वसुंधरा खामोश, BJP को सता रहा बागियों का डर
जयपुर.
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को हाशिए पर रखने की कोशिश में भाजपा के रणनीतिकारों ने उनके समर्थकों के टिकट जमकर काटे हैं। 41 उम्मीदवारों की सूची में 29 लोगों को पहली बार चुनाव लड़ने का मौका है। 7 सांसद भी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन वसुंधरा राजे के खेमे के माने वाले नेताओं ने भी ताल ठोंक दी है। चुनाव मैदान में उतरने का न केवल मन बनाया, बल्कि ऐलान भी करने लगे हैं। जयपुर के सूत्र बताते हैं 41 विधानसभा सीटों में से 18 से अधिक पर भाजपा के बागी पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। इनमें कम से कम 8 सीटों पर राजे खेमे के माने जाने वाले प्रत्याशी कड़ी चुनौती दे सकते हैं।
राजस्थान में नाराज पार्टी के नेताओं को मनाने के लिए राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह खुद मैदान में उतर गए हैं। जयपुर में उन्होंने तमाम नेताओं से बातचीत की। कुछ को फोन पर मनाने का प्रयास किया। इस बीच वसुंधरा राजे मौन हैं। वह इस समय एक अनुशासित नेता की तरह व्यवहार कर रही हैं। जबकि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, संगठन महासचिव चंद्रशेखर, प्रदेश की सह प्रभारी विजया रहाटकर, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया समेत तमाम नेता बागियों को मनाने में जुटे हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अरूण सिंह ने पूर्व उराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी से बात की। केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को भी नेताओं की नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी दी जा रही है।
बागी बिगाड़ सकते हैं खेल
नारायण पंचारिया समेत तमाम भाजपा नेता 41 सीटों के प्रत्याशियों को लेकर जितना उत्साहित हैं, उनके लिए उससे अधिक चिंता चुनाव लड़ने की घोषणा कर रहे भाजपा नेता हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इन 41 सीटों में से 39 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे सूत्र का कहना है कि इस बार 39 में से दो दर्जन से अधिक सीटों पर हमारे प्रत्याशियों के जीतने की संभावना बन सकती थी।