September 25, 2024

बटालियन की मंजूरी में हो रही देरी- LAC पर कैसे देंगे चीन को चुनौती? ITBP को 10 हजार जवानों की जरूरत

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 नई दिल्ली।
 
चीन की ओर से सीमा पर लगातार दबाव बनाए रखने की रणनीति के बीच आईटीबीपी को अरुणाचल सीमा पर तुरंत अतिरिक्त बटालियन की जरूरत है। लेकिन उच्च स्तर पर प्रस्ताव लंबित होने से अतिरिक्त बटालियन को मंजूरी में देरी हो रही है। सुरक्षा बल की ओर से सात बटालियन और एक सेक्टर हेड क्वार्टर का प्रस्ताव काफी पहले सरकार को भेजा गया था। इनमें से करीब 90 फीसदी जरूरत अरुणाचल के लिए है जबकि कुछ उत्तराखंड सीमा के लिए अवश्यकता बताई गई है।

सूत्रों ने कहा कि अभी तक इसपर आखिरी मुहर नहीं लगी है। सूत्रों ने कहा कि यह उच्च स्तर पर विचाराधीन है, लेकिन इसे जल्द पूरा करने का दबाव है। ज्यादा देरी से सुरक्षा रणनीति प्रभावित होती है। गलवान घाटी की घटना के बाद से आईटीबीपी अपनी सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करके इसे मजबूत बनाने में जुटी है।

सूत्रों ने कहा कि सीमा पर 47 नई बीओपी बनाने के प्रस्ताव के मद्देनजर नई बटालियन की जरूरत बताई गई है। अगर प्रस्ताव मंजूर होता है तो करीब दस हजार अतिरिक्त जवान आईटीबीपी को उपलब्ध होंगे। इससे चीन सीमा की निगरानी में काफी मदद मिलेगी। सूत्रों ने कहा कि आईटीबीपी को बताया गया था कि अतिरिक्त बटालियन सहित अत्याधुनिक तरीके से निगरानी और अन्य सुरक्षा उपायों को जल्द लागू करने की रणनीति के मद्देनजर प्रस्ताव जल्द स्वीकार होगा।

गौरतलब है कि चीन के साथ सीमा पर तनाव कम नहीं हुआ है। चीन लगातार नई साजिशों के जरिए सीमा पर अपना दबदबा बनाए रखने की जुगत में है। हालांकि, भारत की ओर से भी सेना और सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद हैं। कई स्तरों पर तैयारी पुख्ता है। निगरानी का स्तर भी बढ़ा है। लद्दाख के साथ अरुणाचल सीमा को भी काफी संवेदनशील माना जाता है। वहीं, उत्तराखंड से जुड़ी सीमा पर भी चीनी पक्ष के अतिक्रमण की खबरें आती रहती हैं। आपको बता दें कि भारतीय सीमा क्षेत्र में चीन के अतिक्रमण को रोकने के लिए 1962 में आईटीबीपी की स्थापना की गई थी। आईटीबीपी में करीब 90 हजार जवान हैं।

 

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