भाजपा के गढ़ भोपाल-नर्मदापुरम् के नतीजों से रिकॉर्ड टूटेंगे या दिल!
भोपाल
भोपाल और नर्मदापुरम संभाग को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है। यहां की 36 में से अधिकांश सीटों पर भाजपा विधायकों की संख्या ज्यादा रहती है। यह क्षेत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रभाव वाला रहा है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का भी प्रभाव इसी क्षेत्र के राजगढ़, भोपाल और सीहोर में माना जाता है। इसके अलावा यह क्षेत्र ऐसा हैं जहां से कांग्रेस ने 230 सीटों में से दो मुस्लिमों को टिकट दिया है। वहीं नर्मदापुरम् में भाई-भाई पहली बार आमने सामने हैं, वहीं दूसरी बार मुलताई से चाचा और भतीजे का मुकाबला है। वर्ष 2018 में हुए चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा के पास 24 सीटें थी, जबकि 12 सीटें कांग्रेस के पास थी।
मुख्यमंत्री चौहान की लीड पर नजर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी से एक बार फिर मैदान में हैं। वे पिछले दो चुनाव में भारी मतों से चुनाव जीत रहे हैं। इस बार भी उनकी जीत तय मानी जा रही है, लेकिन वे कितने वोटों से जीतेंगे इस पर पूरे प्रदेश की नजर हैं। कांग्रेस ने इस बार उनके खिलाफ विक्रम मस्ताल को चुनाव में उतारा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दोनों संभागों के चार जिलों में सीधा प्रभाव है। सीएम का विदिशा, रायसेन, सीहोर के साथ ही नर्मदापुरम् जिले में सीधा प्रभाव है।
भाई-भाई का मुकाबला
नर्मदापुरम् में भाजपा उम्मीदवार सीतासरन शर्मा और कांग्रे्रस उम्मीदवार गिरजा शंकर शर्मा चुनाव मैदान में हैं। यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। नर्मदापुरम् में पहली बार भाई-भाई के बीच में मुकाबला हो रहा है। इसलिए यहां का चुनाव रोचक हो गया है। गिरजा शंकर शर्मा हाल ही में भाजपा से कांग्रेस में आए थे और उन्हें पार्टी ने टिकट दे दिया।
कितने मुस्लिम विधायक पहुंचेंगे सदन में
भाजपा ने इस बार किसी भी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनाया, कांग्रेस ने दो टिकट दिए,दोनों ही सीट भोपाल में ही हैं। मध्य से विधायक आरिफ मसूद और उत्तर से आतिफ अकील मैदान में हैं। दोनों का मुकाबला कड़ा है। प्रदेश में इन दोनों उम्मीदवारों के चुनाव परिणाम पर इसलिए भी नजर हैं कि इसबार सदन में कितने मुस्लिम विधायक पहुंचेंगे।
चाचा-भतीजे का मुकाबला
हरदा जिले के टिमरनी सीट पर चाचा संजय मकडई और भतीजे अभिजीत शाह के बीच में मुकाबला है। दोनों के बीच पिछले चुनाव में भी मुकाबला हुआ था, जिसमें चाचा ने बाजी मार ली थी। इस बार भी यहां पर रोचक मुकाबला बना हुआ है।
विदिशा पर भी नजर
विदिशा का टिकट भाजपा ने सबसे आखिरी में दिया था। उम्मीदवार के चयन पर भाजपा का इतना मंथन देख यह सीट प्रदेश भर में चर्चित हो गई। इस सीट पर भाजपा के मुकेश टंडन का मुकाबला विधायक एवं कांग्रेस उम्मीदवार शशांक भार्गव से है।