राघव चड्ढा को बड़ा झटका, AAP सांसद को छोड़ना पड़ेगा ‘सरकारी बंगला ‘
नईदिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को अपनी शादी के बाद दिल्ली की अदालत से एक बड़ा झटका लगा है। पटियाला हाउस कोर्ट ने राघव चड्ढा को टाइप-7 बंगला खाली करने का आदेश दिया है। अदालत ने राज्यसभा सचिवालय के नोटिस को सही मानते हुए यह आदेश सुनाया है। 'आप' नेता राघव चड्ढा और अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा और पिछले महीने 24 सितंबर को ही उदयपुर में एक भव्य विवाह समारोह में शादी के बंधन में बंधे हैं।
अदालत ने कहा है कि 'आप' नेता राघव चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि आवंटन रद्द होने के बाद भी उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगले पर कब्जा कायम रखने का पूर्ण अधिकार है।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुधांशु कौशिक ने 18 अप्रैल को पारित उस अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा को सरकारी बंगले से बेदखल नहीं करने का निर्देश दिया गया था।
बता दें कि राघव चड्ढा को मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही में खलल डालने के चलते निलंबित कर दिया गया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि राघव चड्ढा को आवंटित बंगले में रहने का अधिकार नहीं है।
राघव चड्ढा को पिछले साल 6 जुलाई को लुटियन जोन के पंडारा पार्क में 'टाइप 6' बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन उन्होंने 29 अगस्त को राज्यसभा के सभापति को एक ज्ञापन देकर 'टाइप 7' आवास के लिए अनुरोध किया था। इसके बाद उन्हें राज्यसभा पूल से पंडारा रोड पर एक और बंगला आवंटित किया गया। हालांकि, इस साल मार्च में आवंटन रद्द कर दिया गया था।
अप्रैल 2022 में जारी राज्यसभा सदस्य हैंडबुक के अनुसार, पहली बार सांसद के रूप में, चड्ढा सामान्य रूप से टाइप -5 आवास के हकदार हैं। हैंडबुक में कहा गया है कि जो सांसद पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पूर्व राज्यपाल या पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष हैं, वे टाइप-7 बंगलों के हकदार हैं, जो राज्यसभा सांसदों के लिए उपलब्ध दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी है। नियमों से परे जाकर वीआईपी बंगला आवंटन मामले ने बाद में तूल पकड़ लिया था।
नियमानुसार आवंटित हुआ था सांसद
राघव चड्ढा ने कहा कि यह बंगला उन्हें नियमानुसार आवंटित हुआ था। आवास को बिना किसी सूचना के रद्द किया है, जो मनमाने रवैये को दर्शाता है। मेरे कई पड़ोसी पहली बार सांसद बने हैं, उन्हें भी इनकी पात्रता से ऊपर वाले आवास आवंटित हैं। अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चड्ढा ने कहा कि वह उचित समय पर कानून के तहत उचित कार्रवाई करेंगे।