November 29, 2024

उम्रकैद काट रहे राम रहीम को मिली हाई कोर्ट से राहत, स्पष्ट तौर पर कोई सबूत नहीं मिला, इस मामले में रद्द हो गई एफआईआर

0

चंडीगढ़
साध्वियों से यौन शोषण और हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने गुरु रविदास और संत कबीर पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में राम रहीम पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। साथ ही याचिका का निपटारा भी कर दिया गया है। राम रहीम की तरफ से याचिका दाखिल कर सत्संग को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की अपील की गई थी।

सात साल बाद दर्ज की गई थी  एफआईआर
राम रहीम की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में आईपीसी की धारा 295ए तहत मामला जालंधर के पातरां में 17 मार्च को दर्ज किया गया है जबकि जिस सत्संग को लेकर मामला दर्ज किया गया है वो सात साल पहले किया गया था। एफआईआर इतने लंबे समय के बाद दर्ज की गई। राम रहीम ने याचिका में कहा है कि प्रवचन के दौरान जो बातें कहीं गई हैं, वो ऐतिहासिक ग्रंथों के अनुरूप हैं। याचिका के साथ संलग्न विभिन्न ऐतिहासिक ग्रंथों से स्पष्ट होता है कि संत कबीर दास और गुरु रविदास के अनुयायियों के प्रति जानबूझकर कोई अपमान नहीं किया गया है। साल 2016 में राम रहीम ने अपने अनुयायियों को यह प्रवचन दिया था। इस पर सात साल बाद एफआईआर दर्ज की गई।

सबूत स्पष्ट तौर पर कोई सबूत नहीं मिला
दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्रवचन के समय किसी व्यक्ति या समुदाय को नुकसान पहुंचाने का कोई सबूत स्पष्ट तौर पर नहीं मिला है। हाईकोर्ट ने इस मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया और याचिका का निपटारा कर दिया। 7 मार्च 2023 को जालंधर ग्रामीण पुलिस ने श्री गुरु रविदास टाइगर फोर्स के अध्यक्ष जस्सी तल्लन की शिकायत पर डेरा प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था। शिकायत के अनुसार, गुरमीत राम रहीम ने गुरु रविदास और सतगुरु कबीर के बारे में कुछ टिप्पणी की जिससे समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। साल 2016 में राम रहीम ने अपने अनुयायियों को यह प्रवचन दिया था।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *