November 28, 2024

इसरो का अब जल्द शुरू होगा मानवरहित उड़ान परीक्षण

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 तमिलनाडु
 चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 के सफल मिशन के बाद भारत अब अंतरिक्ष में मानव अन्वेषण  पर विचार कर रहा है। चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल ने गगनयान मिशन पर कहा कि एक रोडमैप है और लॉन्च जल्द ही होगा। एक कार्यक्रम में बोलते हुए वीरमुथुवेल ने कहा, 'सॉफ्ट लैंडिंग अपने आप में एक टेक्नोलॉजी है। भारत ऐसा करने वाला चौथा देश है। हमने उसमें महारत हासिल कर ली। तभी मानव अन्वेषण संभव है। आप जानते हैं कि गगनयान प्रोग्राम आ रहा है। यह एक मानव अन्वेषण प्रोग्राम है। हमारे पास रोडमैप है और हम जल्द ही लॉन्च करेंगे।'

मानव रहित उड़ान परीक्षणों की तैयारी शुरू
इस बीच, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में मानव रहित उड़ान परीक्षणों की तैयारी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इसरो ने एक पोस्ट में लिखा, 'मिशन गगनयान: इसरो गगनयान मिशन के लिए मानव रहित उड़ान परीक्षण शुरू करेगा। फ्लाइट टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) की तैयारी चल रही है, जो क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन को प्रदर्शित करता है।'

पहला गगनयान मिशन
इसरो के अनुसार, इस परीक्षण उड़ान की सफलता मानवरहित मिशनों के लिए मंच तैयार करेगी, जिससे भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहला गगनयान मिशन शुरू होगा। इसरो ने गगनयान परीक्षण उड़ान के लिए पहले क्रू मॉड्यूल के संबंध में एक विज्ञप्ति में कहा कि पहला विकास उड़ान परीक्षण वाहन (टीवी-डी1) तैयारी के अंतिम चरण में है। वहीं, रॉकेट का निर्माण कहीं और किया जाएगा, गगनयान के लिए सभी आंतरिक प्रणालियां अहमदाबाद में विकसित की जाएंगी।

क्या होगा मिशन का लक्ष्य?
इसरो की अहमदाबाद सुविधा गगनयान मिशन के लिए दो महत्वपूर्ण प्रणालियों- केबिन सिस्टम और संचार प्रणाली के निर्माण के लिए जिम्मेदार होगी। केबिन में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए तीन सीटें होंगी, साथ ही एक लाइटिंग सिस्टम और केबिन के अंदर विभिन्न मापदंडों की निगरानी के लिए दो डिस्प्ले स्क्रीन होंगी। गगनयान भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन का प्रतिनिधित्व करता है, और इसका लक्ष्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की सतह से 400 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में भेजना है।

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