November 25, 2024

पापा को देख बेतहाशा दौड़ पड़ा 9 साल का मासूम, 50 दिनों के बाद हमास के चंगुल से रिहाई

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नई दिल्ली.

इजरायल और हमास के बीच हुए समझौते के मुताबिक युद्ध विराम के दूसरे दिन शनिवार को हमास ने एक घंटे की देरी से 13 इजरायली नागरिकों को रिहा किया, जिनमें आठ बच्चे हैं। इनके अलावा रिहा होने वालों में चार माताएं और एक युवती हैं।  कुल 17 लोगों की रिहाई वाली टीम में चार थाई नागरिक भी हैं, जिन्हें 7 अक्टूबर को हमला कर हमास के आतंकियों ने अगवा कर लिया था। इन सभी की रिहाई 50 दिनों बाद हुई है। रिहाई के बाद जब इजरायली बंधक अपने परिजनों से मिले तो, उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा।

खुशी के पलों को उजागर करते इसी तरह की एक घटना का वीडियो श्नाइडर मेडिकल सेंटर ने जारी किया है, जिसमें सात सप्ताह की कैद के बाद हमास के चंगुल से रिहा हुआ 9 साल का एक बच्चे को अपने पिता की तरफ दौड़कर भागते हुए दिखाया गया है।
समझौते के मुताबिक, शुक्रवार को हुई पहली रिहाई में हमास ने 240 बंधकों में से 13 इजरायली महिलाओं और बच्चों को रिहा कर दिया। एक अलग समझौते के तहत, 10 थाई नागरिकों और एक फिलिपिनो नागरिक सहित कुल 11 विदेशी नागरिकों को भी हमास ने शुक्रवार को रिहा कर दिया। इजरायली मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, हमास ने 13 इजरायलियों के एक समूह को मिस्र ले जाने के लिए रेड क्रॉस को सौंप दिया। शनिवार को रिहा किए गए अधिकांश इजरायली बंधक दक्षिणी इजरायल के किबुत्ज़ बेरी से हैं, जिन्हें पिछले महीने 7 अक्टूबर को हमास के आतंकी हमले के दौरान बंधक बना लिया गया था। तब गाजा की तरफ से आए हजारों हमास आतंकियों ने दक्षिणी इज़राइल पर हमला बोल दिया था  लगभग 1,200 लोगों को मार डाला था और लगभग 240 लोगों को अगवा कर लिया था। इनमें से अधिकांश नागरिक थे, जो उस वक्त या तो अपने घरों में थे या वे सभी एक आउटडोर संगीत समारोह में भाग ले रहे थे।

इजरायल और हमास के बीच कतर की मध्यस्थता वाले संघर्ष विराम समझौते के तहत, चार दिनों की अवधि में कुल 50 बंधकों की रिहाई की जानी है, इसके बदले में 150 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई इजरायल द्वारा की जानी है, जिनमें से कुछ को अवैध हथियार रखने के आरोप और हिंसक अपराधों में दोषी ठहराया गया है। चार दिनों के अस्थायी संघर्ष विराम में इजरायली सेना, हमास और अन्य सशस्त्र शाखाओं के बीच गाजा में युद्धविराम का भी आह्वान किया गया है। इस मध्यस्थता में कतर के अलावा मिस्र, ईरान और तुर्की ने अहम भूमिका निभाई है। अमेरिका इस मध्यस्थता की निगरानी कर रहा था।

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