September 23, 2024

अब तक कितनी पार्टियां कर चुकी हैं NDA की राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान?

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नई दिल्ली
18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 56 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। हालांकि, सभी की निगाहें दो दिग्गजों – द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा पर टिकी हैं। इस रेस में एनडीए उम्मीदवार मुर्मू का जीतना लगभग तय माना जा रहा है। झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू सत्तारूढ़ एनडीए सरकार की उम्मीदवार हैं, जबकि पूर्व भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री यशवंत सिंह इस पद के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार हैं। कई राजनीतिक दल पहले ही पुष्टि कर चुके हैं कि वे किसे अपना समर्थन दे रहे हैं। हालांकि, कुछ का वोट अभी भी रहस्य बना हुआ है। देखते हैं कौन सी पार्टियां मुर्मू को सपोर्ट कर रही हैं और कौन सी पार्टी सिन्हा को।

वैसे एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुनने के भाजपा के फैसले को अब तक काफी सफलता मिली है। कई दलों ने द्रौपदी मुर्मू को खुला समर्थन देने की बात कही है। सोमवार को तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने घोषणा की कि वह राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। पार्टी ने यहां एक विज्ञप्ति में कहा कि तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी की रणनीति समिति की बैठक में इसकी घोषणा की।  नायडू ने कहा, "तेदेपा हमेशा सामाजिक न्याय की पक्षधर रही है। उसने इससे पहले राष्ट्रपति पद के लिए के. आर. नारायणन और ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का समर्थन किया था।" तेदेपा के राज्यसभा में एक और लोकसभा में तीन सदस्य हैं, जबकि आंध्र प्रदेश विधानसभा में उसके 23 सदस्य हैं। इससे पहले, आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआरसी पार्टी ने मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की थी।

ये पार्टियां कर चुकी हैं द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान

जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार सहित एनडीए के सभी सहयोगी एकजुट होकर भाजपा की पसंद द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रहे हैं। इसके अलावा, दो अन्य राजनीतिक दलों, ओडिशा की बीजू जनता दल और आंध्र की वाईएसआरसीपी ने भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। ये दोनों पार्टियां मुर्मू के नामांकन पत्र पर भी हस्ताक्षर कर चुकी हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने मुर्मू को अपना समर्थन देते हुए कहा कि आदिवासी उनकी पार्टी के आंदोलन का एक अभिन्न हिस्सा हैं।

द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने वाले दल
1. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
2. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू)
3. अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके)
4. बीजू जनता दल (बीजद)
5. बहुजन समाज पार्टी (बसपा)
6. युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी)
7. अपना दल सोनेलाल (एडीएस)
8. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी)
9. असम गण परिषद (एजीपी)
10. पट्टाली मक्कल काची (पीएमके)
11. नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ)
12. नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी)
13. जननायक जनता पार्टी (जेजेपी)
14. यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल)
15. मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ)
16. निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद)
17. नेशनलिस्ट प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपीपी)
18. ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू)
19. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
20. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे)
21. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी)
22. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम)
23. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम)
24. बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ)
25. राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएएसपी)
26. जन सेना पार्टी (जेएसपी)
27. अखिल भारतीय नमथु राजियम कांग्रेस (एआईएनआरसी)
28. हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी)
29. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी)
30. पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ)
31. महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी)
32. हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी)
33. कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए)
34. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया अठावले (आरपीआई-ए)
35. तमिल मनीला कांग्रेस मूपनार (टीएमसी-एम)
36. इंडिजिनियस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी)
37. पुरानी भारतम काची (पीबीके)
38. शिरोमणि अकाली दल (शिअद)
39. तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा)

इन पार्टियों के अलावा कांग्रेस के साथ गठबंधन में झारखंड की सत्ता पर काबिज झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भी एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का समर्थन कर सकती है। उस पर दबाव है क्योंकि मुर्मू राज्य की राज्यपाल रह चुकी हैं। झामुमो यह तय नहीं कर पा रही है कि वह संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन दे या पार्टी की विचारधारा और पहचान के अनुसार मुर्मू को समर्थन दे। हालांकि इसके मुर्मू के समर्थन में आने की संभावना है क्योंकि आदिवासी झारखंड की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यूपीए का हिस्सा रहे झामुमो पर दबाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शनिवार को हुई बैठक में यह फैसला नहीं हो पाया कि वह किसे समर्थन दे।

 

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