November 27, 2024

भारत ने थाइलैंड को दुनिया की सबसे तेज ब्रह्मोस मिसाइल का दिया ऑफर

0

बैंकाक

चीन की दादागिरी से जूझ रहे आसियान के एक और सदस्‍य देश थाइलैंड ने भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस में अपनी गहरी रुचि दिखाई है। वैसे तो थाइलैंड अक्‍सर चीन के साथ गलबहियां करते हुए नजर आता है लेकिन ड्रैगन के रुख को देखते हुए अब वह अन्‍य देशों की ओर भी दोस्‍ती का हाथ बढ़ा रहा है। भारत ने थाइलैंड को दुनिया की सबसे तेज ब्रह्मोस मिसाइल का ऑफर दिया है। इससे पहले भारत ने आसियान के सदस्‍य देश फिलीपीन्‍स को ब्रह्मोस मिसाइल की सप्‍लाई की है जो समुद्र में चीन के आक्रामक बर्ताव का बड़ा शिकार बन गया है।

फिलीपीन्‍स के साथ सफल डील के बाद अब भारत आसियान के कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है। इसी दिशा में अब थाइलैंड के साथ बातचीत शुरू हुई है। 6 नवंबर को थाइलैंड के रक्षा मंत्री सुतीन कलूंगसांग को भारतीय मिसाइल सिस्‍टम के बारे में जानकारी दी गई है। दरअसल, थाइलैंड में डिफेंस सिक्‍यॉरिटी 2023 कार्यक्रम का आयोजन चल रहा है। यहीं पर भारतीय अधिकारियों ने थाइलैंड के रक्षा मंत्री को इस मिसाइल की खासियत के बारे में बताया है। थाइलैंड के रक्षा मंत्री ने भारतीय मिसाइल की तारीफ की और इसमें रुचि भी दिखाई है।

थाइलैंड को अपने पाले में क्‍यों ला रहा चीन?

भारत और थाइलैंड के बीच लंबे समय से ब्रह्मोस को लेकर बातचीत चल रही है लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई थी। लेकिन थाइलैंड की नौसेना के चीफ दिसंबर 2018 में जब भारत आए तो उन्‍होंने इस मिसाइल में अपनी रुचि दिखाई और बातचीत तेज हो गई। थाइलैंड पर चीन डोरे डाल रहा है ताकि दक्षिण चीन सागर और हिंद सागर को जोड़ने वाली एक नहर का निर्माण किया जा सके। चीन चाहता है कि उसका मलक्‍का संकट खत्‍म हो और इसी वजह से वह थाइलैंड में एक विशाल नहर बनाना चाहता है। यह नहर स्‍वेज की तरह से होगी और चीन उसका निर्माण और संचालन करना चाहता है।

वहीं थाइलैंड में नई नागरिक गठबंधन सरकार आई है जो चीन के साथ अच्‍छे रिश्‍ते रखते हुए भी पश्चिमी लोकतंत्रों के साथ ज्‍यादा व्‍यापक रिश्‍ते बनाना चाहती है। इससे थाइलैंड की सेना के समर्थन वाली सरकार केवल चीन के साथ रिश्‍ते जोड़ने पर आमादा थी। इसी वजह से नई सरकार चीन से पूरी तरह से अलग नहीं हो पा रही है। हालांकि वह अब अपने रिश्‍ते में विविधता लाना चाहती है।

ब्रह्मोस को मार गिराना आसान नहीं

यूरो एशिया टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अगर इस ब्रह्मोस डील को करना चाहता है तो उसे काफी मेहनत करनी पड़ेगी। ब्रह्मोस भारत और रूस की मिलकर बनाई गई सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी रफ्तार 2.8 मैक से 3.0 मैक के बीच है। यह जमीन के बेहद करीब से होकर गुजरती है जिससे उसे मार गिराना लगभग असंभव है। अब तक कई देश इसमें अपनी रुचि दिखा चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *