लोक निर्माण विभाग वीआईपी कल्चर से उबरे-जहां वास्तविक गड्ढे हैं डामरीकरण वहां हो : विजय झा
रायपुर
रायपुर शहर में लोक निर्माण विभाग द्वारा किए जा रहे डामरीकरण में विभाग के अधिकारी अभी भी वीआईपी कल्चर से नहीं उबरे हैं। जो रोड बनाए जा रहे हैं वह पहले से चिकनी रोड है, वही थुक पॉलिश कर, राज भवन, कलेक्टर, एसपी महापौर के निवास के आसपास ऐसे जगह नगरीकरण हो रहा है। जहां वीआईपी लोगों का आना-जाना रहना बसना होता है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और रायपुर दक्षिण के प्रत्याशी विजय कुमार झा ने आरोप लगाया है कि बड़े लोगों को खुश करने जहां रोड पूर्व से सामान्य चिकनी हैं। इस पर ही थुक पॉलिश कर डामरीकरण किया जा रहा है। प्रदेश के अधिकारी जनता के खून पसीने की कमाई के पैसे का सदुपयोग करने का ही शासकीय सेवा में प्रतिज्ञा लेते हैं। किंतु दुर्भाग्य है जितना संभव हो सके सरकारी पैसे का दुरुपयोग ही किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में कहावत है सैया भये कोटवार तो डर काहे का। उच्च अधिकारी मंत्री आदि को पटाकर अधिकारी भी सरकार के अंतिम समय में खेला कर रहे हैं। पुरानी बस्ती, लाखे नगर, चंगोराभाठा, भाठागांव रायपुरा, आदि क्षेत्रों में भयानक गड्ढे हैं। डामरीकरण वहां किया जाना चाहिए। जिन क्षेत्रों में किए गए हैं, उस डामरीकरण से भी लोग दोपहिया वाहन से गिरकर चोटिल हो रहे हैं। क्योंकि आधे रोड बनाए गए हैं। आधे छोड़ दिए गए हैं। दो पहिया वाहन के पीछे जब चार पहिया वाहन जाकर तेज हॉर्न बजाते हैं, तो मजबूरी में नए बनाए गए रोड से नीचे उतरना पड़ता है या कभी नीचे से नए बने रोड में चढना पड़ता है। इस कारण वाहने स्लिप होती हैं। जिससे अनेक दुर्घटनाएं भी हो रही है। आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता इन बातों का ध्यान में रखकर केवल बिल बनाने ठेकेदार को भुगतान करने तक सीमित न रहे, बल्कि राजधानी की जनता की परेशानी को दूर करने के लिए जिन रोड में वास्तविक गड्ढे हैं। उसका सर्वे कराकर वही डामरीकरण किया जावे। यह छत्तीसगढ़ और रायपुर राजधानी की जनता का दुर्भाग्य है कि नगर निगम, लोक निर्माण विभाग एवं स्मार्ट सिटी में आपसी सामंजस्य न होने के कारण बनी हुए नई सड़कों पर फिर से गड्ढे खोदकर उसे बर्बाद किया जाता है। अच्छा होता कि लोक निर्माण विभाग, स्मार्ट सिटी के खुदाई के कार्य को पूर्ण हो जाने के बाद उनके एनओसी मिलने पर ही नई सड़क बनाई जाती। अब अंडरग्राउंड इतने खोदाई कर नल पाइप, विद्युत पाइप व नल जल योजना के कनेक्शन लगाए गए हैं कि सड़क बार-बार खोदनी पड़ेगी। जिससे जनता, सरकार दोनों के आर्थिक मानसिक शारीरिक क्षति होगी।