अखिलेश ने कहा- डेंगू जैसी सामान्य बीमारी का भी इलाज नहीं कर पा रही सरकार, CM योगी ने दिया ये जवाब
लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि हमारी सरकार जाति, मत और मजहब देखकर इलाज में मदद नहीं करती है। मुख्यमंत्री राहत कोष से हम चेहरा देखकर पैसा नहीं देते हैं। कोई भी व्यक्ति आवेदन करता है, उसकी जाति, उसका मत और मजहब नहीं देखा जाता है। वो पीड़ित राज्य का नागरिक है, उसको प्रदेश में, देश में या दुनिया में कहीं भी स्वास्थ्य की अच्छी सुविधा मिलती है तो मुख्यमंत्री राहत कोष से हम पैसा देने में कोई कोताही नहीं करते हैं।
सरकार बगैर भेदभाव के सभी जरूरतमंदों को इलाज के लिए धनराशि उपलब्ध कराती है। विपक्ष के सदस्यों ने भी किसी जरूरतमंद का प्रस्ताव भेजा तो उसे भी सरकार ने मदद दी है। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सपा सदस्यों द्वारा डेंगू को लेकर उठाए गए मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि याद रखना ये डबल इंजन की सरकार है, ये कहती नहीं बल्कि करके दिखाती है।
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को डेंगू का इलाज नहीं मिल रहा और मरीज प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए मजबूर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने डेंगू पर जैसा प्रश्न किया, वैसा ही उन्हें उत्तर मिल रहा है। जब प्रश्न ही उल्टा था तो उस उल्टे प्रश्न को हम सही करके जवाब दे रहे हैं। अभी तो आपने आधा ही जवाब सुना है, पूरा सुनेंगे तो पुराना इतिहास याद आने लगेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अंदर 10 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये प्रति वर्ष का स्वास्थ्य बीमा सरकार उपलब्ध करा रही है। किसी भी अस्पताल चाहे वो सरकारी हो या प्राइवेट अस्पताल में उसे सभी सुविधाएं मिल रही हैं। पूरा सदन गवाह है कि हर सदस्य को सदन के द्वारा अपनी निधि से 25 लाख रुपये सालाना देने का अधिकार दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू को लेकर सरकार पहले से ही जागरूक थी। अंतरविभागीय समन्वय से संचारी रोग नियंत्रण के लिए सरकार ने गंभीर प्रयास किया है। आपने सिर्फ डेंगू की बात की है, लेकिन जब वेक्टर बांड बीमारियों की बात करते हैं तो उसमें डेंगू के साथ मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार जैसी बीमारियां भी आती हैं। इनके उपचार के लिए सरकार ने समन्वित प्रयास किया है। संचारी रोग नियंत्रण के लिए विशेष अभियान वर्ष में तीन बार चलाया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने सिर्फ डेंगू की चिंता की, डेंगू पूरी तरह से नियंत्रण में हैं जो सरकार के द्वारा समय से उठाए गए कदमों का परिणाम है। यह एक प्रकार का फ्लू है। इसका अपना चक्र होता है। बहुत सारे ऐसे वायरस होते हैं जो प्लेटलेट्स काउंट को कम करते हैं। हम उस स्थिति में प्लेटलेट्स की अतिरिक्त आपूर्ति करते हैं। इसके लिए हर जिले में ब्लड सेपरेटर यूनिट दी जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने अंत में फिर अखिलेश यादव और सपा पर हमला करते हुए कहा कि समस्या इस बात की नहीं है कि हम समस्या के समाधान की ओर जाएं, समस्या केवल हर मुद्दे का राजनीतिकरण करके समाज में अव्यवस्था पैदा करना है। लोगों में असंतोष पैदा करने का जो कुत्सित प्रयास किया जाता है वो तो कोरोना कालखंड में भी लोगों ने देख लिया था, जब आप लोगों को बहका रहे थे कि वैक्सीन मत लगवाना, ये तो मोदी वैक्सीन है। परिणाम क्या है, मोदी जी के शासनकाल में, उनके मार्गदर्शन में हमारे वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई दोनों वैक्सीन दुनिया की सबसे प्रभावी वैक्सीन हैं। दुनिया के तमाम देशों में कोरोना महामारी के मामले बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। भारत और उत्तर प्रदेश में कोरोना नियंत्रित है।
डेंगू जैसी सामान्य बीमारी का भी इलाज नहीं कर पा रही सरकार: अखिलेश
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने इससे पहले भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि डेंगू जैसी सामान्य बीमारी का जो इलाज सरकार नहीं कर पा रही है वह एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था का सपना देख रही है। भाजपा के पूर्व सांसद के बेटे को पीजीआइ में इलाज नहीं मिल पाया। एंबुलेंस समय पर नहीं आती है। अस्पताल पहुंच भी गए तो स्ट्रेचर नहीं है। तीमारदार गोद में उठाकर मरीजों को ले जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा है तो निजी अस्पतालों में मरीजों से लूट हो रही है।
राजधानी लखनऊ में ही एक मरीज को एंबुलेंस में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल करीब नौ घंटे भटकता रहा। सपा के लालजी वर्मा ने कहा कि डेंगू से इस बार जिस तरह से मौतें हुईं हैं उससे साफ है कि अस्पतालों पर ध्यान नहीं दिया गया। अस्पतालों में प्लेटलेट्स तक नहीं हैं। डेंगू से मरने वालों के स्वजन को सरकार 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दे। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने आपको पैदल कर दिया है। न तो महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा और न ही महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आप बना पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अंत में पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री व सपा विधायक लालजी वर्मा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि काफी समय हो गया है मंत्री पद से हटे हुए तो आप भूल गए होंगे तो आपके संज्ञान में लाने के लिए सरकार ने ये जानकारी दी है। आप इधर होते तो हो सकता है कि कुछ लालीपाप मिल भी जाता, लेकिन वहां रहकर आपको कभी कुछ नहीं मिलना है।
शोर मचाना सपा नेताओं के डीएनए में: ब्रजेश पाठक
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि डेंगू पूरी तरह से काबू में है। स्वास्थ्य महकमा प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को उच्च कोटि की चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करा रहा है। साल 2017 से पहले अस्पतालों की जो हालत थी, विपक्ष को उसकी तुलना आज की तस्वीर से करनी चाहिए। आज का न्यू उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि शोर मचाना और नियमों का उल्लंघन करना समाजवादी पार्टी के डीएनए में है। उन्होंने कहा कि वे खुद प्रतिदिन तीन-चार अस्पतालों का निरीक्षण करते हैं। विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके मंत्री पांच वर्ष में पांच अस्पताल भी नहीं पहुंच सके थे।