November 16, 2024

कोटा-चंबल रिवर फ्रंट पर NGT ने बनाई जांच कमेटी

0

जयपुर/ कोटा.

राजस्थान की गहलोत सरकार में काबिना मंत्री शांति धारीवाल के लिए कोटा में बना हेरिटेज चंबल रिवर फ्रंट मुसीबत बनता नजर आ रहा है। मंगलवार को एनवायरमेंट क्लियरेंस नहीं लेने और जलीय जीवों का जीवन संकट में डालने  को लेकर एनजीटी ने कोटा यूआईटी सचिव को नोटिस जारी किया है। साथ ही मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी भी बनाई है।

दरअसल, चंबल रिवर फ्रंट को लेकर
भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने प्रेस वार्ता कर मंत्री शांति धारीवाल पर गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही गुंजल ने सबूतों के साथ एनजीटी को शिकायत भी दी थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने कोटा के यूआईटी सचिव को नोटिस जारी किया है।

नोटिस के जरिए सचिव से इन सवालों के जवाब मांगे गए है…

– इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए एनवायरमेंट क्लियरेंस क्यों नहीं लिया गया?
– जलीय जीव जंतुओं का जीवन खतरे में क्यों डाला गया?
– चंबल नदी का बहाव क्षेत्र किस आधार पर कम किया गया?
– बफर जोन में अवैध निर्माण किस आधार पर करवाया गया? इस तरह के कई अन्य सावालों के जवाब मांगे गए हैं।

क्या सही होगी भाजपा के पूर्व विधायक की बात?
बता दें कि कोटा उत्तर से भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने प्रेस वार्ता में साफ तौर पर कहा कि चंबल रिवर फ्रंट का हाल अजमेर के सेवन वंडर पार्क की तरह होगा। एनजीटी इसे अवैध करार देते हुए तोड़ने का आदेश जारी होंगे। एनजीटी के नोटिस के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि क्या रिवर फ्रंट के निर्माण में नियमों की अनेदेखी की गई है।

क्या है नियम?
कोटा की चंबल नदी को घड़ियाल सेंचुरी अभ्यारण घोषित किया जा चुका है। इस कारण नदी की 100 मीटर की दूरी तक भवन निर्माण, पुर्ननिर्माण, चल अचल संपत्ति पर पट्टा और रजिस्ट्री पर पूरी तरह से पाबंदी है। ऐसे में रिवर फ्रंट को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *