September 23, 2024

हमीदिया अस्पताल में हर वार्ड के चिकित्सकों को देंगे टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी के लिए प्रशिक्षण

0

भोपाल.
टीबी के खिलाफ देश में महाअभियान चला हुआ है। इसमें विभाग के साथ समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा भी निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इसके नतीजे भी निकल रहे हैं। सरकार का मानना है कि टीबी रोगियों के साथ उनके संपर्क में आए स्वजन व अन्य लोगों की स्क्रीनिंग व दवा भी जरूरी है।

राजधानी के हमीदिया अस्पताल में अब इसके लिए टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी (टीपीटी) कार्यक्रम उन सभी के लिए चलाया जाएगा कि जिनमें किसी भी तरह से टीबी को हराया जा सकता है। गांधी मेडिकल कालेज के डीन डा.सलिल भार्गव ने बताया कि इसे लेकर हमीदिया के सभी विभाग के प्रभारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाना है। अभी बाहर से प्रशिक्षण प्राप्त कर चिकित्सक लौटे हैं।

उन्होंने बताया कि इसमें क्षय रोगी के परिवार के लोगों को छह महीने तक क्षय रोग की प्रतिरोधी दवा आयु के हिसाब से दी जाती है। डा.सलिल भार्गव ने बताया कि क्षय रोग को समाप्त करने में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सामाजिक संगठनों, आम जन, प्राइवेट चिकित्सकों तथा अन्य लोगों को समन्वित रुप से आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों के इलाज के साथ ही उनके पोषण में भी सहयोग आवश्यक है, तभी इस रोग को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

एक मरीज से 15 व्यक्तियों तक प्रसार
राष्ट्रीय क्षय रोग जिला अधिकारी डा. मनोज वर्मा बताते हैं कि यदि किसी आदमी को फेफड़े की टीबी है तो वह कम से कम 15 व्यक्तियों को टीबी फैलाता है। इसलिए टीबी मरीजों के परिवार के लोगों के उपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

टीबी से ग्रस्त मरीज के परिवार को टीपीटी कार्यक्रम से जोड़ें
डीन डा. भार्गव बताते हैं कि क्षय रोग के टीपीटी कार्यक्रम को अपनाकर ही क्षय रोग को समाप्त किया जा सकता है। क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए बेहतर कार्य करने की जरुरत है। यदि कोई व्यक्ति टीबी से ग्रस्त है तो उसके परिवार को टीपीटी कार्यक्रम से जोड़ें।

इनका कहना है
प्रिवेंटिव थैरेपी के लिए विभाग के कुछ चिकित्सकों को प्रशिक्षण मिला है। इसी आधार पर अब भोपाल हमीदिया अस्पताल में काम करने वाले चिकित्सकों को भी टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले मरीजों को टीपीटी से जोड़े जाने की योजना है।
डा. सलिल भार्गव, डीन गांधी मेडिकल कालेज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *