2000 करोड़ में बिकेगा Delhi-NCR के सबसे बड़े मॉल,जानिए क्यों आई ऐसी नौबत
नोएडा
दिल्ली-एनसीआर के सबसे बड़े मॉल्स में से एक 'द ग्रेट इंडिया पैलेस' (GIP) को डीएस ग्रुप खरीद सकता है। रजनीगंधा पान मसाला और कैच मसाले जैसे उत्पादों वाला समूह अब जीआईपी मॉल की शॉपिंग की तैयारी में हैं। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि सौदा करीब 2000 करोड़ रुपए में हो सकता है। यदि डील फाइनल होती है तो यह यह नोएडा के रियल स्टेट में सबसे बड़ी खरीद-बिक्री होगी।
ऊपर जिक्र किए गए दो लोगों में से एक ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, 'कंपनी रिटेल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में अपनी मौजूदगी को विस्तार दे रही है।' जीआईपी का पूरा कॉम्पलेक्स 147 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें कई मॉल्स हैं और काफी जगह खाली भी है। खाली जगहों पर कुछ और व्यावसायिक या आवासीय इमारतें बनाईं जा सकती हैं। नए प्रॉजेक्ट्स के लिए यहां 17 लाख स्क्वॉयर फीट जमीन उपलब्ध है। जीआईपी को अप्पू घर ग्रुप और यूनिटेक ग्रुप ने मिलकर बनाया था। अब यूनिटेक की मॉल में 42 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि शेष दूसरे निवेशकों का है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले दूसरे शख्स ने कहा, 'कॉम्पलेक्स की बिक्री 1000 करोड़ के कर्ज की वजह से होने जा रही है और इसके मौजूदा प्रमोटर्स (जिसमें यूनिटेक ग्रुप शामिल है) की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। यह डील किसी भी कंपनी के रिटेल सेक्टर में विस्तार को बड़ा उछाल दे सकती है।' जीआईपी पर कोरोना महामारी और आसपास कई और मॉल्स खुल जाने का बड़ा असर हुआ। कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से भारत में मॉल्स को करीब 3 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
नोएडा आधारित डीएस ग्रुप जोकि पल्स कैंडी का भी उत्पादन करता है, प्रीमियम और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में विस्तार योजना पर काम कर रहा है। समूह ने जुलाई में बेंगलुरु के जुलाई में, इसने बेंगलुरु स्थित वायसराय होटल्स का अधिग्रहण किया। वहीं, जीआईपी की खरीद में इससे पहले कुछ और कंपनियों ने भी दिलचस्पी ली थी, लेकिन डील फाइनल नहीं हो पाई थी।
पूरे 147 एकड़ के डेवलेपमेंट को बेचने की तैयारी
ईटी में छपी खबर के मुताबिक, एंटरटेनमेंट सिटी लिमिटेड के प्रमोटर जो नोएडा में द ग्रेट इंडिया प्लेस (The Great India Place), गार्डन्स गैलेरिया मॉल (Gardens Galleria Mall), वर्ल्ड्स ऑफ वंडर (Worlds of Wonder) एम्यूजमेंट पार्क (Amusement Park) और किडजानिया (Kidzania) का संचालन करते हैं। अब पूरे 147 एकड़ के डेवलेपमेंट को बेचने की तैयारी कर रहे हैं। इसे करीब 2 हजार करोड़ रुपये में बेचने के लिए बातचीत चल रही है। यहां की खाली जमीन को नया खरीदार आगे चलकर डेवलेप कर सकता है। यहां अभी करीब 1.7 मिलियन वर्ग फुट क्षेत्र डेवलेप करने के लिए उपलब्ध है। जो भी खरीदार इसे खरीदेगा वो इस खाली जमीन का इस्तेमाल आवासीय या कमर्शियल बिल्डिंग बनाने के लिए कर सकता है। जानकारों के मुताबिक ये जगह एनसीआर की प्रमुख जगहों में से एक है।
कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा रुपयों का इस्तेमाल
जानकार बताते हैं कि मॉल पर अभी पंजाब नेशनल बैंक का करीब 800 करोड़ रुपयों का कर्ज है। अभी 85 फीसदी मॉल भरा हुआ है। इसे बेचने के बाद जो रुपये आएंगे उसका इस्तेमाल इस कर्ज को चुकाने के लिए किया जाएगा।
साल 2007 में बनकर हुआ था तैयार
जीआईपी (GIP) मॉल साल 2007 में बनकर तैयार हुआ था। ये वो समय था जब इसे देश का सबसे बड़ा मॉल कहा जाता था। ये मॉल शुरू होने के बाद काफी पॉपुलर हुआ था। यहां बड़ी संख्या में लोग शॉपिंग करने आते थे। यहां पर कई कंपनियों की शॉप थीं। लेकिन साल 2016 से तस्वीर एकदम बदल गई। इस साल जीआईपी के ठीक सामने डीएलएफ मॉल ऑफ इंडिया लॉन्च हो गया। इसके बाद से जीआईपी की लोकप्रियता कम होती चली गई। यहां से कई कंपनियों के शोरूम भी चले गए। मॉल खाली होता चला गया। कोरोना काल में भी यहां से कई ब्रांडेड कंपनियों के शोरूम चले गए।
प्रमोटर अब नहीं चाहते इसे चलाना
खबर के मुताबिक, जानकारों का कहना है कि मॉल और मनोरंजन पार्क दोनों अभी अच्छी तरह से चल रहे हैं। यहां पर अभी भी बड़ी संख्या में लोग घूमने और शॉपिंग करने आ रहे हैं। ये ऐसी प्रॉपर्टी नहीं है जो घाटे में चल रही हो। लेकिन अब प्रमोटर इसे और नहीं चलाना चाहते हैं। प्रमोटर अब इसे बेचने की सोच रहे हैं। इसके लिए वो लगातार बातचीत भी कर रहे हैं।
धीरे-धीरे कम होती गई भीड़
जीआईपी जब शुरू हुआ था तब उसमें लोगों की काफी भीड़-भाड़ रहती थी। लेकिन धीरे-धीरे इसमें भीड़ कम होती चली गई। कोरोना काल के बाद से मॉल में कई ब्रांडेड शोरूम भी मॉल में दुकान बंद करके चलते गए।