जजपा की चुनौती बढ़ी: पेंशन 5100 हुई नहीं, स्थानीय युवाओं को नौकरियों में आरक्षण वाला कानून भी रद्द
जयपुर.
राजस्थान में चुनाव प्रचार में जुटी जननायक जनता पार्टी (जजपा) को हाईकोर्ट के उस आदेश से बड़ा झटका लगा है, जिसमें निजी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था। साल 2019 में ताऊ के कुनबे से टूट कर बनी जजपा ने खुद को स्थापित करने की जुगत में दो बड़े वादे किए थे। जेजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाकर 5,100 रुपये प्रति महीना देने और निजी नौकरियों में स्थानीय युवाओं के लिए 75 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया था।
राज्य में अभी वृद्धा पेंशन 2700 रुपये महीने मिल रही है। इसी महीने की दो तारीख को हरियाणा सरकार ने जनवरी 2024 से वृद्धा पेंशन तीन हजार रुपये करने का वादा किया है। बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में वृद्धा पेंशन को तीन हजार रुपये प्रति माह करने की घोषणा की थी। भाजपा ने अपना वादा पूर कर लिया है। ऐसे में बहुत कम उम्मीद है कि वृद्धा पेंशन में अब और बढ़ोतरी हो। यदि सरकार बढ़ोतरी करती भी है तो 51 सौ की घोषणा कभी नहीं करेगी। चुनाव के दौरान जजपा ने जब वादे की घोषणा की थी तो उस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल चुटकी लेते हुए घोषणा को जमीनी सच्चाई से दूर बताया था और कहा था कि विपक्ष का घोषणा पत्र लागू करने के लिए एक लाख छब्बीस हजार करोड़ रुपये चाहिए जो समझदारी वाला फैसला नहीं लगता। ऐसी स्थिति में 51 सौ रुपये पेंशन देने का वादा पूरा होता नहीं दिख रहा है। हालांकि जजपा नेता दुष्यंत चौटाला कई बार कह चुके हैं कि यदि उनके पास 47 विधायक होते तो वह 5100 पेंशन जाने कब कर चुके होते।
वहीं, नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के कानून को भी अब हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। राजस्थान में भी चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी प्रमुख और राज्य के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यदि वह सरकार में आते हैं तो वह राजस्थान के युवाओं को भी निजी नौकरियों में आरक्षण देंगे। राजस्थान में 25 को चुनाव होने हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जजपा का यह दांव उनके वोट प्रतिशत पर कितना असर डालते हैं।
फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे –
विस्तृत आदेश का इंतजार कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश को कानून के जानकारों से समीक्षा करवाएंगे। उसके बाद निश्चित तौर पर इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। जब हाईकोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगाई थी, तब भी हम माननीय सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर गए थे। वहां पर हमारी जीत हुई थी। उन्होंने हाईकोर्ट को जल्द सुनवाई का निर्देश दिया था।
– दीपकमल सहारण, प्रवक्ता, जजपा।