‘भारत जोड़ो यात्रा’ की वेबसाइट और टैगनाइन लॉन्च
नई दिल्ली
कांग्रेस ने मंगलवार को 'भारत जोड़ो यात्रा' की वेबसाइट और टैगनाइन लॉन्च कर दी। यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होने वाली है। पार्टी ने कहा कि, यात्रा का मकसद भारत को एकजुट करना, लोगों को साथ लाना और देश को फिर से पैरों पर खड़ा करना है। वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह ने कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
7 सितंबर को शुरू होने वाली यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी और जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी। लगभग 150 दिनों में लगभग 3,500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
राहुल गांधी सहित वरिष्ठ नेता मार्च में सक्रिय रूप से भाग लेंगे। जो लोग शारीरिक रूप से शामिल होने में असमर्थ हैं, वे कार्यक्रम आयोजित कर ऑनलाइन अभियानों में भाग लेकर इसके संदेश को जनता तक फैलाएंगे। लगभग सभी क्षेत्रों के लोग इसमें शामिल होंगे और एक साथ मार्च करेंगे।
यह भारत की एकता का उत्सव होगा, आशा का त्योहार होगा जो संगीत कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं के साथ जीवंत होगा, जिसमें कोई भी भाग ले सकता है।
पार्टी ने कहा, "इस यात्रा में सभी को शामिल होने और साथ चलने के लिए एक खुला निमंत्रण है। भारत हम सभी का है। 'भारत जोड़ो यात्रा' सभी के लिए है।"
पार्टी ने कहा देश में अमीर लोग और अमीर हो रहे हैं, गरीब लोग और गरीब हो रहे हैं। "आम लोग आसमान छूती महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हैं।"
"किसान और खेतिहर मजदूर कर्ज में दबे जा रहे हैं। हमारे देश की संपत्ति कुछ उद्योगपतियों के हाथों बेची जा रही है।"
पार्टी ने आरोप लगाया, "सामाजिक रूप से, लोगों को जाति, धर्म, क्षेत्र, भाषा, भोजन, पोशाक के आधार पर विभाजित किया जा रहा है।" पार्टी ने कहा कि, "एक को दूसरे से लड़ाने के लिए हर दिन एक नई साजिश रची जा रही है। खासकर महिलाओं में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।''
इसने कहा कि राजनीतिक रूप से लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है और हमारे संवैधानिक अधिकारों को कुचला जा रहा है। हमारे संविधान को नष्ट करने, हमारी संस्थाओं को नष्ट करने, हमारे लोकतंत्र को खोखला करने और हमारी एकता और बंधुत्व को नष्ट करने के लिए व्यवस्थित तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं।
"जनता द्वारा चुनी गई राज्य सरकारों को धनबल और एजेंसियों के दुरुपयोग से अस्थिर किया जा रहा है। राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा उनका टैक्स का बकाया पैसा समय पर नहीं मिल रहा है। दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों को उनके मूल अधिकारों-जल, जंगल और जमीन से वंचित किया जा रहा है।"
पार्टी ने कहा कि, इससे निपटने के लिए एक साथ आना, हाथ पकड़ना और एकता की शक्ति को समझना है। हमें 'विविधता में एकता' और 'सर्व धर्म सम्भाव' के सिद्धांतों के साथ सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए विभाजन और नफरत की राजनीति से छुटकारा पाने के लिए एक आंदोलन शुरू करने की जरूरत है।