इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में केवल 60% नामांकन आयुक्त ने जताई नाराजगी
भोपाल
मध्यप्रदेश में इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में अब तक केवल साठ फीसदी नामांकन हो पाया है। नामांकन की स्थिति इस बार अच्छी नहीं है, इसको लेकर आयुक्त लोक शिक्षण ने नाराजगी जताई है। केन्द्रीय दल भी 26 अगस्त को भोपाल आ रहा है जो इसी विषय पर चर्चा करने वाला है। इंस्पायर अवार्ड योजना में विद्यालयों का नामांकन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भाारत सरकार के पोर्टल पर करके अधिक से अधिक विद्यार्थियों के नवाचारी विचार अपलोड करना है। इंस्पायर अवार्ड योजना में इस बार नामांकन की स्थिति अच्छी नहीं है। इस बार अभी तक केवल साठ प्रतिशत ही नामांकन प्राप्त हुए है। इसको लेकर आयुक्त लोक शिक्षण ने नाराजगी जताई है।
उन्होंने कहा है कि इंस्पायर अवार्ड योजना में अधिक से अधिक बच्चों को नवाचारी विचार अपलोडकरने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। तीस सितंबर तक नवाचारी विचार भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड करना है। जिले में एडीपीसी नोडल है। जिला विज्ञान अधिकारी भी जिले में मनोनीत किए गए है वे भी इस पर काम करे ऐसे निर्देश आयुक्त ने दिए है।
26 अगस्त को आएगा केन्द्रीय दल
26 अगस्त को भारत सरकार के प्रतिनिधि भोपाल आ रहे है वे इस विषय पर बैठक लेंगे और इसकी प्रोग्रेस पर चर्चा करेंगे।आयुक्त ने सभी प्राचार्यो को बैठक आयोजित कर इस विषय पर अधिक से अधिक बच्चों को विचार अपलोड करने के लिए प्रेरित करने को कहा है। केन्द्रीय दल के आने से पहले इस अवार्ड को लेकर नामांकन की प्रगति सुधारने के निर्देश आयुक्त ने दिए है।
यह है इंस्पायर अवार्ड योजना
इंस्पायर अवार्ड योजना के तहत भारत सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग प्रोरणादायक अनुसंधान के लिए विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करता है। कक्षा छटवी से दसवी तक अध्ययनरत दस से पंद्रह वर्ष की आयु के बच्चों को इस योजना के तहत डीएसटी और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन पुरस्कृत करते है। इसका उद्देश्य स्कूली बच्चों के बीच रचनात्मकता और नवाचार को प्रोत्साहित करना और उन्हें सम्मानित करना है। इस योजना के जरिए छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में मददद की जाती है।