September 24, 2024

जानिये दिल्ली शराब नीति घोटाला है क्या, 15 महीने की जांच में कब क्या-क्या हुआ?

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नईदिल्ली

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है. जांच एजेंसी ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले की जांच के सिलसिले में एक्शन लिया है. ईडी इस केस में 15 महीने से जांच कर रही है. इससे पहले 26 फरवरी को सीबीआई ने दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. इस मामले में सीबीआई जहां पॉलिसी में गड़बड़ी और करप्शन को लेकर जांच कर रही है. वहीं ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से सच्चाई तक पहुंचने में जुटी है. हम आपको बताएंगे कि दिल्ली शराब घोटाले की 15 महीने की जांच में कब क्या-क्या हुआ?

डेढ़ साल के अंदर दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी AAP से जुड़े तीसरे बड़े नेता की गिरफ्तारी से सियासत भी गरमा गई है. AAP और बीजेपी आमने-सामने हैं. गुरुवार को AAP कार्यकर्ता गिरफ्तारी का विरोध करेंगे. इससे पहले ईडी ने 30 मई, 2022 को एक अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के तत्कालीन मंत्री सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार किया था. बुधवार सुबह ईडी की टीम राज्यसभा सांसद संजय सिंह के नॉर्थ एवेन्यू स्थित सरकारी आवास पर पहुंची. यहां दिनभर की पूछताछ के बाद संजय को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया.

संजय को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा

संजय को गुरुवार को दिल्ली की स्थानीय अदालत में पेश किए जाएगा, जहां ईडी संजय को कस्टडी में दिए जाने की मांग करेगी. गिरफ्तारी से पहले संजय ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया. इसमें उन्होंने कहा, ईडी बिना किसी सबूत के मुझे जबरन गिरफ्तार कर रही है. मुझे मरना स्वीकार है लेकिन झुकना नहीं.

'मैं केजरीवाल का सिपाही, पीछे नहीं हटूंगा'

संजय ने आगे कहा, मैंने अडानी के घोटालों का खुलासा किया और ईडी के पास कई शिकायतें दर्ज कीं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. मोदी जी 2024 का चुनाव बुरी तरह हार रहे हैं. वे अत्याचार करके और लोगों को जेल में डालकर नहीं जीत सकते. हम अरविंद केजरीवाल के सिपाही हैं. अत्याचार के सामने पीछे नहीं हटेंगे.

'दिनेश अरोड़ा के सरकारी गवाह बनने के बाद एक्शन'

संजय सिंह के घर तलाशी और उसके बाद गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब एक दिन पहले ही दिल्ली की एक अदालत ने एक्साइज पॉलिसी घोटाले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा और दिल्ली के व्यवसायी दिनेश अरोड़ा को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी है.

'मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी था दिनेश'

बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल पर ईडी जांच कर रही है और एजेंसी ने व्यवसायी दिनेश अरोड़ा को जुलाई में गिरफ्तार किया था. ईडी का कहना था कि पूछताछ में अरोड़ा कथित तौर पर गोलमोल जवाब दे रहा है और जांच में सहयोग नहीं कर रहा था. बाद में वो ईडी का सरकारी गवाह बन गया. इससे पहले भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर रही सीबीआई ने दिनेश को सरकारी गवाह बनाया था. कहा जाता है कि अरोड़ा कथित तौर पर मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी था और एक्साइज पॉलिसी मामले में आरोपी है. उसे ईडी के साथ-साथ सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया है.

'दिनेश के जरिए मनीष के पास आई रिश्वत की रकम'

ईडी ने एक सप्लीमेंट्री जार्चशीट में सिसौदिया पर दिनेश अरोड़ा के जरिए एक अन्य व्यवसायी और मामले के आरोपी अमित अरोड़ा से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. जांच एजेंसी ने इस रिश्वत को पीएमएलए के तहत 'अपराध से अर्जित आय' बताया है. अमित अरोड़ा ने आबकारी नीति 2021-22 में अपने पक्ष में पॉलिसी चेंज कराने के लिए दिनेश अरोड़ा के जरिए मनीष सिसोदिया को 2.2 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी. ईडी ने मई में दायर अपनी अभियोजन शिकायत में आरोप लगाया.

'LG ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी'

ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति में गड़बड़ियां की गई है. लाइसेंस के लिए रिश्वत देने वाले कुछ डीलरों को नियमों में ढिलाई दी गई. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इस आरोप को लगातार खारिज किया है. बाद में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कथित घोटाले में सीबीआई जांच की सिफारिश की. उसके बाद उत्पाद शुल्क नीति को रद्द कर दिया गया था.

आबकारी घोटाले में कब-क्या हुआ… पूरी टाइमलाइन

–  17 नवंबर, 2020: नई एक्साइज पॉलिसी को दिल्ली में लागू किया गया था.
 22 जुलाई, 2022: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक्साइज पॉलिसी के कार्यान्वयन में कथित नियम उल्लंघन और खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की. यह आदेश तब आया, जब दिल्ली के मुख्य सचिव ने एक रिपोर्ट में कहा कि शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के लिए बड़े स्तर पर नियमों का उल्लंघन किया गया.
28 जुलाई, 2022: आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने विभाग को नई नीति आने तक छह महीने की अवधि के लिए उत्पाद शुल्क नीति की 'पुरानी व्यवस्था' लागू करने का निर्देश दिया.
31 जुलाई, 2022: AAP की सबसे महत्वाकांक्षी योजना दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 को रद्द किया गया. उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेताओं और उनके करीबी सहयोगियों को प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की आंच का सामना करना पड़ रहा है.
17 अगस्त 2022: सीबीआई ने नई उत्पाद नीति (2021-22) में धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी के आरोप में मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अधिकारियों और दो कंपनियों को आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज की.
19 अगस्त 2022: सीबीआई ने मनीष सिसौदिया और AAP के तीन अन्य नेताओं के आवास पर छापेमारी की. दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कई स्थानों पर भी तलाशी ली गई.
22 अगस्त 2022: इस केस में ईडी की एंट्री होती है. सीबीआई से मामले की जानकारी ली जाती है और उत्पाद शुल्क नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करती है.
30 अगस्त 2022: पांच सीबीआई अधिकारियों की एक टीम गाजियाबाद के सेक्टर 4 वसुंधरा स्थित पीएनबी शाखा पहुंची. वहां मनीष सिसौदिया के बैंक लॉकरों की तलाशी ली. सिसौदिया ने दावा किया कि सीबीआई को उनके लॉकरों में कुछ नहीं मिला और जांच एजेंसी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी.
6 और 16 सितंबर 2022: ईडी ने इस मामले से जुड़े आरोपियों के करीबी सहयोगियों, उनके परिसरों और संस्थाओं समेत देशभर में 35 स्थानों पर छापे मारे. मुंबई, तेलंगाना, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भी छापेमारी की गई.
– 19 सितंबर 2022: ईडी ने AAP विधायक दुर्गेश पाठक को तलब किया और उनसे मामले में 10 घंटे तक पूछताछ की गई. सूत्र बताते हैं कि ईडी ने पाठक को डिजिटल साक्ष्य देने और विजय नायर के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछताछ करने के लिए बुलाया था.
27 सितंबर 2022: सीबीआई ने मामले में पहली बड़ी गिरफ्तारी की. AAP के कम्युनिकेशन प्रभारी विजय नायर को गिरफ्तार किया गया. सूत्र बताते हैं कि वो एक्साइज पॉलिसी मामले में प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक हैं.
28 सितंबर 2022: ईडी ने शराब व्यापारी समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया, जो कथित दिल्ली शराब घोटाले के आरोपियों में से एक है. एफआईआर के मुताबिक, इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू द्वारा कथित तौर पर मनीष सिसोदिया के 'करीबी सहयोगियों' को करोड़ों रुपये के कम से कम दो भुगतान किए गए.
7 अक्टूबर 2022: ईडी ने दिल्ली-एनसीआर, तेलंगाना और पंजाब में 35 जगहों पर छापे मारे और तलाशी ली. जांच टीम ने एक्साइज पॉलिसी से जुड़े एक लाभार्थी के ठिकाने से 1 करोड़ रुपये भी जब्त किए.
10 अक्टूबर 2022: सीबीआई ने मामले में एक और गिरफ्तारी की. एजेंसी ने अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया, जो कथित तौर पर दक्षिण भारत के कुछ शराब कारोबारियों के लिए पैरवी कर रहा था.
17 अक्टूबर 2022: मामले में सीबीआई ने पहली बार मनीष सिसौदिया से 9 घंटे तक पूछताछ की. उसके फौरन बाद सिसोदिया ने आरोप लगाया कि AAP को छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने के लिए दबाव डाला गया है.
14 नवंबर 2022: ईडी ने विजय नायर और हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया.
25 नवंबर 2022: सीबीआई ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में अपनी पहली चार्जशीट दायर की, जिसमें मनीष सिसौदिया को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया. चार्जशीट में विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली समेत सात आरोपियों के नाम शामिल किए.
30 नवंबर 2022: ईडी ने मनीष सिसौदिया के करीबी अमित अरोड़ा को गिरफ्तार किया. अरोड़ा गुरुग्राम स्थित बडी रिटेल के निदेशक हैं.
30 नवंबर 2022: ईडी ने इस घोटाले में तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को आरोप बनाया. ईडी ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में दावा किया कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले के मुख्य आरोपी विजय नायर को सरथ रेड्डी, के कविता और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के 'साउथ ग्रुप' से करीब 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली.
11 दिसंबर 2022: सीबीआई ने दिल्ली शराब घोटाले के सिलसिले में के. कविता से हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास पर पूछताछ की.
2 फरवरी, 2023: ईडी ने अपनी चार्जशीट में खुलासा किया कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने समीर महेंद्रू से वीडियो कॉल पर बात की और उनसे विजय नायर पर भरोसा करने को कहा.
9 फरवरी 2023: चेरियट एडवरटाइजिंग के राजेश जोशी को ईडी ने गिरफ्तार किया. कथित तौर पर इस पैसे का इस्तेमाल AAP ने अपने गोवा चुनाव अभियान में किया.
18 फरवरी 2023: सीबीआई ने मनीष सिसौदिया को दोबारा तलब किया. हालांकि, सिसौदिया ने बजट तैयारी का हवाला देते हुए सीबीआई से पूछताछ टालने को कहा. एजेंसी ने नया समन जारी कर उन्हें 26 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया.
26 फरवरी 2023: पॉलिसी मामले में सीबीआई ने एक बार फिर मनीष सिसोदिया से घंटों पूछताछ की. उसके बाद गिरफ्तार किया गया.
– 4 अक्टूबर 2023: ईडी ने संजय सिंह के सरकारी आवास पर छापा मारा. 10 घंटे तक तलाशी ली और पूछताछ की. उसके बाद संजय सिंह को गिरफ्तार किया. मनीष और संजय दोनों ही आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं में से हैं और दोनों ही अब जेल में हैं.
– मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की तरफ से दाखिल आरोपपत्र और दो पूरक आरोपपत्र में आरोपियों की संख्या 25 हो चुकी है. भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने अब तक मनीष सिसोदिया, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली समेत अन्य को गिरफ्तार किया. जबकि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया, संजय सिंह समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

संजय सिंह कैसे फंसे? 

संजय सिंह की गिरफ्तारी के पीछे दिनेश अरोड़ा की गवाही है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इस मीटिंग में संजय सिंह भी मौजूद थे.
– ईडी को दिए बयान में दिनेश अरोड़ा ने बताया कि वो एक प्रोग्राम में संजय सिंह से मिला था और इसके बाद मनीष सिसोदिया से उसकी मुलाकात हुई थी. सूत्रों के मुताबिक, ये प्रोग्राम दिल्ली चुनाव से पहले फंड जुटाने के लिए किया गया था.
– चार्जशीट के मुताबिक, 'दिनेश अरोड़ा सबसे पहले संजय सिंह से मिला था. मनीष सिसोदिया से उसकी मुलाकात अपने रेस्टोरेंट में हुई एक पार्टी में हुई थी. संजय सिंह के कहने पर अरोड़ा ने कई रेस्टोरेंट मालिकों से बात की. अरोड़ा ने दिल्ली चुनाव के लिए पार्टी फंड जुटाया और 32 लाख रुपये का चेक सिसोदिया को सौंपा.

– ईडी ने आरोप लगाया है कि इसके बदले संजय सिंह ने दिनेश अरोड़ा का एक मामला सुलझाया जो एक्साइज डिपार्टमेंट के पास पेंडिंग था.
– चार्जशीट के मुताबिक, 'दिनेश अरोड़ा ने बताया कि सार्थक फ्लेक्स के रिटेल लाइसेंस होल्ड अमित अरोड़ा ने उन्हें और कंवरबीर को सार्थक फ्लेक्स के ज्वॉइंट वेंचर में पार्टनर बनने को कहा था. अमित ने उनसे अपनी दुकान को पीतमपुरा से ओखला शिफ्ट करने में मदद मांगी. लेकिन ये मामला एक्साइज डिपार्टमेंट के पास पेंडिंग था. दिनेश अरोड़ा ने इस मसले को सिसोदिया के सामने उठाया और फिर संजय सिंह के निर्देश पर एक्साइज डिपार्टमेंट ने मामले को निपटा दिया.'

मुख्य सचिव ने रिपोर्ट में क्या कहा था…

दिल्ली के मुख्य सचिव की 8 जुलाई, 2022 की एक रिपोर्ट सामने आई. इसमें प्रथम दृष्टया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन), अधिनियम 1991, व्यापार नियम (ToBR) 1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम 2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम 2010 में नियमों का उल्लंघन किया गया है.
– रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया. लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया और तो और कथित तौर पर एलजी और कैबिनेट की मंजूरी लिए बगैर ही शराब नीति में अहम बदलाव भी कर दिए. मुख्य सचिव ने आरोप लगाया कि कोविड का बहाना बनाकर मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी.
– आरोप लगाया कि एयरपोर्ट जोन में लाइसेंसधारियों को 30 करोड़ वापस कर दिए गए, जबकि ये रकम जब्त की जानी थी, क्योंकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी थी.
– इतना ही नहीं, एक्साइज डिपार्टमेंट ने बिना किसी मंजूरी के विदेशी शराब की कीमतें तय करने का फॉर्मूला संशोधित किया और बीयर पर 50 रुपये प्रति केस की एक्साइज ड्यूटी लेवी हटा दी. आरोप यहीं खत्म नहीं हुए. सिसोदिया पर ये भी आरोप लगा कि उन्होंने बिना किसी मंजूरी के एक्साइज पॉलिसी को दो बार- 1 अप्रैल से 31 मई और 1 जून से 31 जुलाई तक बढ़ा दिया.

क्या थी नई शराब नीति? 

– 22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था. 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई.
– नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई. और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई.
– नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी.
– हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही. जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी.

संजय की गिरफ्तारी पर राजनीति भी हो गई तेज

इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है. विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के कई सदस्यों ने संजय सिंह का समर्थन किया और गिरफ्तारी की निंदा की. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा, गिरफ्तारी से नया गठबंधन और मजबूत होगा.
– दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी को पूरी तरह से अवैध बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि ये बीजेपी का हताशा भरा कदम है. केजरीवाल ने कहा, यह मोदी जी (प्रधानमंत्री) की घबराहट को दर्शाता है. वे चुनाव तक कई और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करेंगे.
– राजद नेता मनोज झा ने कहा, वो बिहार जाति सर्वे के नतीजों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि बीजेपी के इशारे पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और उन्हें हथियार बनाया जा रहा है.
– जबकि बीजेपी ने भी केजरीवाल पर पलटवार किया और उन पर कथित शराब नीति घोटाले का 'किंगपिन' होने का आरोप लगाया. पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया कि केजरीवाल एक 'पापी' और कथित शराब घोटाले के 'किंगपिन' हैं. उन्होंने संजय पर केजरीवाल के 'बाएं हाथ' के रूप में मामले में शामिल होने का आरोप लगाया. भाटिया ने कहा, उनके दाहिने हाथ मनीष सिसौदिया पिछले कई महीनों से जेल में बंद हैं. केजरीवाल का बायां और दाहिना हाथ दोनों भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. यह केजरीवाल ही हैं जो अपनी तिजोरी भरने के लिए अपने सांसदों और मंत्रियों को भ्रष्टाचार करने के लिए मजबूर करते हैं. मैं केजरीवाल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने और यह स्पष्ट करने की चुनौती देता हूं कि क्या उन्हें अरोड़ा (दिनेश) से चेक के जरिए 32 लाख रुपये की रिश्वत नहीं मिली.

 

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