September 23, 2024

हमास से जंग के बीच PM नेतन्याहू के खिलाफ सड़कों पर क्यों उतरे इजरायली?

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नई दिल्ली
एक तरफ इजरायल के रक्षा बल हमास और हिज्बुल्लाह के आतंकियों से युद्ध के मैदान में लोहा ले रहा है तो दूसरी तरफ इजरायली सरकार को अब उसे देश के अंदर ही देशवासियों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। हमास आतंकियों द्वारा गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए 224 बंधकों में से कुछ के परिवारों ने  इजरायल की राजधानी तेल अवीव में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया और एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर सरकार की निष्क्रियता पर गुस्सा जाहिर किया।

प्रदर्शनकारी परिजनों ने नेतन्याहू सरकार पर अपने प्रियजनों की रिहाई सुनिश्चित करने के प्रयासों के बारे में जानकारी देने में फेल रहने का आरोप लगाया और साफ-साफ शब्दों में चेतावनी दी कि सरकार उनके धैर्य की परीक्षा अब न ले क्योंकि उनके सब्र का बांध टूट चुका है। तेल अवीव संग्रहालय प्लाजा में संवाददाता सम्मेलन से पहले परिजनों ने मिस्र के दूतावास और कपलान स्क्वायर से दो अलग-अलग मार्च निकाले। ये वही जगह हैं, जहां कुछ समय पहले तक नेतन्याहू सरकार के ज्यूडिशियल रिफॉर्म के खिलाफ लोगों ने आंदोलन किए थे। ये आंदोलन 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से बंद कर दिया गया है। इस हमले में लगभग 1,400 लोगों की हत्या कर दी गई और कम से कम 228 लोगों का गाजा में अपहरण कर बंधक बना लिया गया है।

आंदोलन स्थल पर परिवारों ने अंग्रेजी में नारे लगाए और  "उन्हें अभी मुक्त कराने" की मांग की। कुछ लोगों ने वैश्विक मानवाधिकार समूहों से उनका और उनके अभियान का समर्थन करने का भी आग्रह किया। मीराव लेशेम-गोनेन, जिनकी 23 वर्षीय बेटी रोमी को सुपरनोवा संगीत समारोह स्थल से अपहरण कर लिया गया था,और  जहां 260 लोगों को मार डाला गया था, ने कहा, “वह वहां 20 दिनों से है। बीस दिनों में हमें कुछ भी पता नहीं चला कि वह क्या कर रही है, उसके साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है, क्या वह ठीक है,या साँस ले भी रही है?" उन्होंने आगे कहा,“हम बहुत धैर्यवान हैं लेकिन इतना ही। हमारा धैर्य खत्म हो गया है।"

इस बीच, रूस का दौरा करने वाले हमास प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य का कहना है कि समूह 7 अक्टूबर के हमले के दौरान बंदी बनाए गए लोगों को तब तक रिहा नहीं कर सकता जब तक इजरायल गाजा में युद्धविराम नहीं करता। उधर, अमेरिका ने सीरिया में ईरानी और ईरान समर्थक ठिकानों पर हमला किया है। अमेरिका ने कहा है कि यह कार्रवाई इज़राइल-हमास युद्ध से अलग है।

 

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