कांग्रेस के कुकरेजा व भाजपा की सावित्री ने निर्दलीय दाखिल किया नामांकन
रायपुर
नामांकन दाखिले के अंतिम दिन भाजपा और कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पार्षद अजीत कुकरेजा और भाजपा की सावित्री जगत ने उत्तर विधानसभा से अपनी दावेदारी पेश करते हुए नामांकन पत्र दाखिल किया। दोनों ही प्रत्याशियों का कहना था कि उनकी दावदोरी पक्की थी लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया इसलिए वे निर्दलीय के रुप में नामांकन दाखिल किया है, नामांकन वापसी के बारे में उन्होंने सोचा नहीं है। दोनों ही नेताओं की रैली में काफी संख्य में लोग शामिल हुए।
नामांकन दाखिले के बाद सावित्री जगत ने कहा कि निश्चित रुप से चुनाव आपका कर्म ही जीताता है और इतने वर्षो से जनता के बीच रहकर काम कर रही है और उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे है, उम्मीद है कि जनता उन्हें जरुर चुनेगी। क्षेत्र की जनता के कहने पर ही उन्होंने आज अपना नामांकन दाखिल किया है क्योंकि उनका कहना है कि ईंसान कर्म से ही नेता व विधायक बनता है। भाजपा प्रत्याशी पुरंदर मिश्रा के बारे में सावित्री ने कहा कि उन्हें सामाजिक स्तर पर टिकट मिलने का जो दावा वे कर रहे है तो सामने वाला व्यक्ति सामाजिक नहीं है। वह उत्कल समाज से नहीं है, उत्कल समाज नहीं एक भाषा है, जैसे हम छत्तीसगढ़ में रहते है तो यहां की बोली छत्तीसगढ़ी है वैसे ही उत्कल एक बोली है। हमारा समाज गाड़ा समाज है और में इसी समाज से आती हूं, छत्तीसगढ़ में तीन लाख गाड़ा समाज के लोग निवास करते है और उत्तर विधानसभा क्षेत्र में 40 हजार। कुकरेजा भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है कि जवाब में उन्होंने कहा कि यह चुनाव मेरे लिए कठिन नहीं है क्योंकि मेरे साथ महिलाओं का साथ व उनका आशीर्वाद प्राप्त है। चारों विधानसभा में एक महिला का होना जरुरी है क्योंकि जब विधानसभा में एक महिला होगी तो वह उनकी आवाज जरुर उठाएगी।
भाजपा छोडने की बात को टालते हुए सावित्री ने कहा कि मैंने भाजपा का साथ अभी छोड़ा नहीं है लेकिन जब मुझे उत्तर विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं और वहां की जनता ने कहा कि आप क्यों चुनाव नहीं लड़ती हो, अगर भाजपा आपको टिकट देती तो बहुत अच्छा होता लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं और क्षेत्र की जनता और वहां की महिलाओं का विश्वास तोडूगी नहीं और ना ही अपना नाम वापस लूंगी।
कुकरेजा ने कहा कि उत्तर विधानसभा क्षेत्र के लोगों की भावनाओं को देखते हुए आज उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया है। अगर मुझे नाम वापसी करना रहता तो इतनी भीड़ उनकी नामांकन रैली में नहीं उमड़ती। टिकट वितरण पार्टी का अपना अंधरुपणी मामला है क्योंकि बैठक में क्या बातचीत होती है यह किसी को पता नहीं चलता है और जब पता चलता कि हमारा नाम कट गया है तब थोड़ा गुस्सा हो जायज है और उन्हें उम्मीद है कि क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद उन्हें जरुर प्राप्त होगा। बता दें कि सिंधी पंचायत ने पहले रायपुर उत्तर से समाज के प्रतिनिधि को कांग्रेस उम्मीदवार बनाने की मांग की थी। सिंधी पंचायत की मांग को दरकिनार कर कांग्रेस ने यहां से अपने पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा का उम्मीदवार बना दिया। जिसके बाद से ही सिंधी समाज निर्दलीय चुनाव लडने की तैयारी कर रहे थे।