November 28, 2024

Rajasthan Election: MBA डिग्री वाली भारत की पहली सरपंच छवि राजावत बीजेपी में शामिल

0

 जयपुर
राजास्थान में MBA डिग्री वाली भारत की पहली सरपंच छवी राजावत बीजेपी में शामिल हो गई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने छवि राजावत को सदस्यता दिलाई। पार्टी कार्यालय में आयोजित समारोह में अन्य नेताओं ने भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी मौजूद रहे। छवि राजावत टोंक जिले की मालपुरा तहसील के सोडा गांव से हैं और उसी के विकास के लिए इन्होंने काम किया है, जिसके लिए वह जानी जाती हैं। छवि राजावत आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल, मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल और दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्री राम कॉलेज से पढ़ी हैं। छवि ने बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मॉडर्न मैनेजमेंट पुणे से एमबीए किया है। छवि राजावत अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गई है।

ये नेता भी बीजेपी में हुए शामिल
छवि राजावत के अलावा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े पंकज मेहता और अशोक तंवर बीजेपी में शामिल हो गए है। बृजराज उपाध्याय, कृष्णपाल सिंह चूड़ावत, बजरंग पालीवाल बाड़मेर, बाबूलाल लांबा, चंद्र सिंह जी बाड़मेर, राजू अग्रवाल वार्ड 24 पूरी टीम के साथ, महादेव शर्मा पूर्व पार्षद, हेमंत गोयल दिवायंग अधिकार वाले, कविता शर्मा, सुनील नागोरा, सीमा कंवर वार्ड 43, मधुसूदन, सुरेंद्र शर्मा निवारू आदि ने भाजपा ज्वाइन की है।

सरपंच के बनने के बाद चर्चा में रही छवि राजावत की छवि
बता दें एमबीए करने के बाद, छवि राजावत ने कार्लसन ग्रुप ऑफ होटल्स, एयरटेल आदि जैसी कंपनियों के लिए काम किया। छवि राजावत के सरपंच बनने से 20 साल पहले उनके दादा ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह उसी गांव के सरपंच थे। रिपोर्ट्स बताती हैं वह लोगों से मिलने-जुलने में बहुत अच्छी, बेहद मिलनसार हैं। सोडा गांव के विकास का बीड़ा उठा रही छवी ने गांव की सरपंच बनने के बाद, कई परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है। इन योजनाओं में वर्षा जल संचयन, अधिकांश घरों में शौचालय की सुविधा आदि शामिल है।

 छवि राजावत अपने गांव सोडा और जयपुर के बीच आती जाती रहती हैं। जयपुर में उनका घर हैं, जहां वह अपने माता-पिता के साथ रहती हैं। वह होटल में भी जाती है, जिसका परिवार जयपुर में मालिक है और कई घोड़े जो उसके घुड़सवारी स्कूल का हिस्सा हैं। छवी कहती हैं कि गांव का विकास करने के लिए वे जो भी करती हैं, वह उनका काम नहीं समाज सेवा। वे मानती हैं कि सेवा भाव उनके खून में है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *