पीएम मोदी ने वेस्ट एशिया में बढ़ती असुरक्षा पर मिस्र के राष्ट्रपति से जताई चिंता
नई दिल्ली.
हमास के हमले के बाद गाजा में जारी इजरायल के पलटवार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी से फोन पर बात की। पीएम मोदी ने शनिवार को अव सीसी को फोन करके वेस्ट एशिया में बढ़ती असुरक्षा और आतंकवाद को लेकर चिंता जताई। अल सीसी से बातचीत के बाद पीएम मोदी ने कहा कि बढ़ते आतंकवाद, हिंसा और खतरे में पड़ती आम नागरिकों की जिंदगी को लेकर उन्होंने चिंता जताई है। इजरायल और फिलिस्तीन का सीधा नाम लिए बिना पीएम मोदी और अल सीसी ने शांति बहाल करने और पीड़ितों को मानवीय सहायता देने के बारे में चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर बताया, 'कल हमारी बात राष्ट्रपति अल सीसी से हुई। हमने पश्चिमी एशिया में बढ़ती चुनौती को लेकर चर्चा की। हम दोनों ने ही आतंकवाद, हिंसा और खतरे में पड़ती मासूमों की जिंदगी पर चिंता जताई। हम दोनों ने ही इ क्षेत्र में शांति बहाल कनरे और मानवीय सहायता देने पर सहमति जताई है।' एजिप्ट की तरफ से भी पीएम मोदी और राष्ट्रपति अलसीसी के बीच हुई बातचीत पर बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं के बीच गाजा पट्टी में चल रहे इजरायली सेना के ऑपरेशन को लेकर चर्चा हुई। दोनों नेताओं के बीच पूरे क्षेत्र की चुनौती और मासूनों की जिंदगी को लेकर बातचीत हुई। राष्ट्रपति अल सीसी ने इस समस्या के रणनीतिक समधान और बातचीत पर जोर दिया।
यूएन में भारत ने नहीं की थी वोटिंग
बता दें कि 27 अक्टूबर को यूएन में गाजा स्ट्रिप में चल रही कार्रवाई पर प्रस्ताव लाया गया था। हालांकि भारत वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया। भारत ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि दुनियाभर में आतंकी हमलों पर कोई सफाई नहीं दी जा सकती और इसे किसी भी स्तर पर सही नहीं ठहराया जा सकता। इस प्रस्ताव का मुद्दा गाजा में आम लोगों की हत्या और उनको मानवीय सहायता को लेकर था। 121 देशों ने इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया तो वहीं 14 ने विरोध किया। भारत समेत 44 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।