महादेव एप मामले में भाजपा के 3 नेताओं को नोटिस सीएम के सलाहकार ने वर्मा ने प्रेसवर्ता में दी जानकारी
रायपुर
ऑन लाइन सट्टा एप महादेव को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारो का मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने इस मामले में भाजपा के 3 बड़े नेताओं को मानहानि का लीगल नोटिस भेजा है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में सीएम के सलाहकार वर्मा ने बताया कि उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह, केदार गुप्ता और अनुराग अग्रवाल को मानहानि का लीगल नोटिस भेजा। वर्मा ने इसे राजनीतिक षडयंत्र करार देते हुए महादेव गेमिंग एप और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ राज्?य सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई की सिलसिलेवार जानकारी भी दी। वर्मा ने कहा कि यह पूरा राजनीतिक षडयंत्र है, जिसमें बघेल जी और वर्मा जी के नाम पर सीधे सीएम और सीएम के सलाहकार को जोड़ा जा रहा है। सीएम के सलाहकार वर्मा ने बताया कि महादेव एप के खिलाफ सबसे पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस पर कार्रवाई की। राज्?य में 72 मामले दर्ज हैं। इसके बाद 12 अक्टूबर 2022 को छत्तीसगढ़ पुलिस की साइबर सेल की तरफ से गूगल पत्र लिखा गया है। इसमें महादेव ऐप को प्ले स्टोर से हटाने को कहा गया था। वर्मा ने कहा कि ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार कार्रवाई शुरू की। वर्मा ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को महादेव ऐप पर रोक लगाने को कहा, क्योंकि यह एप विदेश से ऑपरेट हो रहा है। वर्मा ने कहा कि बीजेपी हर बार चुनाव में धर्म पर राजनीति करती आई है, लेकिन अब अपराध पर राजनीति कर रही है। ईडी आईटी जैसे संगठनों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि महीनो
महादेव एप मामले में भाजपा के 3 नेताओं …
की जांच के बाद ईडी के जो दस्तावेज सामने आए हैं, उसमें शुभम सोनी का नाम ही नहीं है। महादेव का संचालक रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर है या शुभम सोनी है ईडी ने नहीं बताया।
सीएम के सलाहकार ने कहा कि 508 करोड़ रुपए देने का आरोप है, लेकिन ईडी ने लिखा है यह जांच का विषय है। किसी अज्ञात व्यक्ति के बयान के आधार पर सीएम भूपेश बघेल पर आरोप लगा रहें है, जबकि ईडी कह रही है कि यह जांच का विषय है। .यह पूरा राजनीतिक षडयंत्र है, जिसमें बघेल जी और वर्मा जी के नाम पर सीधे सीएम और सीएम के सलाहकार को जोड़ रहा है।
वर्मा ने कहा कि बीजेपी के नेताओं के साथ सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल का फोटो है, उनके खिलाफ कोई मामला नहीं दर्ज किया गया है। पूरा तार बीजेपी के नेताओं के साथ जुड़ी है। ईडी भाजपा के साथ काम करने वाला एंबेडेड डिटेक्टिव यानि जासूस है। ईडी की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहा है।
राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा कि
महादेव ऐप की जांच का काम छत्तीसगढ़ पुलिस ने शुरु किया।
अब तक 72 मामले दर्ज किए गए हैं और 449 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।
191 लैपटॉप, 865 मोबाइल फ़ोन और डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति और 16 करोड़ रुपए बैंक खातों में ज़ब्त किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ में दर्ज मामलों के आधार पर ही प्रत्यावर्तन निदेशालय यानी ईडी ने जांच शुरु की।
रायपुर पुलिस के साइबर सेल ने 12 अक्टूबर 2022 को गूगल को एक पत्र लिखकर कहा था कि महादेव ऐप गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध है, चूंकि भारत में जुआ खेलना अपराध है और इस ऐप के माध्यम से जुआ खिलवाया जा रहा है, इस ऐप को बंद कर दिया जाए और इस ऐप को बनाने और चलाने वालों के नाम पुलिस को बताए जाएं।
इस पत्र के बाद गूगल ने महादेव ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही जांच के बाद पाया कि महादेव ऐप के संचालक रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर हैं। इसके बाद पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया।
इसके बाद से लगातार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी लगातार कह रहे हैं कि इन अपराधियों को केंद्र सरकार गिरफ़्तार करे क्योंकि वे इस देश में नहीं रहते और छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता कि वे किसी अपराधी को किसी दूसरे देश से गिरफ़्तार करके लाएं।
महादेव ऐप पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी उन्होंने बार बार की।
उन्होंने आशंका ज़ाहिर की थी कि ऐप पर रोक इसलिए नहीं लग रही है कि क्योंकि भाजपा के लोगों से संचालकों की सांठगांठ हो गई है।
आखिरकार तीन दिन पहले केंद्र सरकार ने महादेव ऐप को बंद करने का दावा किया। लेकिन दिलचस्प और हैरान करने वाली बात यह है कि उसी शाम एक समाचार चैनल ने दिखा दिया कि रोक लगाने की बात बेकार है क्योंकि ऐप तो बाक़ायदा चल रहा है और सट्टेबाज़ी का खेल निर्बाध रूप से जारी है।
स्पष्ट है कि यह शायद केंद्र की मोदी सरकार के बूते की बात ही नहीं है कि वह महादेव ऐप को रोक सके। या वह चाहती ही नहीं कि इस पर रोक लगे।
क्योंकि केंद्र की सरकार तो सट्टेबाज़ी पर जीएसटी लगाकर कमाई करने में लगी है।
ईडी की जांच की राजनीति
अब तक भारतीय जनता पार्टी धर्म को राजनीति से जोड़ती आई थी लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भाजपा ने अपराध को भी राजनीति से जोड़ दिया है।
केंद्र में गृहमंत्री के पद पर अमित शाह जी के बैठने के बाद यह प्रक्रिया और भी तेज़ हो गई है।
साथ में बढ़ा है केंद्रीय जांच एजेंसियों का राजनीतिक कारणों से दुरुपयोग करने का।