भाजपा ने विकास के पांच सूत्र (5 जी) के तहत मध्यप्रदेश को बीमारू से बेमिसाल राज्य बनाया – निर्मला सीतारमण
- 600 करोड़ के कृषि बजट को भाजपा सरकार ने 54 हजार करोड़ के पार पहुंचाया
- मध्यप्रदेश का असली विकास 2003 के बाद भाजपा सरकार ने किया
- भाजपा सरकार ने कृषि विकास दर को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत ले जाने का कार्य किया
- कमलनाथ को सिख दंगों की पीड़ित बहन-बेटियों की चीख पुकार सुनाई नहीं देती
- नीतीश कुमार के शर्मनाक बयान पर चुप क्यों हैं कांग्रेस व इंडी गठबंधन के दल
भोपाल. मध्यप्रदेश की वर्ष 2003 से पहले की स्थिति आप लोगों से छिपी नहीं है। 2003 के बाद मध्यप्रदेश में जितना विकास हुआ है, वह मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने ही किया है। 2003 में कांग्रेस शासनकाल में मध्यप्रदेश की गणना देश के एक बीमारू राज्य के रूप में होती थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के सत्ता संभालने के बाद प्रदेश का तेजी से विकास किया गया और आज मध्यप्रदेश एक बेमिसाल राज्य बन गया है। बीमारू राज्य से बेमिसाल राज्य आसानी से नहीं हुआ है। 2003 से 2014 तक मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार और 2014 से भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने विकास करके मध्यप्रदेश को बेमिसाल राज्य बनाया है। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद मध्यप्रदेश के ऋण अनुपात को 31 प्रतिशत से घटाकर 27 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। भाजपा सरकार में मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत और प्रति व्यक्ति आय 12 गुना तक बढ़ गई है। यह बात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरूवार को भोपाल में भाजपा मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता का संबोधित करते हुए कही।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भाजपा सरकार ने विकास के पांच सूत्र (5 जी) के जरिए विकास करके मध्यप्रदेश को बेमिसाल राज्य बनाया है। यह भाजपा की सरकार ही कर सकती है। कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में आती है तो वह प्रदेशों का विकास करने की बजाय उन्हें अपने एटीएम की तरह इस्तेमाल करती है। कर्नाटक का हाल आप लोग देख ही रहे हैं। भाजपा की सरकार में विकास में अग्रणी राज्यों में शामिल रहा कर्नाटक आज किस स्थिति में पहुंच गया है।
ग्रोथ, गुड गवर्नेंस, गुडविल, गारंटी और गरीब कल्याण हैं विकास के मूल मंत्र
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ग्रोथ यानी विकास, गुड गवर्नेंस यानी सुशासन, गुडविल यानी जनता की शुभेक्षा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी गारंटी और गरीब कल्याण ही मूल मंत्र हैं, जिसके तहत भाजपा देश और प्रदेशों का विकास कर रही है। इन्हीं 5जी के तहत कार्य करके मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से बेमिसाल राज्य बनाया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में लगभग 2.67 करोड़ मुद्रा खातों में 1.4 लाख करोड़ रूपए वितरित किए गए हैं, जिनमें 70 प्रतिशत महिलाएं हैं। 10 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को स्व निधि के तहत लाभ दिया गया है। स्टैंड-अप इंडिया के तहत 10 हजार लोगों को लगभग 800 करोड़ रूपए वितरित किए गए हैं, जिनमें महिला, एससी और एसटी लाभार्थी शामिल हैं। गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मध्यप्रदेश के 5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 5 किलो मासिक निःशुल्क राशन मिल रहा है, जिसे प्रधानमंत्री जी ने आने वाले 5 वर्षों के लिए और बढ़ा दिया है।
मध्यप्रदेश की योजनाओं को दक्षिण भारत के राज्य भी कॉपी कर रहे
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां महिला सुरक्षा और महिला कल्याण के लिए ढेरों योजनाएं संचालित की जा रही हैं। सोशल वेलफेयर के लिए दक्षिण भारत के राज्य अग्रणी रहते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, संबल, लाड़ली बहना योजना जैसी महिला सशक्तिकरण की अनेकों योजनाएं लागू की हैं। अब तो दक्षिण भारत के राज्य भी मध्यप्रदेश आकर महिला सुरक्षा और महिला कल्याण की योजनाओं का अध्ययन कर अपने राज्य में लागू करने की तैयारी में हैं।
90 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने देश के 10 करोड किसानों के साथ मध्यप्रदेश के 90 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 6 हजार रूपए प्रदान किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने भी किसान कल्याण योजना के तहत प्रति किसान 6 हजार रूपए दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही 1.7 करोड़ किसानों को फसल बीमा योजना का भी लाभ दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश के 30 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
आंकड़ों में समझें भाजपा के विकास कार्य
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि 2002 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब यहां 11,171 रूपए प्रति व्यक्ति आय थी। बीते 18 वर्षों में भाजपा सरकार द्वारा किस गए विकास की वजह से मध्यप्रदेश के लोगों की प्रति व्यक्ति आय अब 1.40 लाख (12 गुना की वृद्धि) तक पहुंच गई है। 2002 में कांग्रेस शासनकाल में मध्यप्रदेश पर जीडीपी के अनुपात में 31 प्रतिशत ऋण था, जिसे भाजपा सरकार ने मजबूत आर्थिक तथा राजकोषीय प्रबंधन के जरिए 27 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। 2002 में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में मध्यप्रदेश का आर्थिक योगदान 3 प्रतिशत था, जिसे भाजपा सरकार ने बढ़ाकर 4.8 तक पहुंचा दिया है। 2002 में मध्यप्रदेश की की जीडीपी 71,500 करोड रूपए थी, जो भाजपा की डबल इंजन की सरकार में 183 प्रतिशत की शानदार वृद्धि के साथ 13.8 लाख करोड़ हो गई है। डबल इंजन की भाजपा सरकार ने विभिन्न योजनाओं के तहत मध्यप्रदेश के किसानों के खाते में बीते 3 वर्षों में 2.80 लाख करोड़ रूपए भेजे हैं।
1.28 लाख करोड से 5 लाख करोड़ पहुंच गया कर हस्तांतरण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब केंद्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा पर मध्यप्रदेश को कर हस्तांतरण 1.28 लाख करोड़ ही हुआ था। 2014 में नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कर हस्तांतरण करीब चार गुना बढ़कर पांच लाख करोड़ हो गया है। वर्ष 2004 से 2014 तक केंद्र की कांग्रेस सरकार ने मध्यप्रदेश को सहायता अनुदान के रूप में 70,907 करोड़ रूपए दिए थे, जो मोदी जी की सरकार में करीब तीन गुना वृद्धि के साथ 2.57 लाख करोड़ पहुंच गया है।
मध्यप्रदेश के विकास के लिए 15,518 करोड बिना ब्याज के दिए
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना काल के बाद विश्व के लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाई थी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी ने प्रदेशों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 50 साल के लिए बिना ब्याज के ऋण देने की योजना बनाकर मध्यप्रदेश को 15,518 करोड़ रूपए का ऋण दिया। यह ऋण 50 साल में राज्यों को वापस करना है वह भी बिना ब्याज के। मध्यप्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। समर्थन मूल्य पर कांग्रेस के शासनकाल में 95 हजार टन धान की खरीद होती थी, जिसे भाजपा सरकार ने 46 गुना बढ़ाकर 45 लाख टन पहुंचा दिया है, वहीं गेहूं की खरीद 2002 में 4 लाख टन था, जो बढ़कर 70 लाख टन हो गई है। कांग्रेस के समय मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर 3 प्रतिशत थी, जो अब 18 प्रतिशत हो गई है। 2002 में मध्यप्रदेश का कृषि बजट 600 करोड़ था, जो भाजपा सरकार ने बढ़ाकर 54 हजार करोड़ कर दिया है।
कमलनाथ को सिख दंगों की पीड़ित माताओं-बहनों चीख सुनाई नहीं देती
एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कमलनाथ महिला सुरक्षा पर बात करने से पहले यह बताएं कि उन्हें 1984 के सिख दंगों के पीड़ित सिखों की महिलाओं की चीख-पुकार क्यों नहीं सुनाई देती है। सिखों के हुए नरसंहार में कितनी महिलाएं विधवा हुईं, कितनों बहनों ने अपने भाई खोए और बेटियों ने पिता खोया, लेकिन कमलनाथ को उन बहन-बेटियों की चीखपुकार सुनाई नहीं देती है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सामान्य घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देने वाले इंडी गठबंधन के नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के महिलाओं को लेकर की गई अशोभनीय और निंदनीय बात को लेकर विरोध क्यों नहीं कर रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इंडी गठबंधन में शामिल दल नीतिश कुमार के इस कृत्य को लेकर चुप क्यों हैं। इंडी गठनबंधन के अन्य दल स्पष्ट करें कि वे नीतिश कुमार के बयान से सहमत हैं या असहमत हैं।