November 24, 2024

दिग्विजय बोले -जिन राजनेताओं की चमड़ी मोटी नहीं होती वे राजनीति में टिक नहीं पाते

0

भोपाल

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच 'गाली खाने की पावर ऑफ अटॉर्नी' को लेकर हुए संवाद के बाद छिड़ा विवाद पूरी तरह से थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को एक पोस्ट कर इस मुद्दे को फिर जिंदा कर दिया है। सिंह ने अलसुबह सोशल नेटवर्किंग साइट X पर पोस्ट किया कि जिन राजनेताओं की चमड़ी मोटी नहीं होती वे राजनीति में टिक नहीं पाते। सार्वजनिक जीवन का मूल सिद्धांत है। आप जिस पर विश्वास करते हैं उस पर दृढ़ रहें और अपने दृढ़ विश्वास के लिए गाली खाने के लिए भी तैयार रहें।

गांधी जी की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उनमें " दृढ़ विश्वास का साहस" था! अब कहां हैं ऐसे राजनेता? दुखद। सिंह के इस पोस्ट के बाद एक फिर कई कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर दिग्विजय सिंह का इशारा किसकी तरफ है। इधर, भले ही पीसीसी चीफ ने यह कहकर कि हमने मंच पर हास परिहास किया था इस मुद्दे को दबाने की कोशिश की हो लेकिन सिंह के पोस्ट से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे चाहकर भी इस 'गाली खाने की पावर ऑफ अटॉर्नी' वाली बात को अपने मन से निकाल नहीं पा रहे हैं। बार बार उन्हें ये बात याद आ रही है।

क्या था पूरा विवाद
भोपाल के रवींद्र भवन में कांग्रेस के वचन पत्र के कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भरे मंच से ये कहा था कि उन्होंने अपने हिस्से की 'गाली खाने की पावर ऑफ अटॉर्नी' दिग्विजय सिंह को दी है। इसके बाद नाथ का यह बयान खासा चर्चाओं में रहा था। विरोधी दल भाजपा ने भी नाथ के इस बयान के बाद उन पर और दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा था। बीजेपी ने इस बयान पर कांग्रेस को जमकर घेरने की कोशिश की थी। विवाद बढ़ता देख बाद में कमलनाथ ने इस पर सफाई देते हुए इसे दिग्विजय सिंह और उनके बीच हास्य परिहास बताया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *