इंदौर जेल मोबाइल कांड :प्रहरी ने 50 हजार रुपये देना कबूला, अधीक्षक का नाम आया सामने
इंदौर
जिला जेल में मोबाइल मिलने की घटना से मुख्यालय सकते में है।बुधवार को जेल डीआइजी मंशाराम पटेल खुद जिला जेल पहुंचे और घंटों पूछताछ की। मामले में सहायक जेल अधीक्षक श्वेता मीणा का नाम सामने आया है।निलंबित जेल प्रहरी रुबिना ने उन्हें 50 हजार रुपये देना कबूला है।
महिला वार्ड की चार नंबर बैरक में बंद हाईप्रोफाइल कैदी पायल सैमुअल(भोपाल) से 21 अगस्त को मोबाइल बरामद हुआ था। सेंट्रल जेल की अधीक्षक अलका सोनकर मामले की जांच कर रही है। संयोगितागंज थाने को शिकायत कर दी गई है। महिला वार्ड की एक प्रहरी रुबिना खान को निलंबित कर दिया है।दोपहर को डीआइजी मंशाराम पटेल और अधीक्षक अलका सोनकर जिला जेल पहुंची और चार नंबर बैरक में बंद महिला कैदियों सहित स्टाफ के बयान लिए।
पायल ने पूछताछ ने बताया कि मोबाइल धोखाधड़ी की आरोपित उर्वशी भदौरिया ने उसके भाई शुभम से बुलवाया था।इसके लिए पायल के पिता पीके सैमुअल ने ई-वालेट के माध्यम से पांच हजार रुपये ट्रांसफर किए थे। अफसरों ने रुबिना को बुलाया तो उसके मोबाइल से स्क्रीन शाट भी मिल गए।
सख्ती करने पर रुबिना ने बताया सहायक जेल अधीक्षक श्वेता मीणा भी इस मामले में शामिल है। करीब एक महीने पूर्व पायल के कहने पर उसने मीणा के पास 50 हजार रुपये कैश और कुछ उपहार भिजवाए थे। रुपये तरुण नामक व्यक्ति देकर गया था। जिसे तनिष्का नामक युवती के माध्यम से मीणा तक भिजवा दिए थे। जेल अधीक्षक अलका सोनकर के मुताबिक एक पुरुष प्रहरी और अफसर के संलिप्त होने की जानकारी मिली है। हम सभी के खिलाफ साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं।