औरंगजेब की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में एंट्री, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने बताया संपत्ति का असली मालिक
वाराणसी
जिला जज की अदालत में आज मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई होने जा रही है। मामले में नया मोड़ सोमवार को उस समय आ गया जब मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील ने वक्फ की संपत्ति को लेकर साक्ष्य अदालत को सौंपे। अंजुमन इंतेजामिया कमेटी की ओर से बताया गया कि यह पूरी संपत्ति मुगल बदशाह 'औरंगजेब' की है। औरंगजेब का इस मामले में पहली बार सामने आने का हवाला देकर साक्ष्य संबंधी दस्तावेज को अदालत को सौंपा। मुस्लिम पक्ष अब औरंगजेब की संपत्ति मामले को आज मंगलवार को बहस के दौरान स्पष्ट करेगा।
मुस्लिम पक्ष के वकील शमीम अहमद ने सोमवार को दोपहर बाद सुनवाई के दौरान जिला जज की अदालत में बहस करते हुए दलील दी थी कि यह पूरी संपत्ति तत्कालीन मुगल बादशाह औरंगजेब की ही है। लिहाजा इस जमीन पर हिंदू पक्ष का कोई दावा नहीं बनता है। इस संबंध में मुस्लिम पक्ष की ओर से दस्तावेजों को पेश करने के बाद आज मंंगलवार को इस दावे पर अपने तथ्य और तर्क के संबंध में दावा पेश किया जा सकता है। इस बाबत मुस्लिम पक्ष की ओर से तैयारियां भी की जा रही हैं। ज्ञानवानी मामले की सुनवाई के दौरान यह पहला मौका है जब मुस्लिम पक्ष की ओर से इस संपत्ति के मामले में औरंगजेब का नाम बतौर संपत्ति के मालिक के तौर पर लिया गया है।
हालांकि हिंदू पक्ष की ओर से पूर्व में यह दावा किया जा चुका है कि यह संपत्ति हिंदू मंदिर काशी विश्वनाथ (आदिविश्वेश्वर) की ही थी। जिसे मुगल बादशाह द्वारा तोड़कर मस्जिद बनाया गया था। मस्जिद में जो भी सामग्री का प्रयोग हुआ वह मंदिर का ही हिस्सा था। इसी मामले में अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई करते हुए मस्जिद की जांच की और तहखानों सहित दीवारों और वजूखाने की पड़ताल की तो वजूखाने में शिवलिंग सहित दीवारों पर हिंदू प्रतीकों का निर्माण पाया गया था।