September 28, 2024

OBC सर्टिफिकेट पर बोले शरद पवार- जाति तो मुझे जन्म से मिली है, कैसे छिपा सकता हूं

0

नई दिल्ली
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को उनके नाम से जारी एक जाति प्रमाणपत्र को लेकर सफाई दी है। पवार ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा उनकी जाति को ओबीसी दिखाने वाला प्रमाणपत्र फर्जी है। अपने बारामती निवास गोविंदबाग में दिवाली समारोह से इतर बोलते हुए, पवार ने कहा, वह जन्म से मिली जाति को छिपा नहीं सकते हैं और पूरी दुनिया भी जानती है कि उनकी जाति क्या है।

बता दें कि महाराष्ट्र में इन दिनों मराठा आरक्षण को लेकर विवाद जारी है। इस बीच पिछले हफ्ते की शुरुआत में, शरद पवार के नाम वाली एसएससी मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसमें उनकी जाति को ओबीसी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। इसके जवाब में, एक अन्य डॉक्यूमेंट जारी हुआ था जिसमें पवार की जाति को "मराठा" बताया गया। यह स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र था।

सोशल मीडिया पर प्रसारित विभिन्न डॉक्यूमेंट्स पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पवार ने कहा, “मैंने स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र देखा। यह महाराष्ट्र एजुकेशन सोसाइटी के हाई स्कूल से है और यह असली है। उस पर लिखी मेरी जाति या धर्म के संदर्भ में सभी बातें सही हैं। लेकिन कुछ लोगों ने अंग्रेजी में एक और डॉक्यूमेंट जारी किया और मेरी जाति को ओबीसी बताया। हालांकि मैं ओबीसी का पूरा सम्मान करता हूं लेकिन मैं अपनी जाति नहीं छिपा सकता जो मुझे जन्म से मिली है। पूरी दुनिया जानती है कि मेरी जाति क्या है।”

राकांपा संस्थापक ने आगे कहा कि हालांकि वह राजनीति के लिए जाति का इस्तेमाल नहीं करते हैं, लेकिन वह (मराठा) समुदाय के मुद्दों को हल करने के लिए प्रयास करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ''मैंने राजनीति के लिए कभी भी जाति का इस्तेमाल नहीं किया है और ऐसा कभी नहीं करूंगा। साथ ही, उस समुदाय के मुद्दों को हल करने के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी, मैं हर संभव प्रयास करूंगा।''

यह पूछे जाने पर कि क्या आरक्षण को लेकर ओबीसी और मराठों के बीच दुश्मनी बढ़ रही है, इस पर पवार ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि दोनों समुदायों के बीच कोई मुद्दा है। उन्होंने कहा, “मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि ओबीसी और मराठों के बीच कोई विवाद नहीं है। कुछ लोग ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। चाहे वह ओबीसी हो या मराठा, इन समुदायों के मुद्दों को हल करने की जरूरत है।''

इससे पहले बारामती से सांसद और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले ने भी जाति प्रमाण पत्र में किए गए दावों को खारिज कर दिया था। इस सर्टिफिकेट को फर्जी बताते हुए एनसीपी नेता ने दावा किया कि यह दिग्गज राजनेता को बदनाम करने की साजिश है। सुले ने कहा, "यह किसी की बचकानी हरकत है। जब शरद पवार 10वीं कक्षा में पढ़ते थे, तो क्या अंग्रेजी माध्यम के स्कूल थे? लोगों को इसके बारे में सोचना चाहिए।"

हालांकि, सुप्रिया सुले अकेली नहीं हैं जिन्होंने पवार का बचाव किया है। उनके समर्थक विकास पासलकर ने भी इन दावों को खारिज कर दिया है कि राकांपा प्रमुख ओबीसी वर्ग से हैं। पासलकर ने एक प्रमाण पत्र भी पेश किया जिसमें दिखाया गया कि पवार मराठा जाति से हैं। उन्होंने इंडिया टुडे टीवी से कहा, "इस तरह के फर्जी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर शरद पवार जैसे बड़े नेता को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। एनसीपी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।"

मराठा आरक्षण की मांग का समर्थन करने के बाद पवार के नाम पर कथित ओबीसी प्रमाणपत्र साझा किया जा रहा है। प्रमाणपत्र में एनसीपी सुप्रीमो को ओबीसी कुनबी वर्ग का बताया गया है। पिछले कुछ दिनों से, आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए मराठों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की मनोज जारांगे सहित कोटा समर्थक कार्यकर्ताओं की मांग पर ओबीसी के बीच बेचैनी बढ़ रही है। ओबीसी ने इस मांग का विरोध किया है और 17 नवंबर को जालना जिले में एक सार्वजनिक रैली की योजना बनाई है।

वहीं पवार खानदान की बात करें, तो जहां परिवार के अधिकांश सदस्य शरद पवार के दिवाली मिलन के दौरान उपस्थित थे, वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार अनुपस्थित दिखे। इसके अलावा, कर्जत जामखेड के राकांपा विधायक रोहित पवार भी उपस्थित नहीं थे। हालांकि वरिष्ठ पवार ने कहा कि परिवार के कुछ सदस्य स्वास्थ्य कारणों से अनुपस्थित रह सकते हैं। उन्होंने कहा, “रोहित इस समय बीड में दौरे पर हैं। हर किसी की कोई न कोई व्यस्तता या समस्या है, कोई अस्वस्थ है। अगर कोई मौजूद नहीं है तो गलतफहमी पैदा करने का कोई कारण नहीं है।” अजित पवार इस महीने की शुरुआत में डेंगू से पीड़ित थे और डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी। पहले बताए गए एक संदेश में, अजित ने कहा था कि वह इस दिवाली लोगों से नहीं मिलेंगे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *