November 28, 2024

कांग्रेस के सीनियर नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने किया बड़ा दावा- पार्टी में कुछ नेताओं को राम और हिंदू शब्द से भी नफरत

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नई दिल्ली
कांग्रेस के सीनियर नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साधते हुए बड़े दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ऐसे कई नेता हैं, जो राम मंदिर ही नहीं बल्कि राम से ही नफरत करते हैं। ये लोग हिंदुत्व से ही नहीं बल्कि हिंदू से ही उन्हें चिढ़ है। हिंदू धर्मगुरुओं का ये लोग अपमान करना चाहते हैं। इन्हें बिलकुल अच्छा नहीं लगता कि कोई हिंदू धर्मगुरु पार्टी में रहे। हालांकि उन्होंने ऐसे किसी भी नेता का नाम नहीं लिया और कहा कि राजनीति में भाषा तो सांकेतिक ही रहती है। उन्होंने कहा कि मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहूंगा, लेकिन मैंने महसूस किया है कि कांग्रेस में ऐसे कुछ नेता हैं।

उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन बनाने का मकसद यही है कि मोदी और भाजपा को हटा दिया जाए। यह दुख की बात है कि ये लोग मोदी और भाजपा से नफरत करते-करते देश के ही खिलाफ हो गए। उन्होंने कहा कि यह तो देश का सौभाग्य है कि हम लोग राम मंदिर का उद्घाटन देखने वाले हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, 'गांधी परिवार के बिना कांग्रेस की तो कोई पहचान ही नहीं है। प्रियंका गांधी से ज्यादा पूरे विपक्ष और INDIA गठबंधन में दूसरा कोई नेता नहीं है। यदि कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी को कड़ी टक्कर देना चाहती है तो फिर प्रियंका को ही पीएम कैंडिडेट बनाना चाहिए।'

सीएम नीतीश कुमार
नीतीश कुमार के जीतनराम मांझी और महिलाओं को लेकर विवादित बयान देने पर भी आचार्य प्रमोद ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं का भरी विधानसभा में अपमान किया। लेकिन किसी ने भी INDIA गठबंधन से इस पर कुछ नहीं कहा। कृष्णम ने कहा कि यह विडंबना है कि विपक्ष गलतियां खुद करता है और फिर उसके लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराता है। खुद ही सोचने की बात है कि अब नीतीश कुमार ने जो कहा, उसके लिए क्या हम मोदी को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। कांग्रेस में रहते हुए पार्टी पर हमला बोलने पर आचार्य प्रमोद ने कहा, 'पार्टी में रहने का यह मतलब नहीं है कि सच न कहा जाए। सच ही सच होता है और झूठ ही झूठ कहलाता है। क्या वंदे मातरम, सनातन धर्म और देश के बारे में बात करने का मतलब क्या भाजपा जॉइन करना है।' उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और भगवान राम के बिना तो इस देश में लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं है।

 

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