भारत सबसे पसंदीदा उभरता बाजार : मार्गन स्टैनली
मुंबई
विदेशी ब्रोकरेज एजेंसी मार्गन स्टेनली ने भारत को सबसे पसंदीदा उभरता बाजार बताया है। मार्गन स्टैनली ने कहा कि कंपनियों का मुनाफा बढ़ रहा है और वृहद अर्थव्यवस्था की स्थिरता के कारक ऊंची ब्याज दर की परिस्थितियों के लिए तैयार दिख रहे हैं। घरेलू निवेश का प्रवाह अच्छा है और दुनिया के कई ध्रुवों में बंटे होने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और पोर्टफोलियो निवेश दोनों बढ़ रहे हैं। मुद्रास्फीति को लेकर चिंताएं दूर हो रही हैं और व्यापार संतुलन में सुधार हो रहा है।
रिपोर्ट में वास्तविक ब्याज दरों में बढ़ोतरी, भूराजनीतिक अस्थिरता और बाजार नेतृत्व के सिमटने से एशिया/उभरते बाजारों के शेयर मार्केट के जोखिमों को रेखांकित किया गया है। एजेंसी ने कहा है कि इस साल जुलाई से अब तक उभरते बाजारों में मार्गन स्टेनली कैपिटल इंवेस्टमेंट शेयरों के भाव 10 प्रतिशत टूट चुके हैं। अक्टूबर 2022 के बाद बाजार जितना चढ़ा था उसका आधा वह इन तीन महीनों में गंवा चुका है।
रिपोर्ट में कहा गया है, हमारी इंडिया इकोनॉमिक्स टीम के हालिया ट्रैकर से पता चलता है कि कार्यान्वयन के तहत परियोजनाओं ने व्यापक वृद्धि दर्ज की है और जुलाई 2021 से विनिर्माण क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) वृद्धि दर्ज कर रहा है, जो संभवत: व्यापक बाहरी कमजोरी के बीच मजबूत घरेलू मांग से प्रेरित है। इसके अलावा, सितंबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.6 प्रतिशत पर आने से उच्च मुद्रास्फीति के कारण मौद्रिक नीतियों में अचानक बदलाव की पिछली चिंताएं कुछ हद तक कम हो गई हैं। टीम ने अक्टूबर में भी महंगाई दर पांच प्रतिशत से नीचे रहने का अनुमान लगाया है। सितंबर में सेवा व्यापार संतुलन में क्रमिक सुधार के साथ व्यापार घाटा भी कम हो गया है।
पेटीएम ने लगातार चार तिमाहियों में परिचालन लाभ दर्ज किया
-ईएसओपी से पहले कर पूर्व मुनाफा लगभग दोगुना होकर 153 करोड़ रुपये पर
भारत की अग्रणी भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम लगातार त्वरित विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। उसने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 2,519 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया जो साल-दर-साल आधार पर 32 प्रतिशत की वृद्धि है। कंपनी के राजस्व में यह वृद्धि इस तथ्य के बावजूद दर्ज की गई है कि त्योहारी आय इस बार तीसरी तिमाही में स्थानांतरित हो गई है।
पेटीएम ने ईएसओपी (कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना) से पहले कर पूर्व लाभ के साथ परिचालन लाभ में सुधार जारी रखा। यह सालाना आधार पर 319 करोड़ रुपये बढ़कर 153 करोड़ रुपये हो गया। शुद्ध भुगतान मार्जिन एक साल पहले के मुकाबले 60 प्रतिशत बढ़कर 707 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके साथ ऋण वितरण व्यवसाय का पेटीएम का कंट्रीब्यूशन प्रॉफिट 69 प्रतिशत बढ़कर 1,426 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंट्रीब्यूशन मार्जिन भी एक साल पहले के 44 प्रतिशत से बढ़कर 57 प्रतिशत हो गया।
मार्केटिंग और कर्मचारियों पर लागत बढऩे के कारण कंपनी का अप्रत्यक्ष खर्च (ईएसओपी लागत को छोड़कर) एक साल पहले के मुकाबले 26 प्रतिशत बढ़कर 1,273 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं राजस्व के अनुपात के रूप में अप्रत्यक्ष खर्च 53 प्रतिशत से घटकर 51 प्रतिशत रह गया। कंपनी का शुद्ध घाटा एक साल पहले की तुलना में 280 करोड़ रुपये यानी 49 प्रतिशत घटकर 292 करोड़ रुपये रह गया।
फिनटेक दिग्गज की राजस्व वृद्धि में मुख्य योगदान जीएमवी (पेटीएम के माध्यम से व्यापारियों को किया गया भुगतान), मर्चेंट सब्सक्रिप्शन राजस्व, और इसके प्लेटफॉर्म के माध्यम से वितरित ऋणों में बढ़ोतरी का रहा। इसके मुख्य भुगतान व्यवसाय से इसका राजस्व सालाना आधार पर 28 प्रतिशत बढ़कर 1,524 करोड़ रुपये हो गया। पोस्टपेड, ईएमआई और कार्ड जैसे गैर-यूपीआई उपकरणों के जीएमवी में वृद्धि और इन गैर-यूपीआई उपकरणों पर भुगतान प्रसंस्करण मार्जिन में सुधार के कारण पेटीएम का भुगतान प्रसंस्करण मार्जिन 7-9 बीपीएस (बेसिस प्वाइंट्स) बढा है।
वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में कंपनी का जीएमवी सालाना आधार पर 41 फीसदी बढ़कर 4.5 लाख करोड़ रुपये हो गया। मोबाइल भुगतान की अग्रणी कंपनी का व्यापारी आधार 3.8 करोड़ पर पहुंच गया और वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में उसके 92 लाख नये डिवाइस लगाये गये जिससे इन-स्टोर भुगतान में उसकी पहुंच और मजबूत हुई। एक साल पहले की तुलना में 44 लाख और एक तिमाही पहले की तुलना में 14 लाख ज्यादा नये डिवाइस लगाये गये। पेटीएम ने व्यापारियों के लिए तीन नए डिवाइस (पेटीएम कार्ड साउंडबॉक्स, पेटीएम पॉकेट साउंडबॉक्स और पेटीएम म्यूजिक साउंडबॉक्स) लॉन्च किए।
कंपनी का मानना है कि इन लॉन्च से टीएएम, मर्चेंट एंगेजमेंट, कार्ड स्वीकृति और गैर-यूपीआई जीएमवी को बढ़ाने में मदद मिलेगी। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया, हमारा मानना है कि नए उपकरणों के लॉन्च के साथ 10 करोड़ व्यापारियों में से लगभग 40-50 प्रतिशत को किसी प्रकार के भुगतान डिवाइस की आवश्यकता होगी। वित्तीय सेवाओं और अन्य से पेटीएम की आमदननी सालाना आधार पर 64 फीसदी बढ़कर 571 करोड़ रुपये हो गया है। वितरित ऋणों की कुल संख्या बढ़कर 1.32 करोड़ हो गई, जो एक साल पहले के मुकाबले 44 प्रतिशत ज्यादा है। वितरित ऋणों का मूल्य बढ़कर 16,211 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में साल-दर-साल आधार पर 122 प्रतिशत की अधिक है।
पेटीएम प्लेटफॉर्म से लोन लेने वाले विशिष्ट ऋणधारकों की संख्या पिछले एक साल में 51 लाख बढ़कर 1.18 करोड़ हो गई है। पेटीएम वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी में ऋण वितरित करता है। वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में इसने टाटा कैपिटल को शामिल किया, जिससे क्रेडिट कार्ड सहित इसके सभी उत्पादों में बैंक और एनबीएफसी भागीदारों की कुल संख्या नौ हो गई। कंपनी ने कहा, हम अपने मौजूदा साझेदारों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे और वित्त वर्ष की शेष अवधि में और साझेदार जोडऩे की राह पर हैं।
पेटीएम का कॉमर्स और क्लाउड राजस्व सालाना आधार पर 12 फीसदी बढ़कर 423 करोड़ रुपये हो गया। इसका वाणिज्य जीएमवी एक साल पहले की तुलना में 39 फीसदी बढ़कर 2,893 करोड़ रुपये हो गया, जबकि राजस्व सालाना आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 163 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का क्लाउड कारोबार सालाना आधार पर तीन फीसदी बढ़कर 261 करोड़ रुपये हो गया। पेटीएम ने सितंबर 2023 तक 8.7 लाख क्रेडिट कार्ड सक्रिय किए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या तीन लाख थी। जैसे-जैसे मोबाइल भुगतान का चलन बढ़ रहा है, पेटीएम ऐप व्यापक भुगतान उपकरणों, जैसे कि यूपीआई, वॉलेट, पोस्टपेड, कार्ड आदि के माध्यम से विभिन्न उपयोग के मामलों के लिए भुगतान करने की पेशकश के साथ ग्राहकों के लिए एक पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।
वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में, कंपनी के औसत मासिक लेनदेन कर्ता (एमटीयू) साल-दर-साल आधार पर 19 प्रतिशत बढ़कर 9.5 करोड़ हो गए। पेटीएम ने अपने परिणामों की विज्ञप्ति में कहा, पेटीएम ऐप जीएमवी में सालाना आधार पर 33 प्रतिशत की वृद्धि और पेटीएम ऐप लेनदेन की मात्रा में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ पेटीएम ऐप पर उपभोक्ता जुड़ाव मजबूत बना हुआ है।
चीन ने प्रमुख ईवी बैटरी घटक पर नए निर्यात प्रतिबंध लगाए
चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर दिसंबर से कुछ ग्रेफाइट उत्पादों पर अतिरिक्त निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की है। उसका यह कदम दुनिया भर में ईवी निर्माताओं को प्रभावित कर सकता है क्योंकि देश प्राकृतिक ग्रेफाइट का मुख्य स्रोत और उत्पादक है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि चीन में निर्यातकों को 1 दिसंबर से परमिट के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होगी। अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ग्रेफाइट के शीर्ष आयातकों में से हैं। मशीनरी, पेट्रोकेमिकल, रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों के लिए बैटरी, ईंधन सेल और स्नेहक बनाने के लिए ग्रेफाइट का व्यापक रूप से उपयोग होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, हाल के वर्षों में मांग बढ़ी है क्योंकि यह इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कच्चा माल है। चीन ने 2022 में कुल विश्व ग्रेफाइट आपूर्ति का अनुमानित 65 प्रतिशत उत्पादन किया। देश के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, विशिष्ट ग्रेफाइट वस्तुओं पर निर्यात नियंत्रण लगाना एक आम अंतरराष्ट्रीय प्रथा है। दुनिया के सबसे बड़े ग्रेफाइट उत्पादक और निर्यातक के रूप में चीन लंबे समय से अप्रसार जैसे अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को मजबूती से पूरा कर रहा है।
मंत्रालय ने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा की आवश्यकता के आधार पर चीन ने कानून के अनुसार विशिष्ट ग्रेफाइट वस्तुओं पर निर्यात नियंत्रण लागू किया है, और कुछ ग्रेफाइट वस्तुओं पर अस्थायी नियंत्रण लागू किया है। जैसे-जैसे अमेरिका और उसके सहयोगियों की ओर से तकनीकी प्रतिबंध – विशेष रूप से सेमीकंडक्टर क्षेत्र में – बढ़ते जा रहे हैं, चीन ने भी जैसे को तैसा की कार्रवाई करते हुए महत्वपूर्ण खनिजों के निर्यात पर अपनी पकड़ कड़ी कर दी है। इस सप्ताह की शुरुआत में, अमेरिका ने चीन-विशिष्ट एनवीडिया और इंटेल ग्राफिक प्रोसेसिंग इकाइयों (जीपीयू) पर निर्यात प्रतिबंध लगाया था। बीजिंग ने जुलाई में सेमीकंडक्टर निर्माण में उपयोग की जाने वाली दो प्रमुख सामग्रियों गैलियम और जर्मेनियम पर निर्यात नियंत्रण की घोषणा की थी, जिन पर चीन का अर्ध-एकाधिकार है।
पेट्रोल पंपों पर वेपर रिकवरी सिस्टम में देरी के लिए बीपीसीएल पर जुर्माना लगाया गया
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सरकारी स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) को अपने पेट्रोल ईंधन भरने वाले स्टेशनों और स्टोरेज टर्मिनलों पर निर्धारित समय सीमा के भीतर वेपर रिकवरी सिस्टम स्थापित नहीं करने के लिए पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
बीपीसीएल ने शुक्रवार को स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी सीपीसीबी नोटिस में कहा गया है कि कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट और सीपीसीबी द्वारा तय समयसीमा के भीतर वेपर रिकवरी सिस्टम स्थापित नहीं किया है।
बीपीसीएल ने कहा कि वह नोटिस की जांच कर रही है और जल्द ही उचित जवाब देगी। इस बीच, उसने सीपीसीबी से आगे नहीं बढऩे और कंपनी को नोटिस से मुक्त करने का अनुरोध किया है।