ता था। इस बात से पति नाखुश था। कुछ दिनों से अजीत दूसरी लड़की से बात कर रहा था। पति मिस्त्रत्त्ी था।
पैसा कमा कर खुद पर खर्च करता था। पैसा मांगने पर छोड़ने की धमकी देता था। अक्सर गाली-गलौज और मारपीट करता था। पति कहता था कि तुम बेटों के साथ अपने मायके या कहीं चले जाओ। सरस्वती ने बताया कि उसने सोचा कि इस जन्म में जब तुम मेरे साथ नहीं रह सकते तो मैं किसी और के साथ भी तुम्हें नहीं जीने दूंगी।
रात में हुआ झगड़ा, सोते ही टांगी से सिर पर किया वार
सोमवार और मंगलवार की रात पति-पत्नी में विवाद हुआ था। पड़ोसियों ने भी उनके झगड़े की बात बताई। रात में जब पति अपने कच्चे मकान में सो गया, तो पड़ोस में रहने वाली अपनी सास लक्खी हांसदा की कुल्हाड़ी उठा कर लाई और पति के सिर पर जोर-जोर से चार वार किए। नींद में होने से अजीत को कोई मौका नहीं मिला।
10 घंटे कुएं में रही कातिल पत्नी
सरस्वती ने बताया कि अजीत की हत्या उसने रात साढ़े 12 बजे कर दी थी। हत्या के बाद उसे भी जीने की इच्छा नहीं थी, इसलिए आधे घंटे बाद वह कुएं में कूद गई। रात एक बजे से सुबह 11 बजे तक 10 घंटे वह कुएं में ही रही। पुलिस अजीत का शव बरामद कर लौट गई। इस बीच किसी ग्रामीण की नजर कुएं में गिरी सरस्वती पर पड़ी। सरस्वती की निशानदेही पर कुल्हाड़ी बरामद कर ली
गई।
मृतक के घरवालों के बयान का इंतजार
पोस्टमार्टम के लिए शव को एसएनएमएमसीएच ले जाया गया। घरवाले अंतिम संस्कार में जुट गए। रात तक कोई हत्या की शिकायत करने या बयान देने के लिए धनबाद थाने नहीं पहुंचा। सरस्वती के ससुर लोदोम हांसदा या सास लक्खी हांसदा के बयान पर केस दर्ज किया जाएगा। सरस्वती का मायका गोविंदपुर के रंगडीह में है। उसने बताया कि सास-ससुर बच्चों को नहीं देखते थे। अब उसके मायके वाले ही दोनों बेटों का लालन-पालन करेंगे। आठ वर्षीय बेटा आर्यन हांसदा और साढ़े चार साल का बेटा साहिल सोया था। बच्चे खून और पिता का चेहरा देख कर न डर जाएं, इसलिए उसने कुल्हाड़ी से लहूलुहान पति के सिर काले रंग की प्लास्टिक बैग से बांध दिया। कुल्हाड़ी धोकर रख दिया।