November 26, 2024

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का 100 किलोमीटर लंबा पुल बनकर तैयार

0

मुंबई

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन गलियारा परियोजना के लिए 100 किलोमीटर तक पुल (वायडक्ट) निर्माण और 230 किलोमीटर तक खंभे (पिअर) लगाने का काम पूरा हो चुका है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत निर्माण कार्य कर रही नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने यह जानकारी दी. रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो भी जारी किया. एनएचएसआरसीएल के अनुसार, इन पुलों में गुजरात की छह नदियों यानी वलसाड जिले में पार और औरंगा, नवसारी जिले में पूर्णा, मिंधोला, अंबिका और वेंगानिया पर पुल शामिल हैं.

100 किलोमीटर लंबा पुल तैयार

आसान शब्दों में कहें तो इस प्रोजेक्ट का 100 किलोमीटर लंबा पुल तैयार कर लिया गया है और 230 किलोमीटर के रास्ते पर पिलर तैयार कर लिए गए हैं. एनएचएसआरसीएल ने कहा कि 40 मीटर लंबे 'फुल स्पैन बॉक्स गर्डर्स' और 'सेगमेंटल गर्डर्स' के लॉन्च के माध्यम से 100 किमी वायाडक्ट्स के निर्माण का मील का पत्थर हासिल किया गया है. इसका वीडियो खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी जारी किया.

गुजरात की छह नदियों पर बना पुल

एनएचएसआरसीएल के अनुसार, पुल में गुजरात की छह नदियों पर बने पुल शामिल हैं, जिनमें वलसाड जिले में पार और औरंगा, साथ ही नवसारी जिले में पूर्णा, मिंधोला, अंबिका और वेंगानिया शामिल हैं. एनएचएसआरसीएल के मुताबिक, "परियोजना का पहला गर्डर 25 नवंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था, जबकि वायाडक्ट का पहला किलोमीटर छह महीने में 30 जून, 2022 को तैयार हो गया था. इसने 22 अप्रैल, 2023 को 50 किलोमीटर वायाडक्ट का निर्माण पूरा हुआ था और उसके बाद, छह महीने में 100 किलोमीटर का वायाडक्ट पूरा हो गया.

नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ( NHSRCL) के मुताबिक, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत 40 मीटर लंबे फुल स्पैन बॉक्स गर्डर्स और सेगमेंट गर्डर्स को जोड़कर 100 किमी तक वायडक्ट का निर्माण किया जा चुका है. वायडक्ट एक पुल जैसा स्ट्रक्चर होता है जो दो पिलर को आपस में जोड़ता है. वायाडक्ट कार्य के अलावा, परियोजना के लिए 250 किलोमीटर तक पिलर खड़े किए जा चुके हैं.

ट्रैक बेड बिछाने का काम भी शुरू

इसके अलावा, जापानी शिंकानसेन में इस्तेमाल होने वाले प्रबलित कंक्रीट (आरसी) से मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर ट्रैक सिस्टम के लिए ट्रैक बेड बिछाने का काम भी सूरत में शुरू हो गया है. बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है.

शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, केंद्र सरकार एनएचएसआरसीएल को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी, जबकि गुजरात और महाराष्ट्र 5,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे. बाकी लागत जापान से 0.1 प्रतिशत ब्याज पर ऋण के माध्यम से है. बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव सितंबर 2017 में अहमदाबाद में रखी गई थी. उम्मीद है कि ट्रेन लगभग दो घंटे में 500 किमी से अधिक की दूरी तय करेगी.

कितना काम हुआ पूरा?
एनएचएसआरसीएल ने कहा, ‘‘परियोजना का पहला गर्डर 25 नवंबर, 2021 को लगाया गया था और छह महीने में यानी 30 जून, 2022 तक एक किलोमीटर तक पुल तैयार हो गया था. इस साल 22 अप्रैल को 50 किलोमीटर पुल निर्माण का काम पूरा कर लिया गया और फिर इसके छह महीने में 100 किलोमीटर तक पुल बना लिया गया.’’ उसने बताया कि इसके अलावा परियोजना के लिए 250 किलोमीटर तक खंभे लगाने का काम भी पूरा हो चुका है और निर्मित पुल के किनारे शोर अवरोधक लगाने शुरू कर दिए गए हैं.

कितनी है लागत?
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल गलियारा परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है. शेयरधारण प्रणाली के अनुसार, केंद्र सरकार एनएचएसआरसीएल को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी, जबकि गुजरात सरकार पांच हजार करोड़ रुपये और महाराष्ट्र सरकार भी इतनी ही राशि का भुगतान करेगी. बाकी लागत जापान से 0.1 प्रतिशत ब्याज पर ऋण के माध्यम से पूरी की जा रही है. बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव सितंबर 2017 में अहमदाबाद में रखी गई थी. ट्रेन के लगभग दो घंटे में 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने की उम्मीद है.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *