LG का निर्देश DDA के लिए बना वरदान, 100 दिन में ही बिक गए 2200 से अधिक फ्लैट
नई दिल्ली
दिल्ली में डीडीए के फ्लैट नहीं बिकने की समस्या अब लगता है दूर हो गई। कम से कम आंकड़े तो यही कहते हैं। इसके पीछे उप-राज्यपाल वी. के. सक्सेना के निर्देश को वजह माना जा रहा है। एलजी ने डीडीए फ्लैट्स खरीदने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने, फ्लैट्स की खरीदारी को आसान बनाने और ओवरऑल प्रॉपर्टी मार्केट को बढ़ावा देने के लिए फ्लैट खरीदारी के मानदंडों में जो बदलाव किए थे। इसके बहुत अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं। डीडीए की 'पहले आओ, पहले पाओ' स्कीम के तहत ऑफर किए गए 5,623 फ्लैटों में से 2,234 फ्लैट्स केवल 100 दिनों के अंदर ही बिक गए हैं। इस दौरान नरेला में बने EWS कैटिगरी के सभी 777 घर भी बिक चुके हैं।
2011-12 से ही नहीं बिक पा रहे थे फ्लैट्स
पजेशन के लिए पूरी तरह रेडी होने के बावजूद 2011-12 से ही ये फ्लैट्स नहीं बिक पा रहे थे। इस दौरान डीडीए ने कई योजनाओं के तहत इन फ्लैटों को बेचने की कोशिश की और इसके लिए लोगों को कई खास ऑफर भी दिए। बावजूद इसके ये फ्लैट्स खाली पड़े हुए थे। एलजी के निर्देश पर नियमों में किए गए बदलावों की वजह से ये फ्लैट्स हाथोंहाथ बिकने लगे। इन बदलावों के बाद लोगों के लिए फ्लैट्स खरीदना बहुत आसान हो गया। एलजी ने फ्लैटों के आस-पास के इलाके में नए पुलिस स्टेशन और अस्पताल बनाने, डीटीसी बसों के नए रूट शुरू करने, मेट्रो लाइनों का विस्तार करने, नए अदालत परिसर और विश्वविद्यालयों की स्थापना करने का रास्ता भी साफ किया।
किए गए ये बदलाव
- अगर दिल्ली में पहले से किसी का मकान है, तो पहले ऐसे लोग डीडीए की किसी दूसरी हाउसिंग योजना में घर नहीं खरीद पाते थे। इस रोक को हटाया गया।
- लोगों को यह अधिकार दिया गया कि वह साइट पर जाकर अपनी पसंद का फ्लैट चुन सकते हैं।
- ईडब्ल्यूएस कैटिगरी के फ्लैटों के लिए बुकिंग अमाउंट 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये, एमआईजी श्रेणी के लिए 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये और एचआईजी श्रेणी के घरों के लिए 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया गया।
- एलजी ने यह सुनिश्चित किया कि फ्लैट वित्त वर्ष 2022-23 के आधार पर तय की गई नई संशोधित दरों के बजाय पुरानी दरों पर ही बेचे जाएं।
- एक ही मंजिल पर बने एक-दूसरे से सटे दो फ्लैटों को खरीदकर उनको मर्ज करने की मंजूरी दी गई।
- शुरुआती अलॉटमेंट के बाद पेमेंट शेड्यूल, जो पहले 6 महीने तक एक्सटेंड किया जाता था, उसे घटाकर केवल 2 महीने कर दिया गया।
खरीदारों को प्रोत्साहित करने में मदद
इससे नरेला क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बनाने और खरीदारों को यहां फ्लैट्स खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने में काफी मदद मिली। एलजी (जो डीडीए के चेयरमैन भी हैं) ने डीडीए के अधिकारियों के सामने अब चालू वित्तीय वर्ष के भीतर बिना बिके फ्लैटों में से कम से कम 40 प्रतिशत फ्लैटों की बिक्री करने का लक्ष्य रखा है। डीडीए ने मौजूदा योजना में अपने 13,782 बिना बिके फ्लैटों में से केवल 5,623 फ्लैटों को ही बिक्री के लिए रखा था। इनमें से 2036 फ्लैट बिक चुके हैं और इन 2036 फ्लैटों में से भी 1249 फ्लैटों का पूरा पेमेंट डीडीए को मिल चुका है। इससे डीडीए को अब तक कुल 506.04 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिल चुका है।