September 23, 2024

सिर्फ पुरुष वर्चस्व से नहीं होतीं दहेज हत्याएं, महिलाएं भी करती हैं अत्याचार: हाई कोर्ट

0

नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने दहेज प्रताड़ना से जुड़े एक मामले को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि आज भी दहेज की वजह से होने वाली मौतें दिखाती हैं कि महिलाओं पर अब भी धन दौलत के लिए दबाव बनाया जाता है और यह हमारी सामाजिक सोच की विफलता है। जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने कहा कि बहुत सारे मामलों में दहेज के लिए हत्या सिर्फ पुरुष वर्चस्व की वजह से नहीं होती बल्कि इसमें महिलाएं भी शामिल होती हैं।

कोर्ट ने कहा, ऐसे मामलों को देखकर लगता है कि केवल पुरुषों की वजह से दहेज प्रताड़ना और मौतें नहीं होती हैं। ऐसे बहुत सारे केस हैं जिसमें महिलाएं अहम भूमिका निभाती हैं और अत्याचार का माहौल तैयार करती हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाओं से पता चलता है कि महिलाएं अब भी दहेज के बोझ तले दबी हैं और लाखों महिलाओँ के अधिकार छिन जाते हैं। उनकी शिक्षा और नौकरी तक बाधित होती है।

कोर्ट ने कहा कि दहेज के नाम पर महिलाओं को मानसिक शोषण किया जाता है। उन्हें प्रताड़ित किया जाता है और इस तरह से शारीरिक प्रताड़ना से भी ज्यादा कष्ट दियाजाता है। जज ने कहा कि बहुत सारे मामलों में शादी के बाद लगातार महिला पर अपने मायके से पैसे या सामान लगाने का दबाव बनाया जाता है। लड़की वालों पर दबाव बनाकर पैसे ऐठे जाते हैं। लड़की की भलाई के बारे में सोचकर वे ससुराल वालों की हर मांग पूरी करने की कोशिश करते हैं। अगर वे ऐसा नहीं कर पाते तो उन्हें अपमानित होना पड़ता है या फिर लड़की की जान खतरे में पड़ जाती है।

कोर्ट ने कहा कि कई बार इतनी ज्यादा मानसिक प्रताड़ना होती है कि महिला जान देने जैसा कदम उठा लेती है। बता दें कि सतपाल सिंह नाम के शख्स की याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा था। साल 2000 में उसकी पत्नी ने खुदकुशी कर ली थी। इसके बाद साल 2009 में सेशन कोर्ट ने उसे 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। आरोप था कि सतपाल के घर वाले उसकी पत्नी को मायकेवालों से बात तक नहीं करने देते थे। इसके अलावा उसकी  जरूरत को भी पूरा नहीं किया जाता था। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 2009 से ही दोषी जमानत पर है इसलिए अब बाकी की सजा पूरी करने के लिए उसे तीस दिन के भीतर सरेंडर कर देना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *