राजस्थान में तीन चुनावों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की ज्यादा वोटिंग?
श्रीगंगा नगर.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए जारी प्रचार गुरुवार शाम थम गया। शनिवार (25 नवंबर) को 200 सदस्यीय विधानसभा में से 199 सीटों पर मतदान कराया जाएगा। श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
इस बीच चुनाव आयोग अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी लोगों को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, ताकि राज्य में शत-प्रतिशत मतदान हो। जहां बुजुर्गों के लिए वोट फ्रॉम होम सुविधा शुरू की गई है, वहीं दिव्यांगों के लिए मतदान आसान बनाने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि राजस्थान में इस बार कितने मतदाता डालेंगे वोट? राज्य में पिछले तीन चुनावों में मतदान कैसा रहा है? किस पार्टी के पक्ष में कितने लोगों ने वोट डाले? महिला मतदाताओं की भागीदारी कैसी रही है? राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रदेश में कुल 5.29 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें से 2.74 करोड़ पुरुष और 2.53 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। 624 मतदाता थर्ड जेंडर हैं। वहीं, 18-19 साल के 22.71 लाख वोटर इस चुनाव में पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
2018 में मतदान के आंकड़े कैसे थे?
राजस्थान विधानसभा के लिए चुनाव 7 दिसंबर 2018 को हुए थे, जबकि परिणाम 11 दिसंबर 2018 को घोषित हुए। अलवर की रामगढ़ सीट छोड़कर बाकी 199 सीटों पर मतदान हुआ। रामगढ़ सीट पर बसपा के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को पटखनी देते हुए 99 सीटें जीतीं। वहीं भाजपा को 73, मायावती की पार्टी बसपा को छह तो अन्य को 20 सीटें मिलीं। पिछली बार के मत प्रतिशत के आंकड़े देखें तो, राज्य में 74.06% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। इनमें से पुरुषों की मतदान में भागीदारी 73.49% और महिलाओं की 74.67% थी। पार्टीवार आंकड़े देखें तो, 2018 में राज्य में सत्ता में लौटने वाली पार्टी कांग्रेस को 39.30% लोगों ने वोट दिए थे। वहीं भाजपा के लिए राज्य के 38.77% लोगों ने मतदान किया था। पिछली चुनाव में जिलेवार मतदान के आंकड़े देखें तो जैसलमेर सबसे आगे था। जैसलमेर में 85.28% लोगों ने वोट किया था। इसके बाद हनुमानगढ़ में 83.32% और बांसवाड़ा में 83.01% वोटिंग दर्ज की गई थी। वहीं, सबसे कम मतदान वाले जिले देखें तो पाली में महज 65.35% वोटिंग हुई थी। इसके बाद सवाई माधोपुर में 68.05% और सिरोही में 68.74% मतदान हुआ था।
2013 में कैसा था मतदान का ट्रेंड?
13 दिसंबर 2013 को राजस्थान में विधानसभा चुनाव कराया गया था। हालांकि, चूरू विधानसभा क्षेत्र में बसपा उम्मीदवार जगदीश मेघवाल की हार्ट अटैक से मृत्यु के बाद स्थगित कर दिया गया था। इस चुनाव में प्रदेशभर में 75.04% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। इनमें से पुरुषों का मतदान में योगदान 75.44% और महिलाओं का 74.67% था। वहीं जब चुनाव के नतीजे आए तो अकेले 163 सीटें भाजपा के खाते में गई थीं। इस तरह से पूरे राज्य में पार्टी के लिए मतदान 45.17% हुआ था। दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस को महज 21 सीटें ही मिल सकी थीं। देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए यहां 33.07% लोगों ने वोट किए थे। इसके बाद 3.37% वोट शेयर के साथ मायावती की पार्टी बसपा ने तीन सीटें जीती थीं। बाकी 10 सीटों पर निर्दलीय और अन्य उम्मीदवार विजयी हुए थे।
2008 में किसके पक्ष में हुई थी वोटिंग?
4 दिसंबर 2008 को राजस्थान में विधानसभा चुनाव कराया गया था। वहीं परिणाम 8 दिसंबर 2008 को घोषित हुए थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करते हुए 96 सीटें जीती थीं। वहीं भाजपा को 78, मायावती की पार्टी बसपा को छह तो अन्य को 20 सीटें मिलीं। इस चुनाव के मत प्रतिशत के आंकड़ों पर गौर करें तो, प्रदेश में 66.25% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। इनमें से पुरुषों की मतदान में भागीदारी 67.10% और महिलाओं की 65.31% थी। पार्टीवार आंकड़े देखें तो, कांग्रेस के पक्ष में 36.82% लोगों ने वोट दिए थे। वहीं भाजपा के लिए 34.27% लोगों ने मतदान किया था।