November 24, 2024

कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय चाहते थे अमित जोगी

0

रायपुर.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष और अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उनके नामांकन दाखिल करते ही यह सीट बेहद दिलचस्प हो गई है।  ऊपर से भले ही यह दो राजनीतिक दलों की चुनावी लड़ाई लगती हो लेकिन तहों में जाने पर यह बेहद निजी लड़ाई मालूम पड़ती है।

अमित जोगी कभी कांग्रेसी हुआ करते थे। पिता अजीत जोगी के साथ कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने 2016 में नई पार्टी बनाई। 2018 के विधानसभा चुनावों में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने बसपा के साथ एलांयस किया। अजीत जोगी की पार्टी को पांच और बसपा को दो सीटें मिलीं। राज्य में भारी बहुमत के साथ कांग्रेस सरकार आ गई। 2020 में अजीत जोगी नहीं रहे। अजीत जोगी के निधन के बाद उनकी पत्नी रेणु जोगी ने इस पार्टी का विलय कांग्रेस में करने की कोशिशें शुरू कीं। यह कोशिशें करीब-करीब परवान भी चढ़ गईं थीं लेकिन एक शर्त की वजह से सब कुछ रुक गया।

असली रार वहीं से पड़ी
अजीत जोगी के ना रहने के बाद उनकी पत्नी और पूर्व कांग्रेस नेता रेणु जोगी इस पार्टी का विलय कांग्रेस में चाहती थीं। वह लंबे समय से कांग्रेस में विधायक रह चुकी थीं। उन्होंने स्टेट लीडरशिप के साथ-साथ कांग्रेस हाईकमान से भी बात शुरू की। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक दिवाकर मुक्तिबोध कहते हैं कि उनकी सोनिया गांधी से इस विषय में बात हो रही थी। सोनिया और रेणु की दशकों पुरानी जान-पहचान थी। सोनिया इस विलय के खिलाफ नहीं थीं लेकिन उन्होंने अंतिम फैसला लेने के लिए राज्य की ईकाई को ही अधिकृत किया। रेणु के संबंध राज्य की ईकाई के नेताओें के साथ बहुत मधुर तो नहीं थे लेकिन खटासपूर्ण भी नहीं थे। पार्टी के नेताओं के साथ बात शुरू हुई। लेकिन कांग्रेस की राज्य ईकाई ने उनके सामने एक शर्त रख दी। यह विलय की ऐसी शर्त थी जिसे पूरा कर पाना संभव नहीं था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *