पुतिन सरकार के खिलाफ उतरीं सैनिकों की पत्नियां
मॉस्को
यूक्रेन से रूसी सैनिकों की वापसी के लिए चल रहा आंदोलन पिछले कई हफ्तों से रूस में जोर पकड़ रहा है। महिलाएं रूसी शासन से उनके पतियों और बेटों की वतनवापसी की मांग कर रहे हैं। क्रेमलिन के खिलाफ आंदोलन कर रही महिलाओं में एक वीडियो संदेश में कहती है, यूक्रेन में लड़ने के लिए एक साल पहले गए सैनिकों को अब घर भेजना चाहिए। वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं? हमारी सेना आज भले ही दुनिया की सबसे अच्छी सेना बन गई हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस सेना को अंतिम सैनिक तक वहीं रहना चाहिए।"
देश के लिए वीरता दिखाई, अब सैनिकों को घर लौटने दें
आंदोलन कर रही महिलाओं की मांग है कि अगर यूक्रेन में लड़ रहे सैनिकों ने वीरतापूर्ण काम किया है। ईमानदारी से अपने देश के लिए खून बहाया, तो शायद अब उन्हें अपने परिवार में लौटने की अनुमति मिल जानी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।"
वादा निभाए रूसी सरकार
एक तरफ रूस के विभिन्न शहरों में महिलाएं पुतिन सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रही हैं और अपने पतियों की वतनवापसी के लिए आंदोलन कर रही हैं। दूसरी तरफ क्रेमलिन का तर्क है कि रूसी सैनिकों की अभी यूक्रेन में जरूरत है और वे मातृभूमि की रक्षा के लिए वहां तैनात हैं। आंदोलनकारी महिलाओं ने रूसी सरकार के इस बयान को सिरे से खारिज कर दिया है। महिलाओं का कहना है कि सरकार ने उनसे वादा किया था कि जब रूसी सैनिक यूक्रेन में अपना काम पूरा कर लेंगे तो यू्क्रेन से उन सैनिकों की वापसी कराई जाएगी लेकिन, अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है।