November 25, 2024

भाजपा के 10 विधायक कांग्रेस के राजनैतिक सहयोगी… विकास उपाध्याय का बड़ा बयान

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रायपुर
छत्तीसगढ़ में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस बीच सरकार में संसदीय सचिव और रायपुर विधायक विकास उपाध्याय ने दावा किया है कि भाजपा के 14 में से 10 विधायक कांग्रेस के निकट राजनीतिक सहयोगी हैं। वे नहीं चाहते हैं कि आगे भी भाजपा की सरकार बने। इसीलिए वे लोग पिछले पौने चार साल से चुप्पी साधकर बैठे हुए थे।

बेरोजगारी के मुद्दे पर बुधवार को रायपुर में हुए भाजपा के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए विधायक विकास उपाध्याय ने कहा, छत्तीसगढ़ में भाजपा इसलिए अब सफल नहीं हो सकती, क्योंकि उन्हीं के विधायक नहीं चाहते कि भाजपा सत्ता में वापसी करें। उन्होंने दावे के साथ कहा कि भाजपा के 14 में से 10 विधायक ऐसे हैं जो कांग्रेस के निकट राजनीतिक सहयोगी हैं। उनकी इच्छा बिल्कुल भी नहीं है कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करे। परंतु भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व 2024 में फिर से वापसी करना चाहता है। इसलिए एक प्रयोग के तहत छत्तीसगढ़ की कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती देने के लिए पार्टी का डबल इंजन बदलकर नया प्रयोग किया। इसमें प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बदले गए। वे भी पिकअप नहीं ले पा रहे थे और ये भी अब पूरी तरह से फेल्योर साबित हुए हैं।

ईडी-आईटी से नहीं डरा पाए तो यह नया प्रयोग
विधायक विकास उपाध्याय ने कहा, देश में छत्तीसगढ़ एकमात्र प्रदेश है जिसे केन्द्र की भाजपा सरकार ईडी और आईटी के माध्यम से डरा नहीं पाई। इसलिए पहले तो पार्टी के अन्दर ही प्रयोगशाला बनाकर डबल इंजन बदलने के नए मॉडल का प्रयोग हुआ। अब पार्टी उस मुद्दे को लेकर राग अलाप रही है, जिस बेरोजगारी को लेकर केन्द्र की भाजपा सरकार खुद करोड़ों युवाओं के निशाने पर है। आज देश में महंगाई और आर्थिक बदहाली की वजह से निर्मित हुई बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। भाजपा के नेता इसपर कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। सिर्फ ईडी, आईटी और सीबीआई के माध्यम से चुनी हुई सरकारों को एक साजिश के तहत गिराने और अस्थिर करने में लगे हैं।

भाजपा का आंदोलन उनकी ही सरकार को आईना दिखाने वाला
विकास उपाध्याय ने कहा, बेरोजगारी को लेकर छत्तीसगढ़ में आन्दोलन में पूरी ताकत झोंकना उनकी ही सरकार को आईना दिखाने जैसा है। केन्द्र सरकार ने संसद में बताया है कि अप्रैल 2014 से मार्च 2022 के बीच केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियमित नौकरी पाने के लिए करीब 22 करोड़ लोगों ने आवेदन किया। जिसमें मात्र 7.22 लाख लोगों को नौकरी मिली। यानी-जितने लोगों ने आवेदन किया उसमें केवल 0.32 प्रतिशत को ही नौकरी मिल पाई। सीएमआईई के मुताबिक कोविड-19 की पहली लहर में करीब 12 करोड़ लोगों ने नौकरी गंवाई( वहीं 2021 में दूसरी लहर के चलते एक करोड़ लोगों को नौकरी छोडऩी पड़ी।

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