September 25, 2024

नेवी को मिलेगी विध्वंसक इंफाल, स्वदेशी मिसाइल से थर-थर कांपेगा दुश्मन

0

नई दिल्ली

समुद्र में भारत की ताकत बेमिसाल होने वाली है। समुद्र में अपनी पहली ब्रह्मोस फायरिंग में, भारतीय नौसेना की ताजा स्वदेशी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक यार्ड 12706 ने  'बुल्स आई' स्कोर किया। यानी इस मिसाइल ने बेहद सटीक निशाना लगाया है। इस घातक मिसाइल को इंफाल (Imphal) भी कहा जाता है। कमीशन किए जाने से पहले किसी युद्धपोत द्वारा लंबी दूरी वाली ब्रह्मोस मिसाइल का यह पहला परीक्षण था।

इंफाल भारतीय नौसेना के विशाखापत्तनम श्रेणी के स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का तीसरा जहाज है। यह स्वदेशी जहाज बनाने में भारत की काबिलियत का उदाहरण है और दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से एडवांस युद्धपोतों में से एक है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा डिजाइन किया गया है और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई द्वारा निर्मित किया गया है।

इंफाल नाम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इंफाल की लड़ाई में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों की याद में दिया गया है। यह अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से सुसज्जित एक शक्तिशाली और बहुमुखी शिप है। विध्वंसक की कुल लंबाई 164 मीटर और वजन 7,400 टन है। बयान में कहा गया कि ऐसे अभ्यास से नौसेना संदेश देना चाहती है कि किसी भी हालात में लड़ाई के लिए नौसेना तैयार है।

जहाज का लगभग 75% हिस्सा स्वदेशी सामान से सुसज्जित है जिसमें मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (बीईएल, बैंगलोर), सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें (ब्रह्मोस एयरोस्पेस, नई दिल्ली), स्वदेशी टारपीडो ट्यूब लॉन्चर (लार्सन और टुब्रो, मुंबई), पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर (लार्सन एंड टुब्रो, मुंबई) और 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट (बीएचईएल, हरिद्वार) शामिल हैं।

नौसेना, डीआरडीओ ने पोत-रोधी मिसाइल का पहला निर्देशित उड़ान परीक्षण किया

इससे पहले नौसेना ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से मंगलवार को ‘सीकिंग 42बी’ हेलीकॉप्टर से नौसैन्य पोत-रोधी मिसाइल का पहला निर्देशित उड़ान परीक्षण किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। नौसेना ने ‘एक्स’ पर लिखा, "यह परीक्षण विशिष्ट मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

इस मिसाइल का पहली बार परीक्षण मई 2022 में किया गया था। पहले उड़ान परीक्षण के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मिसाइल में कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित लॉन्चर भी शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *