बिहार: 300 बीएड कालेजों की होगी जांच, 136 की मान्यता पर लटक रही तलवार
पटना
बिहार के लगभग 300 निजी बीएड कालेजों की जांच होगी। ये कालेज नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के तय मानकों पर कितना खरा उतरते हैं, इसपर एनसीटीई ने बिहार से रिपोर्ट मांगी है। बीएड कालेज खोलने के लिए जमीन और भवन आदि का मानक पूरा करना अनिवार्य है। एनसीटीई के तय मानकों पर 80 प्रतिशत ऐसे कालेज खरे नहीं उतरते। एनसीटीई ने मानकों के अनुरूप सभी बीएड कालेजों से जानकारी मांगी थी, लेकिन इनमें 40 प्रतिशत कालेजों ने रिपोर्ट नहीं दी। इसे गंभीरता से लेते हुए एनसीटीई ने बीएड कालेज के संचालन के लिए तय मानकों को सख्ती से लागू करने का निर्देश शिक्षा विभाग को दिया है। साथ ही राजभवन सचिवालय को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
एनसीटीई के मानकों से 136 की मान्यता पर लटक रही तलवार
शिक्षा विभाग का कहना है कि राज्य के 136 निजी बीएड कालेजों की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे कालेजों ने आधारभूत संरचना की रिपोर्ट नहीं जमा की है। इनमें ज्यादातर नए बीएड कालेज हैं, जिनके पास जमीन और भवन आदि का अभाव है। नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन ने ऐसे कालेजों के विरुद्ध सख्त कदम उठाने की बात कही है। उच्च शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में बीएड कालेज खोलने के लिए जमीन के मानक भी एनसीटीई के हिसाब से पूरे करने होंगे। यूनिट के हिसाब से कालेजों को मानक पूरे करने हैं। इसके बाद ही संबद्धता मिलेगी।
एनसीटीई बीएड कालेजों का निरीक्षण करेगी
शिक्षा विभाग के मुताबिक राज्य में निजी बीएड कालेजों का जल्द ही एनसीटीई की टीम निरीक्षण करेगी। इससे पूर्व कालेजों को एनसीटीई द्वारा तय मापदंडों के अनुरूप नियुक्त स्टाफ का संबंधित यूनिवर्सिटी से अनुमोदन कराना होगा। तय मानक के तहत एक वर्ग यानी 50 छात्रों पर 7 शिक्षक होना अनिवार्य है। यानी 100 सीटों पर प्रवेश लेना हैं तो 14 शिक्षक एवं एक प्राचार्य होना जरूरी होगा। इन मानकों को भी एनसीटीई की टीम जांच करेगी।