आयरन डोम पर भरोसा करना इजरायल को पड़ा भारी
नई दिल्ली
फलस्तीनी आतंकी समूह हमास द्वारा इजरायल पर किए रॉकेट हमलों में सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई है। मौत का आंकड़ा 700 के पार पहुंच गया है। इस बीच इजरायल ने आधिकारिक रूप से युद्ध की घोषणा कर दी है।
हमास के 400 से ज्यादा आतंकी ढेर
इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में हमास के 400 से ज्यादा आतंकी ढेर कर दिए हैं। इज़राइल ने 'ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स' की घोषणा के साथ जवाबी कार्रवाई की है। गाजा पर इजरायल ने 5000 रॉकेट से हमला किया था, जिसे रोकने में इजराइल की मिसाइल-विरोधी प्रणाली आयरन डोम दूसरी बार फेल हुई है। बता दें कि इजरायल दावा करता है कि ये मिसाइल रोधी प्रणाली 94 फीसद कारगर है, लेकिन हमास के हमले ने इसकी पोल खोल दी। आखिर ये आयरन डोम क्या है और ये कैसे काम करता है, आइए जानें….
आयरन डोम क्या है?
फलस्तीनियों का गढ़ कहे जाने वाले गाजा पट्टी से इजरायल पर कई बार हमले किए गए हैं, लेकिन हर बार इजरायल का मजबूत डिफेंस सिस्टम आयरन डोम उसे नाकाम कर देता। बता दें कि आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली प्रणाली है। इससे 4 किलोमीटर से 70 किलोमीटर तक दूरी से दागे गए रॉकेट, मोर्टार और तोपखाने के गोले को रोकने और नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है।
हमास ने खोजी आयरन डोम की कमजोरी
इस बार हमास ने साल्वो रॉकेट हमले (कम समय में दागे गए रॉकेट) किए
इस कारण आयरन डोम प्रणाली के लिए इन हमलों को रोकना मुश्किल हो गया
कहा जा रहा है कि सिर्फ 20 मिनट में 5,000 से ज्यादा रॉकेट से हमले किए गए
रॉकेट कम दूरी के थे, जब तक सिस्टम जवाबी हमले करता तब तक तबाही मच चुकी थी।
हमास लगातार रॉकेट तकनीकी विकसित कर रहा है, इसकी मारक क्षमता भी बढ़ाई है।
हमास के रॉकेट उसे रोकने के लिए दागी गई तामीर मिसाइल की तुलना में काफी सस्ते हैं।
2014 के संघर्ष के दौरान हमास ने कई दिनों में 4,500 से अधिक रॉकेट दागे
इनमें से 800 से अधिक को रोका गया और लगभग 735 को मार गिराया गया
2021 में इजरायल ने कहा कि उसने हवाई खतरों से निपटने के लिए सिस्टम को अपग्रेड किया है
इस मिसाइल रोधी प्रणाली में रडार और इंटरसेप्टर मिसाइल हैं जो कम ऊंचाई और धीमी गति से चलने वाले प्रोजेक्टाइल के खिलाफ विशेष रूप से प्रभावी है। इस प्रणाली ने अब तक कई रॉकेट और हवाई जहाज को इजरायल की धरती पर आने से रोका है।