November 28, 2024

मां वैष्णो देवी के भक्तों के लिए बड़ी खबर, दर्शन करना होगा महंगा

0

नई दिल्ली 
 नवरात्रों से पहले मां वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बडी़ खबर सामने आई है। माता के दर्शनों के लिए हैलीकॉप्टर से जाने वाले श्रद्धालुओं को अब कटड़ा से सांझी छत के बीच प्रति व्यक्ति 2100 रुपए का भुगतान करना होगा, जबकि दोनों तरफ उड़ान भरने के लिए श्रद्धालुओं को 4200 का भुगतान करना होगा। नए रेट पहले नवरात्रि से लागू होंगे। 

इससे पहले कटड़ा से सांझी छत तक का एक तरफ का किराया 1830 जबकि दोनों तरफ का 3660 रुपए था। हाल ही में हुए टैंडर के दौरान नया रेट निर्धारित किया गया है जो कि पहले नवरात्रि 16 अक्टूबर से लागू होगा। जिन श्रद्धालुओं द्वारा पहले से ऑनलाइन हैलीकॉप्टर की टिकट बुक की गई होगी उन्हें भी बढ़ा हुआ किराया हैलीपैड पर भरना होगा।  
 
रोजाना करीब दो से ढाई हजार श्रद्धालु सेवा का लाभ उठाते हैं
इससे पहले साल 2020 में कोरोना के दौरान  1170 से 1830 रुपये किराया बढ़ाया गया था। 3 वर्ष के भीतर किराया लगभग दोगुना कर दिया गया है। मौजूदा समय में दो हेलीकॉप्टर कंपनियां ग्लोबल वैक्ट्रा और हिमालयन हेली सेवाएं मुहैया करवा रहीं हैं। बता दें कि रोजाना करीब दो से ढाई हजार श्रद्धालु सेवा का लाभ उठाते हैं। नवरात्र के लिए पहले से आनलाइन एडवांस बुकिंग करवा चुके श्रद्धालुओं को भी तय हुआ नया किराया जमा कराना होगा।  बता दें कि  माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए हर साल 90 से 95 लाख श्रद्धालु आते हैं। गर्मियों में हेलीकॉप्टर की उड़ानें अधिक होती हैं तो सर्दियों में दिन छोटे होने के कारण यह कम हो जाती हैं।
 

हेलीकॉप्टर सेवा 
हेलीकॉप्टर सेवा सुबह 7:00 बजे हेलीकॉप्टर सेवा शुरू होकर शाम 6:30 बजे तक जारी रहती है। मांग अधिक रहने और Online बुकिंग फुल रहने के कारण हजारों श्रद्धालु यात्रा पर नहीं आ पाते।  

हेलीकाप्टर सेवा में दो वर्ष से नीचे के बच्चों के लिए कोई शुल्क नहीं 
वहीं हेलीकाप्टर सेवा में दो वर्ष से नीचे के बच्चों के लिए कोई शुल्क नहीं है। दो वर्ष से ऊपर के बच्चों का किराया बड़ों जैसा है। बुजुर्ग, मरीज या फिर दिव्यांग आदि को इस सेवा में विशेष लाभ दिया जाता है। कटड़ा से हेलीकाप्टर एक समय में छह सवारियों को लेकर उड़ान भरता है जो सांझी छत हेलीपैड पर लैंड करता है। वहां से श्रद्धालु बैटरी कार, पैदल या घोड़ा, पिट्ठू अथवा पालकी आदि का सहारा लेकर भवन जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *