September 25, 2024

सांसद महुआ मोइत्रा विवादों में घिरी, अब होगी लोकपाल और सीबीआई की भी एंट्री…

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नई दिल्ली

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा विवादों में हैं. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया है. इस मामले में जांच कर रही एथिक्स कमेटी आज अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट फाइनल करेगी और लोकसभा सचिवालय में सबमिट करेगी. 500 पेज की इस रिपोर्ट में महुआ पर कई गंभीर आरोपों को आधार बनाकर कार्रवाई की सिफारिश की गई है. महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है. बात यहीं तक सीमित नहीं है. इस केस में आगे जांच एजेंसियां भी एक्शन ले सकती हैं. पहले लोकपाल और अब सीबीआई जांच के आदेश होने का दावा किया गया है.

  बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था. दुबे ने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर से की थी. मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी जांच कर रही है. दुबे का आरोप है कि नकदी और गिफ्ट के बदले संसद में सवाल पूछने के लिए महुआ मोइत्रा और कारोबार दर्शन हीरानंदानी के बीच 'रिश्वत' का लेन-देन हुआ था. दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला दिया, जिसमें मोइत्रा और हीरानंदानी के बीच कथित आदान-प्रदान के 'सबूत' का जिक्र किया गया है. अब एथिक्स कमेटी ने 500 पेज की रिपोर्ट में लोकसभा सचिवालय से महुआ के खिलाफ कड़ी सजा की सिफारिश की है.

'पैनल ने राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाया प्रमुख आधार'

माना जा रहा है कि एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद महुआ की सिर्फ संसद सदस्यता ही नहीं जाएगी. बल्कि उन पर पुलिस एक्शन भी लिया जा सकता है. एथिक्स कमेटी ने अपनी सिफारिश में सबसे प्रमुख आधार राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाया है. कमेटी ने सिफारिश में कहा, महुआ ने अपनी संसदीय अकाउंट की लॉग-इन डिटेल अनाधिकृत लोगों के साथ शेयर की हैं, जिसका असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ता है. इसलिए महुआ की लोकसभा की सदस्यता बर्खास्त करना चाहिए.  एथिक्स कमेटी ने कहा कि इस पूरे मामले की विधि सम्मत, सघन, संस्थागत और समयबद्ध जांच हो.

'एथिक्स कमेटी ने दानिश अली के रवैये को भी गंभीरता से लिया'

इतना ही नहीं, एथिक्स कमेटी ने मनी ट्रेल, पैने के लेन-देन के आरोप पर टिप्पणी की और सीक्रेसी भंग करने का आरोप लगाया. पूछताछ के लिए पैनल के सामने आईं महुआ मोइत्रा के गुस्से वाले शब्दों और असहयोगात्मक रवैये को भी गंभीरता से लिया गया है. पैनल ने रिपोर्ट में बसपा सांसद दानिश अली और जेडीयू सांसद गिरधारी लाल के रवैये का जिक्र किया है. दानिश पर जनभावनाएं भड़काने और चेयरमैन और अन्य सदस्यों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है.

'निशिकांत ने लोकपाल से भी की थी शिकायत'

इससे पहले बीजेपी सांसद दुबे ने दावा किया है कि लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने 21 अक्टूबर को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के पास महुआ की शिकायत दी थी. दुबे ने एक्स पर लिखे पोस्ट में कहा था, सीबीआई सुनते-सुनते थक गया हूं. आज लोकपाल को शिकायत दर्ज करा दिया. सांसद, मंत्री का भ्रष्टाचार लोकपाल ही देखता है. सीबीआई ही उसका माध्यम है. अब बुधवार को दुबे ने एक और ट्वीट किया और लिखा, 'लोकपाल ने आज मेरी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर सीबीआई जांच का आदेश दिया.' 

'आरोप सही पाए गए तो एफआईआर हो सकती है'

कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा चारों तरफ से घिरी हैं. उनकी पार्टी टीएमसी ने भी इस पूरे प्रकरण से दूरी बना रखी है. यानी पार्टी का भी साथ नहीं लिया रहा है. इधर, एथिक्स कमेटी ने भी लोकसभा सचिवालय से कार्रवाई की सिफारिश कर दी है. लोकपाल ने भी सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. महुआ की संसद सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है. जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो महुआ पर एफआईआर भी हो सकती है.

'महुआ ने खेला महिला कार्ड!'

आरोपों के बीच टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने महिला कार्ड खेला है. उन्होंने कहा- दरअसल आपका पाला पहले किसी बंगाली महिला से नहीं पड़ा है शायद. हमारे लिए बंगाली महिलाओं का मतलब देवी, मां काली है, लेकिन आपके लिए वे सिर्फ एक वस्तु हैं. आप मेरी जैसी महिला को स्वीकार करना नहीं चाह रहे हैं . मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि वे (भाजपा सरकार) बेघर हो जाएं.

'अगर जूते गिनना चाहते हैं तो जरूर घर आएं'

महुआ ने कहा, यह बीजेपी सरकार, एजेंसी सरकार है. मैंने अभी सुना कि झारखंड बीजेपी सांसद (निशिकांत दुबे) ने अपने ट्वीट में मेरे खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की. अगर वे जानना चाहते हैं कि मेरे पास कितने जोड़ी जूते हैं तो उन्हें मेरे घर अवश्य आना चाहिए. लेकिन मैं जानना चाहती हूं कि क्या एजेंसियों के हाथ में इतना कुछ है? जबकि अडानी के 13,000 करोड़ के कोयला घोटाले की जांच अभी भी लंबित है? उनके पास इसके लिए पर्याप्त शक्ति नहीं है, लेकिन मेरे पास मौजूद जूते के नंबर ढूंढने के लिए उनके पास समय और ऊर्जा है. उनके पास अडानी और गृह मंत्रालय अमित शाह से जुड़े राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे की जांच करने का समय नहीं है. दरअसल, आपने पहले किसी बंगाली महिला को नहीं देखा होगा. हम बंगालियों के लिए महिलाओं का मतलब देवी, मां काली है, लेकिन आपके लिए वे सिर्फ एक वस्तु हैं. आप एक महिला को मेरे रूप में स्वीकार नहीं करना चाहते हैं. मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि वे (भाजपा सरकार) बेघर हो जाएं. अगले चार महीनों तक वे (भाजपा) तृणमूल कांग्रेस और उसके नेताओं को बदनाम करने की कोशिश करेंगे लेकिन हम हिलेंगे नहीं. हमें मजबूत और एकजुट रहना है.

महुआ ने ट्वीट कर क्या कहा…

सीबीआई जांच का आदेश आने पर महुआ ने भी ट्वीट किया. वह बोलीं, 'सीबीआई को पहले 13 हजार करोड़ के अडानी कोल स्कैम पर FIR दर्ज करनी चाहिए. कैसे गैर-भरोसेमंद अडानी फर्म भारतीय बंदरगाह खरीद रही हैं ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है.' फिर सीबीआई का मेरे जूते गिनने के लिए स्वागत है.

क्या है पूरा मामला 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने संसदीय आईडी का अपना लॉग-इन पासवर्ड शेयर किया था, जहां से किसी दूसरे शख्स ने व्यापारी गौतम अडानी को घेरने वाले सवाल संसद में उठाए. निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को लोकसभा वेबसाइट का लॉगिन एक्सेस दिया था. इस बात की शिकायत दुबे ने IT मंत्री से की थी. इन आरोपों को महुआ ने गलत बताया था. हालांकि, बाद में कारोबारी हीरानंदानी ने कुबूल किया था कि महुआ ने सवालों के लिए संसद का लॉगइन पासवर्ड दिया उनको दिया था. उसके बाद एथिक्स कमेटी में मामले की सुनवाई हुई थी, लेकिन वहां हंगामा हो गया था. महुआ संग कमेटी की मीटिंग में शामिल विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया था कि कमेटी ने निजी सवाल पूछे इसके बाद उन्होंने मीटिंग का बहिष्कार किया. आरोप लगे कि महुआ से पूछा गया कि वह रात में किससे बात करती हैं? बाद में महुआ ने भी कहा था कि एथिक्स कमेटी उनसे गंदे सवाल पूछ रही थी और उनका 'चीरहरण' किया गया.

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