November 25, 2024

सत्ता पाने के लिए बी तैयार, कांग्रेस-बीजेपी बागियों को फिर से बन सकते हैं दोस्त

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 भोपाल  

विधानसभा चुनाव में सत्ता पाने के मैजिक फिगर से यदि दोनों ही दल कुछ दूर रहे तो उनके अपनी ही पार्टी के बागी फिर से दोस्त बन सकते हैं। दरअसल वर्ष 2018 के चुनाव में दोनों ही दलों सत्ता के लिए जरुरी 116 सीटों के आंकडे तक नहीं पहुंच सके थे। इस बार भी यदि ऐसी स्थिति की संभावना को ध्यान में रखकर भाजपा और कांग्रेस प्लान बना रहे हैं।  जैसे-जैसे मतगणना की तारीख नजदीक आती जा रही है, बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी भी जीत-हार का गणित लगा रहा है। यदि वर्ष 2018 की स्थित इस बार भी बनी तो उसका तत्काल हल निकालते हुए सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और भाजपा  प्लान बी यानि सत्ता तक पहुंचने का रास्ता तैयार कर रहें हैं। भाजपा और कांग्रेस ने प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है। दरअसल  प्रदेश में चुनाव नतीजों को लेकर फिलहाल यह आमधारणा बनी है कि  काटें की टक्कर भाजपा और कांग्रेस में है।

भाजपा के प्लान बी में इनका साथ लेने का होगा प्रयास
भाजपा  सूत्रों की मानें तो 2018 की गलतियों से सबक लेकर रणनीतिकार ऐसी संभावनाओं को लेकर पहले से तैयारी करना चाहते है कि यदि सरकार बनाने के लिए बहुमत से कुछ सदस्य कम हुए, तो निर्दलीय, बसपा या दूसरे दलों से जीते विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने अपना रास्ता साफ कर लें । इसके लिए प्लान बी पर बीजेपी काम कर सकती है। पार्टी सबसे पहले इस प्लान के तहत अपने उन लोगों को साधने का काम करेगी जो फिलहाल पार्टी से बगावत कर विधानसभा चुनाव में लड़ रहे हैं। इनमें से जो जीते उन्हें सरकार में शामिल कर अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि पार्टी ने ऐसे सभी बागी उम्मीदवारों को अभी पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाते हुए उनका निष्कासन कर दिया है। बीजेपी की नजर ऐसे प्रत्याशियों पर है, जिन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ा और अब वे जीत के मुहाने पर बताए जा रहे है ,बगावत कर बसपा, निर्दलीय या अन्य दलों से एक दर्जन से ज्यादा प्रत्याशी जो मजबूत स्थिति में है और परिणाम उनके पक्ष में जा सकता है।

कांग्रेस का भी प्लान बी तैयार
कांग्रेस का भी सत्ता को लेकर प्लान बी तैयार है। कांग्रेस इस बार पुरानी गलतियों से सबक ले चुकी है। इसलिए वह कई तरह से प्लान बना रही है। चुनाव जीतकर आने वाले बागी नेताओं पर उसका फोकस तो रहेगा ही साथ ही सत्ता पाने के लिए उसकी भाजपा से निकट की टक्कर वाली स्थिति बनी तो अपने विधायकों को सुरक्षित राज्य में भेजने के प्लान भी उसका तैयार है।

कांग्रेस के बागी
महू से अंतर सिंह दरबार
गोटेगांव से शेखर चौधरी
आलोट से पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू
सिवनी मालवा से ओम रघुवंशी
धार से कुलदीप बुंदेला
बड़नगर से राजेंद्र सोलंकी
मल्हारगढ़ से श्यामलाल जोकचंद
जतारा से आरआर बंसल
नागोद से यादवेंद्र सिंह

भाजपा की इन पर नजर
मुरैना में बसपा प्रत्याशी राकेश रुस्तम सिंह
सीधी से केदारनाथ शुक्ल
लहार से बसपा प्रत्याशी रसाल सिंह
चाचौड़ा से आप प्रत्याशी ममता मीणा
भिंड से बसपा प्रत्याशी संजीव कुशवाहा
टीकमगढ़ से केके श्रीवास्तव
राजनगर से बसपा प्रत्याशी घासीराम पटेल
बुरहानपुर से हर्ष चौहान
जोबट से माधौ सिंह डाबर
होशंगाबाद से भगवती चौरे

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