देश के प्रधानमंत्री शरद पवार नहीं हैं : राहुल गांधी
नईदिल्ली
कोयले की कीमतों को लेकर फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर राहुल गांधी ने कहा कि कोयले की गलत कीमतें दिखाकर और बिल में फर्जीवाड़ा करके बिजनेसमैन गौतम अडानी ने बिजली के दाम को बढ़ा दिया है. उन्होंने आगे कहा कि आपकी (जनता) जेब से 12 हजार करोड़ रुपए तो सीधे अडानी ने ले लिए हैं.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही राहुल गांधी से सवाल किया गया कि वे शरद पवार से यह सवाल क्यों नहीं पूछते हैं, जबकि INDIA गठबंधन के विरोध के बाद भी उन्होंने अडानी से मुलाकात की थी. इस सवाल पर राहुल ने कहा कि उन्होंने अब तक शरद पवार से कोई सवाल नहीं किया है. इसके पीछे की वजह यह है कि शरद पवार प्रधानमंत्री नहीं हैं. बता दें कि फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि अडानी की कंपनी ने कम कीमत में कोयले की खरीद की और उसका दाम ज्यादा बताया.
पीएम की विश्वसनीयता पर सवाल: राहुल
राहुल गांधी ने आगे कहा,'शरद पवार प्रधानमंत्री नहीं हैं. शरद पवार अडानी को नहीं बचा रहे हैं. उन्हें (अडानी) पीएम मोदी बचा रहे हैं. इसलिए मैं शरद पवार से नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछ रहा हूं. अगर शरद पवार प्रधानमंत्री बन जाएंगे और अडानी को बचाने की कोशिश करेंगे तो मैं उनसे भी यही सवाल करूंगा.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहा है.
'पीएम कर रहे अडानी को प्रोटेक्ट'
प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेता ने कहा कि गरीब लोग पंखा चलाते हैं, या बल्ब जलाते हैं तो इसका पैसा सीधे अडानी की जेब में चला जाता है. उन्होंने आगे कहा कि अडानी की रक्षा भारत का प्रधानमंत्री कर रहा है. जैसे ही लोग कोई भी स्विच दबाते हैं, उसका पैसा सीधा अडानी की जेब में चला जाता है. उन्होंने कहा कि गौतम अडानी कोयले की खरीद-फरोख्त में ओवर इनवॉइसिंग कर रहे हैं.
राहुल बोले- यह बिजली चोरी का मामला
विदेशी अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह सीधे तौर पर बिजली चोरी का मामला है. उन्होंने सवाल किया कि अडानी में क्या बात है कि हिंदुस्तान की सरकार उन पर कोई जांच नहीं करा सकती है. कोई सवाल नहीं पूछ सकती है. उन्होंने आगे कहा कि इसके पीछे कौन सी शक्ति है, पूरा देश इस बात को जानता है.
मीटिंग से मची थी महाराष्ट्र में सियासी हलचल
दरअसल, एनसीपी चीफ शरद पवार और उद्योगपति गौतम अडानी की मुलाकात से महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक सियासी हलचल मच गई थी. शरद पवार और अडानी के बीच ये मुलाकात अहमदाबाद में हुई थी, जिसे लेकर बीजेपी ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर सवाल उठाए थे. इसके साथ ही राहुल गांधी को भी घेरा गया था, क्योंकि वह लगातार बीजेपी पर अडानी के साथ नजदीकी का आरोप लगाते रहते हैं.
जयंत पाटिल ने दी थी मुलाकात पर सफाई
बाद में जब यह सवाल किया गया था कि शरद पवार बार-बार अडानी से क्यों मिल रहे हैं. तो एनसीपी विधायक जयंत पाटिल ने इस पर जवाब दिया था. मुलाकात पर जयंत पाटिल ने कहा था कि भारत गठबंधन की सभी चर्चाएं सभी नेताओं द्वारा की जाती हैं, जहां शरद पवार भी मौजूद होते हैं. जहां तक उद्घाटन का सवाल है, शरद पवार उन्हें (गौतम अडानी) जानते हैं, और उन्होंने (अडानी) उन्हें आमंत्रित किया था. यह एक नए निवेश का उद्घाटन था. इसमें आपत्ति की कोई जरूरत नहीं है.