September 24, 2024

भारत की अर्जी कतर कोर्ट ने स्वीकार की, मौत की सजा पाए नेवी के 8 पूर्व अफसरों को राहत की उम्मीद

0

नईदिल्ली

पिछले साल कतर में गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को 27 अक्टूबर, 2023 को कतर की अदालत ने मौत की सजा सुनाई तो हर कोई हैरान रह गया. अब इस मामले में बड़ा अपडेट आया है. सूत्रों के मुताबिक, कतर कोर्ट ने मौत की सजा पाए पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों की अपील स्वीकार कर ली है और जल्द ही इस मामले की अगली सुनवाई की जाएगी. यह अपील भारत सरकार द्वारा दायर की गई थी.

कतर की एक अदालत ने गुरुवार (23 नवंबर) को अपील दस्तावेज स्वीकार कर लिया.सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट अपील का अध्ययन कर रही है और अगली सुनवाई जल्द होने की उम्मीद है. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपनी आखिरी साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा है कि भारत ने फैसले के खिलाफ "पहले ही अपील दायर कर दी है"

इन नौसैन्य अधिकारियों को मिली मौत की सजा
नौसेना के जिन पूर्व अफसरों को कतर में फांसी की सजा दी गई है उनमें कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश शामिल हैं। जिस कंपनी देहरा ग्लोबल के लिए ये भारतीय काम करते थे, उसके सीईओ खामिल अल आजमी ओमान एयरफोर्स के अफसर रह चुके हैं। आजमी को भी पहले हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। 

क्या है पूरा मामला?

पिछले साल 25 अक्टूबर को मीतू भार्गव नाम की महिला ने ट्वीट कर बताया था कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर 57 दिन से कतर की राजधानी दोहा में गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में हैं. मीतू भार्गव कमांडर पूर्णेंदु तिवारी की बहन हैं.  इन अफसरों पर कथित तौर पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है. कतर की न्यूज वेबसाइट अल-जजीरा के रिपोर्ट के मुताबिक, इन अफसरों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियां इजरायल को देने का आरोप है.

हालांकि, कतर सरकार की ओर से इन पूर्व अफसरों पर लगाए गए आरोपों को लेकर कुछ खास जानकारी भारत सरकार के साझा नहीं की गई है. नौसेना से रिटायर्ड ये सभी अफसर दोहा स्थित अल-दहरा कंपनी में काम करते थे. ये कंपनी टेक्नोलॉजी और कंसल्टेसी सर्विस प्रोवाइड करती थी. साथ ही कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और सामान भी मुहैया कराती थी.

इस कंपनी को ओमान की वायुसेना से रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमीस अल आजमी चलाते थे. पिछले साल उन्हें भी इन भारतीयों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, नवंबर में उन्हें रिहा कर दिया गया था.

कौन हैं ये भारतीय?

नेवी के जिन आठ पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई है, उनके नाम- कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदू तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और राजेश हैं. इन सभी पूर्व अफसरों ने भारतीय नौसेना में 20 साल तक सेवा दी थी. नेवी में रहते हुए उनका कार्यकाल बेदाग रहा है और अहम पदों पर रहे हैं. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *