गोवा जेल के कैदियों ने रावण का पुतला जलाया, चार अधिकारी निलंबित
पणजी
गोवा के कोलवाल केंद्रीय कारागार में दशहरे का जश्न मनाते कैदियों के रावण का पुतला फूंकने का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में जेल के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
जेल के महानिरीक्षक ओमवीर सिंह ने उत्तर गोवा में कोलवाल की केंद्रीय जेल में तैनात सहायक अधीक्षक चंद्रकांत हरिजन, जेलर महेश फाडते और अनिल गांवकर तथा सहायक जेलर रामनाथ गौड़े का निलंबन आदेश जारी किया।
सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है, जिनमें कैदियों को दशहरे की पूर्व संध्या पर जेल परिसर में पटाखों से रावण का पुतला जलाते हुए देखा जा सकता है। दशहरा उत्सव के दौरान देशभर में रावण के पुतले जलाए जाते हैं। इस साल दशहरा 24 अक्टूबर को मनाया गया।
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ''निलंबन आदेश में कहा गया है कि जेल अधिकारियों को यह जवाब देना होगा कि कैदियों को पूर्व अनुमति के बिना पुतला बनाने की अनुमति कैसे दी गई। इसकी भी जांच की जाएगी कि जेल परिसर में मोबाइल फोन की अनुमति कैसे दी गई।'' उन्होंने बताया कि निलंबन आदेश में कहा गया है कि यह घटना जेल की सुरक्षा के मुद्दे को दिखाती है। अधिकारी ने कहा, ''इस प्रकरण के लिए मुख्य रूप से जेल अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है, इसलिए जांच पूरी होने तक उन्हें निलंबित कर दिया गया है।''
जनजातीय विकास डिजिटल एटलस विकसित करेगा झारखंड
रांची
झारखंड सरकार राज्य में रह रहे सभी जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए जल्द ही एक जनजातीय विकास डिजिटल एटलस विकसित करेगी और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समुदायों (पीवीटीजी) को सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में शामिल करने के लिए कदम उठाएगी। एक अधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। पहले चरण में, पीवीटीजी वाले सभी इलाकों का सर्वेक्षण किया जाएगा।
बयान में कहा गया है, ''मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में एक जनजातीय विकास डिजिटल एटलस तैयार करने के ईमानदार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्य में रह रहे सभी जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाया जा सके।''
इसमें कहा गया है, ''जनजातीय कल्याण विभाग, जनजातीय विकास डिजिटल एटलस तैयार करेगा, जिसके तहत पहले चरण में सभी पीवीटीजी इलाकों की पहचान और समीक्षा की जाएगी तथा एक डिजिटल 'जियो लिंक्ड डेटाबेस' तैयार किया जाएगा। इसके आधार पर प्रमुख सामाजिक-आर्थिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और आजीविका केंद्रित पहलों के कार्यान्वयन के लिए एक व्यापक कार्य योजना को मिशन मोड पर लागू किया जाएगा।'' इस संबंध में जनजाति कल्याण विभाग जनजातीय कल्याण आयुक्त के माध्यम से तैयारी कर रहा है।
राज्य सरकार पीवीटीजी के सामाजिक बुनियादी ढांचे, आजीविका और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्य योजना लागू करेगी, ताकि इन जनजातीय समूहों के लोगों को रहने के लिए पक्के मकान, स्वच्छ परिवेश, पाइपलाइन के माध्यम से शुद्ध पेयजल, बिजली/सौर विद्युतीकरण, पेंशन, आयुष्मान कार्ड, पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) और ई-श्रम के लाभ, स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच, आंगनवाड़ी, शिक्षा, सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता और अन्य सुविधाएं मिल सकें। पीवीटीजी को सामाजिक-बुनियादी ढांचे में एकीकृत किया जाएगा और उनकी आजीविका संबंधी पारंपरिक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया जाएगा।